घर
हाल ही में एक मित्र की कैंसर से मृत्यु हो गयी जो अपनी आजीविका के लिए मकान बेचा करती थी l पैट्सी के विषय अपनी यादें तरोताज़ा करते समय, मेरी पत्नी सू ने याद किया कि बहुत वर्ष पूर्व पैट्सी ने एक व्यक्ति को मसीह में विश्वास करने में मार्गदर्शन किया था और वह हमलोगों का अच्छा मित्र बन गया था l
यह याद करना कितना उत्साहजनक है कि पैट्सी न केवल परिवारों को हमारे समुदाय में रहने के लिए घर पाने में सहायता करती थी, बल्कि वह दूसरों को यह सुनिश्चित करने में भी सहायता करती थी कि उनके पास एक अनंत घर है l
हमारे लिए क्रूस तक जाने की तैयारी करते समय, यीशु ने हमारे अनंत घर के विषय भी गहरी रूचि दिखायी l उसने अपने शिष्यों से कहा, “मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ” और उनको याद दिलाया कि उसपर विश्वास करनेवालों के लिए उसके पिता के घर में पर्याप्त स्थान है (यूहन्ना 14:2) l
हम इस जीवन में रहने के लिए एक सुन्दर घर चाहते हैं – अपने परिवार के भोजन, विश्राम, और संगति के लिए एक विशेष स्थान l लेकिन विचार करें कि यह कितना आश्चर्यजनक होगा जब हम अगले जीवन में पहुँच कर यह जानेंगे कि परमेश्वर ने हमारे लिए अनंत घर का प्रबंध किया है l परमेश्वर की स्तुति हो जिसने हमें “बहुतायत का” जीवन के साथ-साथ वर्तमान में अपनी उपस्थिति देता है और उस स्थान पर भी देगा जो वह हमारे लिए तैयार कर रहा है (14:3) l
विचार करते हुए कि परमेश्वर ने यीशु पर विश्वास करनेवालों के लिए क्या रखा है, पैट्सी की तरह कार्य करने और दूसरों का यीशु से परिचय कराने के लिए चुनौती देता है l
परमेश्वर का छिपा हुआ हाथ
मेरे एक मित्र को एक अमरीकी मिशनरी जोड़े ने गोद लिया था और उसकी परवरिश घाना में हुयी थी l उसके परिवार के अमरीका लौटने के बाद, उसने कॉलेज की पढ़ाई आरम्भ की किन्तु किसी कारण से उसे छोड़ना पड़ा l बाद में, वह सेना में भर्ती हो गया, जिससे आख़िरकार वह कॉलेज की फीस दे सका और पूरा संसार घूम सका l इस दौरान, परमेश्वर कार्य कर रहा था, और एक विशेष भूमिका के लिए उसे तैयार कर रहा था l आज, वह अंतर्राष्ट्रीय पाठकों के लिए मसीही साहित्य लिखता और सम्पादित करता है l
उसकी पत्नी के जीवन की कहानी भी रुचिकर है l मिर्गी की बीमारी के लिए तेज़ दवाइयां लेने से वह अपने कॉलेज के प्रथम वर्ष में रसायन की परीक्षा में विफल रही l कुछ सावधानीपूर्वक विचारणा के बाद, उसने विज्ञान का अध्ययन छोड़कर अमरीकी संकेत भाषा की पढ़ाई शुरू कर दी जो उसके लिए संभव दिखाई दिया l उस अनुभव पर विचार करते हुए, वह कहती है, “परमेश्वर मेरे जीवन को एक बड़े उद्देश्य की ओर ले जा रहा था l” आज, वह बधिरों तक परमेश्वर का जीवन परिवर्तन करनेवाला वचन पहुंचा रही है l
क्या आपको कभी आश्चर्य होता है कि परमेश्वर आपको कहाँ ले जा रहा है? भजन 139:16 हमारे जीवनों में परमेश्वर के संप्रभु हाथ को स्वीकारता है : “तेरी आँखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब . . . दिन . . . तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे l” हमें नहीं मालूम परमेश्वर हमारे जीवनों की परिस्थितियों का उपयोग किस प्रकार करेगा, किन्तु हम इस ज्ञान में विश्राम पाते हैं कि परमेश्वर हमारे विषय सब कुछ जानता है और हमारे क़दमों को मार्गदर्शित करता है l उसके संप्रभु हाथ छिपे होने के बावजूद, वह सर्वदा उपस्थित है l
अकेला क्रिसमस
मैंने अपना सबसे अकेला क्रिसमस उत्तरी घाना के साकोगु के निकट अपने दादा के छोटे घर में बिताया था l मैं केवल पंद्रह वर्ष का था, और मेरे माता-पिता और भाई-बहन एक हज़ार किलोमीटर दूर थे l बीते वर्षों में, जब मैं उनके साथ और गाँव के मित्रों के साथ था, क्रिसमस हमेशा बड़ा और यादगार होता था l किन्तु यह क्रिसमस शांत और अकेला था l जब मैं सुबह क्रिसमस के दिन अपनी चटाई पर लेता हुआ था, मुझे एक स्थानीय गीत याद आ गया : साल ख़त्म हो गया है, क्रिसमस आ गया है; परमेश्वर का बेटा जन्मा है; शांति और आनंद सब के लिए l शोकाकुल ढंग से मैंने इसे बार बार गाया l
मेरे दादा ने आकर मुझसे पूछे, “यह कैसा गीत है?” मेरे दादा क्रिसमस– या मसीह के विषय नहीं जानते थे l इसलिए क्रिसमस के विषय जितना मैं जानता था उन्हें बता दिया l उन क्षणों ने मेरे अकेलेपन को रोशन कर दिया l
केवल भेंड़ और कभी-कभी परभक्षियों के साथ खेतों में, युवक चरवाहा दाऊद ने अकेलापन अनुभव किया l यह एकमात्र समय नहीं रहा होगा l बाद में उसने अपने जीवन में लिखा, “मैं अकेला और दीन हूँ” (भजन 25:16) l लेकिन दाऊद ने अकेलेपन को निराश करने की अनुमति नहीं दिया l इसके बदले, उसका गीत था : मुझे तेरी ही आशा है” (पद.21) l
समय-समय से हम सब अकेलापन का अनुभव करते हैं l आप क्रिसमस में कहीं भी रहें, अकेले या साथ में, आप मसीह के साथ इस मौसम का आनंद ले सकते हैं l
मदद
हमारे बच्चों ने इदाहो की ठंडी सर्दियों में पीछे के आँगन में आइस-स्केटिंग दौड़ के रोमांच का आनंद उठाया है l बचपन में, स्केटिंग सीखना उनके लिए चुनौती थी : बर्फ के कठोर सतह पर जानबूझ कर पैर रखने के लिए उन्हें विवश करना कठिन था क्योंकि वे गिरने की पीड़ा जानते थे l हर समय उनके पैर फिसलने पर, हम दोनों पति-पत्नी उनको पैर पर सीधे खड़े होने औरउनके शरीर को सीधा करने में सहायता करते थे l
गिरने पर हमें उठानेवाले सहयोगी हाथ एक वरदान है जो सभोपदेशक की पुस्तक में दिखाई देता है l दूसरे के साथ मिलकर काम करना हमारे कार्य को और मधुर और अधिक प्रभावशाली बना देता है (4:9), और मित्र हमारे जीवनों को स्नेही बनाते हैं l चुनौतियों का सामना करते समय, किसी की व्यवहारिक और भावनात्मक सहायता से मदद मिलती है l ऐसे सम्बन्ध हमें शक्ति, उद्देश्य, और आराम देते हैं l
जब हम जीवन की कठिनायों के ठन्डे बर्फ पर खुद को पराजित पाते हैं, क्या कोई सहायता करनेवाला हाथ आपके निकट होता है? यदि हाँ, तो यह परमेश्वर की ओर से है l या जब किसी और को मित्र की ज़रूरत हो, क्या हम उनको उठाने के लिए परमेश्वर की ओर से उत्तर हैं? सहचर बनकर, हमें भी अक्सर सहयोगी मिल जाता है l यदि हमें उठाने वाला कोई नहीं है, हम इस बात में विश्राम पाते हैं कि परमेश्वर हमारा अति सहज से मिलनेवाला सहायक है (भजन 46:1) l जब हम उसे पुकारते हैं, वह अपनी मजबूत पकड़ से हमें थाम लेता है l
परमेश्वर के वचन में बढ़ने के लिए आपकी और आपके परिवार की सहायता हेतु नव वर्ष के संसाधन!
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