Month: मई 2019

पत्थर एक लालसा

फर्नान्डो पेस्सोआ की पुर्तगाली कविता “ओडे मारीटीमा” की एक पंक्ति कहती है, “आह, हर घाट पत्थर की लालसा है!” पेस्सोआ की घाट भावनाओं का प्रतिरूप है जिसका हम अनुभव करते हैं जब एक जलयान धीरे-धीरे हमसे दूर जाता है l यह जलयान कूच कर जाता है परन्तु घाट वहीं रहता है, आशा और स्वप्न, वियोग और चाह की स्थायी स्मारक l हम खोयी हुयी वस्तुओं के लिए लालायित होते हैं, और उन बातों के लिए जिन तक हमारी पहुँच नहीं l

पुर्तगाली शब्द (saudade) जिसका अनुवाद “लालसा” है अतीत के लिए लालायित होने का सदर्भ देता है जो हम अनुभव करते हैं – एक गहरी लालसा जो परिभाषा को चुनौती देती है l कवि अवर्णनीय का वर्णन कर रहा है l

हम कह सकते हैं कि नबो पहाड़ मूसा की “पत्थर की लालसा” थी l नबो पहाड़ से उसने टकटकी लगाकर प्रतिज्ञात देश को देखा – एक देश जहां वह नहीं पहुंचनेवाला था l मूसा के लिए परमेश्वर के शब्द – “मैं ने इसको तुझे साक्षात् दिखला दिया है, परन्तु तू पार होकर वहाँ जाने न पाएगा” (व्यवस्थाविवरण 34:4) – कठोर प्रतीत हो सकते हैं l परन्तु यदि हम केवल यही देखते हैं, हम घटना के केंद्र से चूक जाते हैं l परमेश्वर मूसा से अत्यधिक आराम की बातें बोल रहा है : “जिस देश के विषय में मैं ने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, कि मैं इसे तेरे वंश को दूँगा वह यही है” (पद.4) l जल्द ही, मूसा नबो से कुछ करके कनान से कहीं बेह्तार देश में जानेवाला था (पद.5) l

जीवन हमें घाट पर खड़ा हुआ पाता है l प्रिय लोग चले जाते हैं; आशा धूमिल हो जाती है; स्वप्नों का अंत हो जाता है l इन सबके मध्य हम अदन की प्रतिध्वनि और स्वर्ग की झलक का अनुभव करते हैं l हमारी लालसाएं हमें परमेश्वर की ओर इंगित करती हैं l वही हमारी पूर्णता है जिसकी हम लालसा करते हैं l

प्रेम रुकेगा नहीं

जब मैं उन्नीस वर्ष की हो गयी, और वर्षों पहले जब मेरे पास पेजर या मोबाइल फ़ोन नहीं था, मैं अपनी माँ से कई सौ मील से अधिक की दूरी पर रहने चली गयी l एक दिन सुबह के समय, फोन पर नियोजित बातचीत का समय भूलकर, मैं बहुत सुबह रोज के काम के लिए निकल गयी l उस रात को, दो पुलिस वाले मुझसे मिलने आए l माँ चिंतित थी क्योंकि मैंने उनसे बात करने का मौका कभी नहीं छोड़ा था l बार-बार पुकारने के बाद और व्यस्त संकेत मिलने पर, उन्होंने अधिकारियों को सूचित कर उनसे मेरे विषय पता लगाने का निवेदन किया l उनमें से एक अधिकारी ने मेरी ओर मुड़कर कहा, “यह जानना आशीषमय है कि प्रेम आपको ढूँढने में नहीं रुकेगा l”

जब मैंने अपनी माँ को पुकारने के लिए फ़ोन उठाया, मैंने जाना कि मैंने भूल से रिसीवर को उसके उपयुक्त स्थान से अलग रख दिया था l मेरे क्षमा मांगने के बाद, उन्होंने कहा कि यह खुशखबरी परिवार और मित्रों को बताना ज़रूरी हैं जिन्हें उन्होंने हमारे गुम होने के विषय सूचित किया था l मैंने यह सोच कर फ़ोन रख दिया कि वह थोड़ा अति प्रतिक्रिया करेगी, यद्यपि यह अधिक प्रेम किया जाना अच्छा महसूस हुआ l

बाइबल परमेश्वर का जो प्रेम है, एक खुबसूरत तस्वीर बनाती है, जो लगातार अपने भटकनेवाले बच्चों को अपने निकट बुलाता है l एक अच्छे चरवाहा की तरह, वह हमारी चिंता करता है और हर एक खोयी हुयी भेड़ को ढूंढता है, परमेश्वर के हर एक प्रिय बच्चे की बहुमूल्य कीमत की पुष्टि करता है (लूका 15:1-7) l

प्रेम हमें कभी भी ढूंढना नहीं छोड़ता है l वह हमारा पीछा हमारे उसके पास लौटने तक करेगा l हम दूसरों के लिए प्रार्थना कर सकते हैं जिन्हें जानना है कि प्रेम – परमेश्वर – भी उनको ढूँढना नहीं छोड़ता है l

प्रभु प्रबंध करेगा

मेरे पूर्वस्नातक और स्नातक पाठ्यकर्मों के बीच गर्मियों में मेरी घबराहट बढ़ गयी l मुझे सब कुछ नियोजित रखना पसंद है, और राज्य से बाहर जाने का विचार और नौकरी के बिना स्नातक स्कूल में प्रवेश ने मुझे बेचैन कर दिया  l हालाँकि, कुछ दिन पहले मैंने अपनी गर्मियों की नौकरी छोड़ दी, मुझे दूर से/घर से ही कंपनी में काम जारी रखने के लिए कहा गया l मैंने स्वीकार कर ली और मुझे शांति मिली क्योंकि परमेश्वर मेरी चिंता कर रहा था l

परमेश्वर ने प्रबंध किया, परन्तु अपने समय में, मेरे समय में नहीं l अब्राहम की स्थिति अपने पुत्र इसहाक के साथ कहीं ज़्यादा कठिन थी l उससे अपने पुत्र को ले जाकर उसे उसके लिए पहाड़ पर बलिदान करने को कहा गया था (उत्पत्ति 22:1-2) l बगैर हिचकिचाहट के, अब्राहम ने आज्ञा मानी और इसहाक को वहाँ ले गया l क्या तीन दिनों ने अब्राहम को अपना मन बदलने के लिए प्रयाप्त समय नहीं दिया, परन्तु उसने नहीं बदला (पद.3-4) l

जब इसहाक ने अपने पिता से प्रश्न किया, अब्राहम का उत्तर था, “परमेश्वर होमबलि के लिए भेड़ का उपाय आप ही करेगा” (पद.8) l मुझे आश्चर्य है कि क्या हर कदम के साथ अब्राहम की घबराहट बढ़ती जा रही होगी जब वह इसहाक को वेदी पर बाँधा होगा और अपनी छुरी इंच- इंच करके उठाया होगा (पद.9-10) l स्वर्गदूत द्वारा उसे रोकने पर उसे कितना आराम मिला होगा! (पद.11-12) l परमेश्वर ने वास्तव में एक बलिदान, एक मेढ़ा का प्रबंध किया, जो एक झाड़ी में फंसा हुआ था (पद.13) l परमेश्वर ने अब्राहम के विश्वास की जांच  की, और उसने उसे विश्वासयोग्य ठहराया l और बिलकुल सही समय पर, परमेश्वर ने प्रबंध किया (पद.14) l

अकेलापन का मंत्री

अपने पति की मृत्यु के बाद, बेट्सी ने ज़्यादातर दिन अपने घर में टेलीविजन देखकर और अपने लिए चाय बनाकर व्यतीत किया है l वह अपने एकाकीपन में अकेले नहीं है l 90 लाख से अधिक ब्रिटेनवासियों(जनसंख्या का 15 फीसदी) का कहना है कि वे अक्सर या हमेशा अकेलापन का अनुभव करते हैं, और ग्रेट ब्रिटेन ने क्यों और कैसे सहायता की जा सकती है के लिए एकाकीपन का एक मंत्री नियुक्त किया है l

एकेलापन के कुछ कारण सबको पता हैं : अक्सर हम जड़ों को गहराई में ले जाने के लिए प्रयास करते हैं l हम भरोसा करते हैं कि हम अपनी चिंता कर सकते हैं, और हमारे पास बातचीत करने के लिए कारण नहीं है l हम तकनीक से अलग-थलग है – हममें से हर एक अपने खुद के अस्थिर चित्रपटों में मगन है l

मैं अकेलापन का अंधकारमय खतरा महसूस करता हूँ, और आप भी करते होंगे l इसीलिए हमें भी संगी विश्वासियों की आवश्यकता है l इब्रानियों हमें एक दूसरे के साथ नियमित रूप से इकठ्ठा होने के लिए उत्साहित करते हुए यीशु के बलिदान की अपनी गहरी परिचर्चा समाप्त करता है (10:25) l हम परमेश्वर का परिवार हैं, इसलिए हमें “भाईचारे की प्रीति” बनाए रखना है और “अतिथि-सत्कार करना नहीं भूलना [है] (13:1-2) l यदि हममें से हर एक प्रयास करेंगे, सभी लोग देखभाल का अनुभव करेंगे l

अकेले लोग संभतः हमारी दयालुता को लौटा नहीं पाएंगे, किन्तु हार मानने का यह कारण हो नहीं सकता है l यीशु ने हमें कभी नहीं छोड़ने की प्रतिज्ञा की है (13:5), और हम उसकी मित्रता का उपयोग दूसरों के लिए अपने प्रेम को बढ़ने के लिए कर सकते हैं l क्या आप अकेले हैं? आप परमेश्वर के परिवार की सेवा करने के लिए ढूँढ कौन से तरीके ढूँढ सकते हैं? आप जो मित्रता यीशु में करते हैं वो अनंत हैं, इस जीवन में और उसके बाद भी l