गाने का एक कारण
एक व्यक्ति के लिए जो नियमावली के अनुसार जीवन जीता है, कहने का अर्थ है कि, यह एक बड़ी हार महसूस हो रही थी l मैं क्या करता? ठीक है, मुझे नींद आ गयी l जब हमारे बच्चे शाम को बाहर जाते हैं उन्हें दिए गए समय में ही घर लौटना होता है l वे अच्छे बच्चे हैं, परन्तु मेरी आदत हो गयी है कि उनके हाथों से सामने वाले दरवाजे की घुंडी घुमाने की आवाज़ आने तक मैं इंतज़ार करूँ l मुझे ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है : मैंने ऐसा करने का चुनाव किया है l परन्तु एक रात मैंने अपनी बेटी को मुस्कराकर मुझे कहते हुए सुना, “पापा, मैं सुरक्षित हूँ l आपको सो जाना चाहिए l” हमारे श्रेष्ट इरादों के बावजूद, पिता अपने प्रहरी स्थानों पर सो जाते हैं l यह नम्र करने वाली बात थी, और यह मानवीय है l
परन्तु यह परमेश्वर के साथ कभी नहीं होता है l भजन 121 उसके विषय जो अपने बच्चों का निगहबान और संरक्षक हैं का पुनः आश्वस्त करनेवाला एक गीत है l भजनकार घोषित करता है कि परमेश्वर जो हमारी हिफ़ाजत करता है “कभी न ऊंघेगा” (पद.3) l और इस बात पर बल देने के लिए, वह पद.4 में इस सच्चाई को दोहराता है : वह “न ऊंघेगा और न सोएगा l”
क्या कभी आप कल्पना कर सकते हैं? परमेश्वर अपने प्रहरी स्थान पर कभी नहीं सोता है l वह सदैव हमारी हिफ़ाजत करता है – बेटा और बेटी और चाचा और चाची और माता, और पिता सभों की l यह इतना आवश्यक नहीं कि यह उसे करना होगा, परन्तु इसके बदले कि, अपने प्रेम के कारण, वह ऐसा करता है l इस प्रतिज्ञा के विषय गाने लायक है l
एक और मौका
हमारे पड़ोस के निकट दूसरा मौका साइकिल दूकान(Second Chance Bike Shop) पर, स्वयंसेवक अनुपयोगी साइकिलों की मरम्मत करके उन्हें ज़रूरतमंद बच्चों को उपहार स्वरुप देते हैं l दूकान के संस्थापक अर्नी क्लार्क ज़रूरतमंद व्यस्कों के साथ-साथ बेघर, निःशक्त, और सेवानिवृत सिपाहियों को भी साइकिल दान करते हैं जो असैनिक जीवन की ज़रूरतों से संघर्ष कर रहे होते हैं l केवल साइकिलों को ही दूसरा मौका नहीं मिलता परन्तु कभी-कभी इनको प्राप्त करनेवालों को भी नयी शुरुआत मिलती है l एक सेवानिवृत सिपाही अपनी नयी साइकिल से एक नौकरी के साक्षात्कार में गया l
दूसरा मौका किसी के जीवन को रूपान्तरित कर सकता है, विशेषकर जब दूसरा मौका परमेश्वर की ओर से मिलता है l मीका नबी ऐसे समय में इस तरह के अनुग्रह की सराहना करता है जब इस्राएल राष्ट्र घूसखोरी, बेईमानी, और दूसरे घिनौने पापों में घिसट रहा था l जिस प्रकार मीका दुखी हुआ, “भक्त लोग पृथ्वी पर से नष्ट हो गए हैं, और मनुष्यों में एक भी सीधा जन नहीं रहां” (मीका 7:2) l
परमेश्वर उचित रूप से बुराई को दण्डित करने वाला था, मीका यह जानता था l परन्तु प्रेमी होने के कारण, वह पश्चाताप करनेवालों को एक और मौका देने बाला था l इस प्रकार के प्रेम से दीन होकर, मीका पूछता है, “तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहाँ है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढाँप दे?” (पद.18) l
हम भी आनंदित हो सकते हैं कि यदि हम क्षमा मांग लेते हैं, परमेश्वर हमें हमारे पापों के कारण त्यागता नहीं है l जिस तरह मीका परमेश्वर के विषय घोषणा करता है, “वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा l तुम उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा” (पद.19) l
परमेश्वर का प्रेम उसके खोजनेवालों को दूसरा मौका देता है l
बुद्धिमत्ता द्वारा चकित
“ऐसा महसूस होता है जैसे मैं जितना वृद्ध होता जाता हूँ, तुम उतना ही बुद्धिमान होते जाते हो l कभी-कभी जब मैं अपने बेटे से बात करता हूँ मैं अपने मुँह से आपके शब्द निकलते हुए सुनता हूँ!”
मेरी बेटी की स्पष्टवादिता ने मुझे हँसाया l मैंने अपने माता-पिता के विषय उसी प्रकार महसूस किया और अपने बच्चों के परवरिश में अक्सर खुद को उनके शब्दों का उपयोग करते हुए पाया l जिसे मैंने किसी समय मुर्खता मानकर “ख़ारिज कर दिया था मेरे विचार में वे उससे भी अधिक बुद्धिमान साबित हुए – बस मैं पहले उसे पहचान नहीं पाया था l
बाइबल सिखाती है कि “परमेश्वर की मुर्खता” निपुण मानवीय बुद्धिमत्ता “से ज्ञानवान है” (1 कुरिन्थियों 1:25) l “जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना, तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा कि” अत्यंत दुखी उद्धारकर्ता के “इस प्रचार की मुर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों को उद्धार दे” (पद.21) l
परमेश्वर के पास हमेशा हमें चकित करने के तरीके हैं l संसार द्वारा विजयी राजा की अपेक्षा करने के स्थान पर, परमेश्वर का पुत्र दुखी सेवक के रूप में आकर क्रूस पर विनम्र मृत्यु सही – इससे पहले कि वह सर्वोत्कृष्ट महिमा में जी उठे l
परमेश्वर की बुद्धिमत्ता में, दीनता का महत्त्व घमण्ड से ऊपर है और करुणा और दया में होकर जिसके हम योग्य नहीं थे प्रेम अपना महत्त्व दर्शाता है l क्रूस के द्वारा, हमारा अजेय उद्धारकर्ता सर्वश्रेष्ठ बलिदान बन गया – जिससे उसमें विश्वास करनेवाले सभी का “पूरा पूरा उद्धार” (इब्रानियों 7:25) कर सके!
आपको आराम करना होगा!
“आपको आराम करना होगा,” चिकित्सक कठोरता से डिज़नी के रेस्क्यूवर्स डाउन अंडर (साहसिक एनिमेटेड फिल्म) में एक अनिच्छुक घायल मरीज़ एल्बेट्रोस(एक बड़ा समुद्री पक्षी) विल्बर से कहता है l “आराम करूँ? मैं आरामदेह हूँ!” स्पष्ट रूप से आरामदेह नहीं दिखाई देनेवाला विल्बर, जैसे-जैसे उसकी घबराहट बढ़ती है वह व्यंगात्मक रूप से प्रतिउत्तर देता है l “यदि मैं और अधिक आरामदेह होऊंगा, मैं मर जाऊँगा!”
क्या आप वर्णन कर सकते हैं? चिकित्सक के संदेहात्मक तरीकों (आरा की मदद से “चर्म उत्तक नष्ट करना”) के प्रकाश में, विल्बर की आशंका उचित दिखाई दे रही थी l किन्तु दृश्य हास्यास्पद है क्योंकि इसमें हमारी घबराहट के समय की भावनाएँ प्रगट हैं – चाहे या नहीं जिसका हम सामना करते हैं वह वास्तव में खतरनाक है l
जब हम डरे होते हैं, आराम करने का बढ़ावा मूर्खतापूर्ण महसूस होता है l मैं जानता हूँ जब मैं जीवन के भय को अपने चारों ओर बढ़ते हुए महसूस करता हूँ, और जब पीड़ादायक “मृत्यु की रस्सियाँ” (भजन 116:3) मेरे पेट को गाठों की तरह बाँध देती हैं, मेरा हर एक सहज-ज्ञान उससे लड़ने को प्रवृत करता है न कि आराम करने को l
और इसके बावजूद . . . नहीं की अपेक्षा ज़्यादातर, घबराहट में लड़ने के मेरे प्रयास घबराहट की बुरी-पकड़ को केवल जकड़कर, मुझे भय से पंगु बना देती हैं l परन्तु जब मैं, अगरचे हिचकिचाते हुए, पीड़ा महसूस करते हुए उसे परमेश्वर के पास ले जाता हूँ (पद.4), कुछ आश्चर्यजनक होता है l मेरे अन्दर का गाँठ थोड़ा ढीला पड़ जाता है (पद.7), और मेरी समझ से परे एक शांति मेरे अन्दर दौड़ जाती है l
और जब आत्मा की आराम देनेवाली उपस्थिति मुझे घेर लेती है, मैं सुसमाचार की वास्तविक सच्चाई को और अधिक समझ पाता हूँ : कि हम श्रेष्ठ तरीके से तब लड़ते हैं जब हम परमेश्वर की सामर्थी बाहों में खुद को समर्पित कर देते हैं (1 पतरस 5:6-7) l
सेवक का मन
रसोइया l कार्यक्रम आयोजक (Event Planner) l आहार विज्ञ(Nutritionist) l नर्स l ये कुछ एक जिम्मेदारियां हैं जो आधुनिक माताएं निभाती हैं l 2016 में, शोध के अनुमान के अनुसार माताएं सभवतः एक सप्ताह में बच्चे से सम्बंधित कार्य उन्सठ से छियानवे घंटे करती हैं l
माताएं हमेशा थकी होती हैं इसमें कोई आश्चर्य नहीं है! माँ होने का मतलब है बच्चों की देखभाल के लिए अत्यधिक समय और ऊर्जा खर्च करना, जिन्हें बहुत अधिक सयायता चाहिए जब वे संसार को जानना सीखते हैं l
जब मेरा दिन मुझे लम्बा महसूस होता है और मुझे ताकीद चाहिए कि दूसरों की देखभाल एक ईमानदार कोशिश है, मुझे बड़ी आशा मिलती है जब मैं यीशु को सेवा करनेवालों को अनुमोदित करते हुए देखती हूँ l
मरकुस रचित सुसमाचार में, शिष्य आपस में वाद-विवाद कर रहे थे कि उनमें बड़ा कौन है l
यीशु शांति से बैठकर उन्हें स्मरण दिलाया कि “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सब से छोटा और सब का सेवक बने” (9:35) l उसके बाद उसने एक बालक को गोद में लेकर दूसरों की सेवा करने का महत्त्व दर्शाया, विशेषकर जो हममें सबसे अधिक असहाय हैं (पद.36-37) l
मसीह का प्रतिउत्तर उसके राज्य में महानता का पैमाना क्या होना चाहिए को पुनः स्थापित कर देता है l उसका मानक दूसरों की सेवा करने वाला हृदय है l और यीशु ने प्रतिज्ञा की है कि परमेश्वर की सामर्थी उपस्थिति सेवा करने का चुनाव करनेवालों के साथ रहेगी (पद.37) l
जब आपके पास अपने परिवार या समुदाय में सेवा करने के अवसर हैं, उत्साहित हो जाएं कि यीशु उस समय को और प्रयास को जो आप दूसरों की सेवा में लगाएंगे स्थायी महत्व देता है l