Month: फरवरी 2020

प्रेम में विभाजित

जब सिंगापुर के एक विवादास्पद कानून पर सार्वजनिक बहस छिड़ गयी, तो उसने विश्वासियों को अलग-अलग विचारों से विभाजित किया l कुछ ने दूसरों को “संकीर्ण सोच वाले” कहा या उन पर अपने विश्वास से समझौता करने का आरोप लगाया l 

विवादों से परमेश्वर के परिवार के बीच तीखे मतभेद पैदा हो सकते हैं, जिससे लोग बहुत आहात और हतोत्साहित होंगे l मैं अपने जीवन पर बाइबल की शिक्षाओं को कैसे लागू करूँ,  इस पर व्यक्तिगत आक्षेपों को महसूस करने में मैंने खुद को दीन पाया है l और मुझे यकीन है कि मैं दूसरों की अओचना करने के लोए सामान रूप से दोषी हूँ, जिनसे मैं असहमत हूँ l 

मुझे आश्चर्य है कि शायद समस्या हमारे विचार क्या हैं या उनको व्यक्त करने के तरीके में नहीं है, परन्तु ऐसा करते समय हमारे हृदयों के नजरिये में है l क्या हम सिर्फ विचारों से असहमत हैं या उनके पीछे के व्यक्तित्वों को फाड़ने की कोशिश कर रहे हैं?

फिर भी ऐसे समय होते हैं जब हमें झूठी शिक्षा को संबोधित करने या अपने रुख को स्पष्ट करने की आवश्यकता होती है l इफिसियों 4:2-6 हमें दीनता, नम्रता, धीरज और प्रेम के साथ ऐसा करने की याद दिलाता है l और, सब से ऊपर, “आत्मा की एकता रखने” के लिए हर प्रयास करने के लिए (पद.3) l 

कुछ विवाद अनसुलझे रहेंगे l हालाँकि, परमेश्वर का वचन हमें याद दिलाता है कि हमारा लक्ष्य हमेशा लोगों के विश्वास का निर्माण करना होना चाहिए, उन्हें फाड़ना नहीं चाहिए (पद. 29) l क्या हम एक तर्क जीतने के लिए दूसरों को नीचे रख रहे हैं? या क्या हम परमेश्वर को अपने समय और अपने तरिके से उसकी सच्चाइयों को समझने में मदद करने की अनुमति दे रहे हैं, यह याद करते हुए कि हम एक परमेश्वर में एक विश्वास साझा करते हैं? (पद.4-6) l 

गरजनेवाला चूहा

कई साल पहले मैंने और मेरे बेटों ने पहाड़ों पर एक जंगल में कैम्पिंग करके कुछ दिन गुज़ारे l 

यह स्थान एक टाइगर रिज़र्व था, लेकिन हमने किसी भी अप्रिय मुठभेड़ से बचने के लिए यथासंभव सुरक्षित रहने की कोशिश की l 

एक शाम, आधी रात में, मैंने सुना मानो रोहित, मेरा बेटा अपने डेरे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है l मैंने अपनी टोर्च उठाकर उसे चालु कर दिया, इस अपेक्षा से कि वह वास्तविक खतरे में है l 

वहाँ, अपने कूबड़ पर सीधा बैठा और हवा में अपने पंजे लहराता हुआ, लगभग 4 इंच “ऊँचा एक चूहा था l उसने मजबूती से अपने दाँतों से रोहित की टोपी पकड़े हुए था l उस छोटे प्राणी ने पूरी ताकत से रोहित की टोपी खींचकर उसके सिर से उतार ली l जब मैं हँसा, वह चूहा टोपी गिराकर रफूचक्कर हो गया l हम वापस अपने तम्बू में चले गए l मैं, हालाँकि, पूरी तरह जागा रहा, और सो न सका और एक और लुटेरा – शैतान – के बारे में सोचता रहा l 

शैतान द्वारा यीशु की परीक्षा पर विचार करें (मत्ती 4:1-11) l उसने पवित्रशास्त्र से परीक्षाओं का सामना किया l प्रत्येक उत्तर के साथ, यीशु ने खुद को याद दिलाया कि परमेश्वर ने इस मुद्दे पर बात की थी और इसलिए वह अवज्ञा नहीं करेगा l इससे शैतान भाग गया l 

हालाँकि शैतान हमें खा जाना चाहता है, यह याद रखना अच्छा है कि वह उस छोटे क्रितंक(कुतरने वाला जानवर) की तरह रचा गया प्राणी है l यूहन्ना ने कहा, “जो [हममें] है वह उस से जो संसार में है बड़ा है” ( 1 यूहन्ना 4:4) l 

जब जीवन कठिन हो

शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक रूप से थकने के बाद, मैं अपनी आराम कुर्सी में बैठ गयी l हमारे परिवार ने परमेश्वर की अगुवाई में तेलेंगाना से कर्नाटक चले आये थे l हमारे आने के बाद, हमारी कार खराब हो गयी और दो महीनों तक हमारे पास वाहन नहीं था l इस बीच, अप्रत्याशित पीठ की सर्जरी के बाद मेरे पति की सीमित गतिशीलता और मेरे पुराने दर्द ने हमारे सामान के खोलने को जटिल बना दिया l हमने अपने नए घर में, जो पुराना था महँगी समस्याओं का सामना किया l हमारा बूढ़ा कुत्ता स्वास्थ्य समस्याओं से जूझा l और यद्यपि हमें हमारे नए पिल्ले ने आनंद दिया, उर्जा से भरा इस रोयेंदार पिल्ले की सेवा करना अपेक्षा से परे था l मेरा रवैया अप्रिय हो गया l कठिनाइयों के ऊबड़खाबड़ मार्ग पर यात्रा करते समय किस तरह मुझमें अटल विश्वास होना चाहिए था? 

जैसे कि मैंने प्रार्थना की, परमेश्वर ने मुझे भजनकार की याद दिलाई, जिसकी प्रशंसा परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती है l दाऊद ने अपने भावनाओं को बाहर निकाला, अक्सर बहुत अधिक अतिसंवेदनशीलता के साथ, और परमेश्वर की उपस्थिति में शरण मांगी (भजन 16:1) l परमेश्वर को प्रदाता और रक्षक (पद.5-6) के रूप में स्वीकार करते हुए, उन्होंने उसकी प्रशंसा की और उसके परामर्श का पालन किया (पद.7) l दाऊद ने पुष्टि की कि वह  “कभी न [डगमगाएगा]” क्योंकि उसने “यहोवा को निरंतर अपने सम्मुख रखा है” (पद.8) l इसलिए, वह आनंदित हुआ और परमेश्वर की उपस्थिति की ख़ुशी में विश्राम किया (पद.9-11) l 

हम भी जानने में प्रसन्न हो सकते हैं कि हमारी अपनी शांति वर्तमान स्थिति पर निर्भर नहीं करती है l जब हम अपने अपरिवर्तनीय परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि वह कौन है और हमेशा रहेगा, उसकी उपस्थिति हमारे दृढ़ विश्वास को बढ़ाएगी l 

हमारे पिंजड़े से मुक्त किया गया

बहार घूमते समय, अक्सर मेरा सामना एक व्यक्ति से हुआ जो रात में अपने चार कुत्ते घुमाता था l तीन कुत्ते इधर-उधर भागते थे, परन्तु एक अपने मालिक के निकट रहता था, क्योंकि वह अकेला रहा था l अंत में रुककर उस कुत्ते के इस अजीब व्यवहार के विषय पूछने पर मालिक ने बताया कि वह एक बचाव कुत्ता(rescue dog) था जिसने अपना अधिकाँश जीवन एक पिंजड़े(cage) में बिताया था l कुत्ता चक्कर में चलना जारी रखा, मानो वह एक सीमित बक्से में बंद था l 

पवित्रशास्त्र प्रगट करता है कि जब तक परमेश्वर हमें बचा नहीं लेता, तब तक हम फंसे हुए और आशाहीन हैं l भजनकार ने शत्रु द्वारा पीड़ित होने के विषय कहा, “पाताल की रस्सियों” में फंसे हुए चारोंओर “मृत्यु के [फंदों]” में लिपटे हुए (भजन 18:4-5) l संकट में उसने परमेश्वर की दोहाई देते हुए सहायता के लिए चिल्लाया (पद.6) l और गरजती सामर्थ्य के साथ, उसने उसे “थाम लिया” (पद.16) l 

परमेश्वर हमारे लिए भी वही कर सकता है l वह जंजीरों को तोड़ सकता है और हमें हमारे सिमित पिंजरों(cages) से मुक्त कर सकता है l वह हमें स्वतंत्र कर सकता है और हमें “चौड़े स्थान में” पहुँचा सकता है (पद.19) l यह कितना दुखद है, जब हम छोटे घेरे में दौड़ते रहते हैं, जैसे कि हम अभी भी अपनी पुराने जेलों में कैद हैं l उसकी ताकत में, हम अब भय, शर्म या अत्याचार से बंधे नहीं रह सकते l परमेश्वर ने हमें मृत्यु के उन पिंजरों से बचाया है l हम स्वतंत्रता से दौड़ सकते हैं l 

सफ़ेद बर्फ का जादू

सत्रहवीं शताब्दी में, सर आइजक न्यूटन ने प्रिज्म का उपयोग यह अध्ययन करने के लिए किया था कि प्रकाश हमें विभिन्न रंगों को देखने में कैसे मदद करता है l उन्होंने पाया कि जब प्रकाश किसी वस्तु से गुजरता है, तो वस्तु एक विशिष्ट रंग की होती है l जबकि एकल बर्फ क्रिस्टल पारभासी दिखता है, बर्फ कई बर्फ के क्रिस्टलों से मिलकर बनता है l जब प्रकाश सभी क्रिस्टल से गुजरता है तो बर्फ सफ़ेद दिखाई देता है l 

बाइबल कुछ और का उल्लेख करती है जिसमें एक निश्चित रंग है – पाप l यशायाह नबी के द्वारा, परमेश्वर ने यहूदा के लोगों के पापों का सामना किया और उनके पाप को “लाल रंग की तरह” और “अर्गवानी रंग” के रूप में वर्णित किया, लेकिन परमेश्वर ने वादा किया कि वे “बर्फ की तरह सफ़ेद” होंगे (यशायाह 1:18) l कैसे? यहूदा को गलत कामों से दूर रहने और परमेश्वर की क्षमा मांगने की ज़रूरत थी l 

यीशु को धन्यवाद, हमारे पास परमेश्वर की क्षमा तक स्थायी पहुँच है l यीशु ने खुद को “जगत की ज्योति” संबोधित किया और कहा कि जो कोई भी उसका अनुसरण करता है “वह अंधकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा” (युहन्ना 8:12) l जब हम अपने पापों का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर हमें क्षमा करता है और हम क्रूस पर मसीह के बलिदान के प्रकाश के माध्यम से देखे जाते हैं l इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर हमें देखता है जैसे वह यीशु को देखता है अर्थात् निर्दोष l 

हमने जो कुछ भी गलत किया है, उसके लिए हमें अपराधबोध और लज्जा की स्थिति में नहीं रहना पड़ेगा l इसके बजाय, हम परमेश्वर की क्षमा के सत्य को थाम सकते हैं, जो हमें बर्फ के समान सफ़ेद” बनाता है l