जिस देश में वे रहते हैं, एड्रियन और उसका परिवार यीशु में अपने विश्वास के लिए उत्पीड़न झेलते हैं l फिर भी, इन सब के माध्यम से, वे मसीह के प्रेम को प्रदर्शित करते हैं l अपने चर्च के आँगन में खड़े होकर, जिसे गोलियों से उड़ा दिया गया था जब आतंकवादियों ने इसे प्रशिक्षण ने मैदान के रूप में इस्तेमाल किया था, उसने कहा, “आज गुड फ्राइडे है l हमें याद है कि यीशु क्रूस पर हमारे लिए दुःख उठाया l” उसने आगे कहा, और पीड़ा, कुछ ऐसा है जो वहाँ के विश्वासियों को समझ में आता है l लेकिन उसके परिवार ने वहाँ रहने का चुनाव किया : “हम अभी भी यहाँ है, अभी भी दृढ़ हैं l”

ये विश्वासी उन महिलाओं के उदाहरण का अनुसरण करते हैं जो यीशु को मरते हुए देखीं  थीं (मरकुस 15:40) l वे – जिनमें मरियम मगदलीनी, याकूब की माता मरियम और यूसुफ, और सलोमी सहित – वहाँ खड़े रहने में बहादुर थे, क्योंकि राज्य के एक दुश्मन के मित्र और परिवार के सदस्यों का उपहास और उन्हें दण्डित किया जा सकता था l फिर भी महिलाओं ने उसके साथ अपनी उपस्थिति के द्वारा यीशु के लिए अपना प्रेम दिखाया l यहाँ तक कि जब वे गलील में (पद.41) “उसके पीछे हो लेती थीं और उसकी सेवाताहल किया करती थीं,” वे उसकी सबसे गहरी ज़रूरत के समय उसके साथ खड़ी थीं l 

इस दिन जब हम अपने उद्धारकर्ता का सबसे बड़ा उपहार याद करते हैं, क्रूस पर उसकी मृत्यु, एक क्षण लेकर विचार करें कि हम यीशु के लिए कैसे खड़े रह सकते हैं जब हम कई प्रकार की आजमाइशों का सामना करते हैं (देखें याकूब 1:2-4) l संसार भर के साथी विश्वासियों के बारे में भी सोचें जो अपने विश्वास के लिए पीड़ित हैं l जैसा कि एड्रियन ने पूछा, “क्या आप अपनी प्रार्थना में हमारे साथ खड़े रह सकते हैं?”