जब मेरी उड़ान सामान्य गति पर पहुँची, उड़ान परिचारक ने प्रथम श्रेणी को अलग करनेवाला पर्दा हटा दिया, और मुझे हवाई जहाज़ पर क्षेत्रों के बीच के मतभेदों की एक चौंकानेवाली याद दिला दी l कुछ यात्रियों को पहले प्रवेश मिलता है, बैठने के लिए पर्याप्त स्थान के साथ पैरों को रखने के लिए अतिरिक्त स्थान और व्यक्तिगत सेवा का आनंद मिलता है l पर्दा उन अनुलाभों(Perks) से मेरे अलगाव का नम्र याद दिलाता है l 

लोगों के समूहों के बीच बहिष्करण अंतर पूरे इतिहास में दिखाई देता है, जिसमें एक तरह से, यहाँ तक कि यरूशलेम में परमेश्वर का मंदिर भी शामिल है, यद्यपि अधिक भुगतान करने की क्षमता के कारण नहीं l गैर-यहूदियों को केवल बाहरी आँगन में आराधना करने की अनुमति थी l इसके बाद महिलाओं का आँगन, और उससे और निकट, पुरुषों के लिए निर्धारित क्षेत्र l आखिर में, महा पवित्र स्थान, जिसे एक परदे के पीछे छिपाया गया था, उस स्थान के रूप में देखा जाता था जहाँ परमेश्वर स्वयं को विशिष्ट रूप से प्रकट करता था, और प्रत्येक वर्ष केवल एक अभिषिक्त याजक उसमें प्रवेश कर सकता था (इब्रानियों 9:1-10) l 

लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से, यह अलगाव अब मौजूद नहीं है l यीशु ने उन सभी अवरोधों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया, जो किसी को भी परमेश्वर तक पहुँचने में बाधा डाल सकती है – यहाँ तक कि हमारे पाप भी (10:17) l जिस तरह मसीह की मृत्यु के समय मंदिर का पर्दा दो भागों में फटा था (मत्ती 2:50-51), उसके क्रूस पर चढ़े शरीर ने परमेश्वर की उपस्थिति के लिए सभी अवरोधों को दूर कर दिया l ऐसा कोई अवरोध नहीं है जो किसी भी विश्वासी को जीवित परमेश्वर की महिमा और प्रेम का अनुभव करने के लिए अलग करने की आवश्यकता हो l