एक माँ और उसकी छोटी बेटी एक दिन चर्च में बैठे हैं l सेवा के दौरान, लोगों को सार्वजनिक रूप से परमेश्वर की क्षमा प्राप्त करने का अवसर दिया जाता है l हर बार जब कोई ऐसा करने के लिए आगे बढ़ता है, तो छोटी लड़की ताली बजाने लगती है l “मुझे खेद है, ”बाद में माँ ने कलीसिया के अगुआ से कहा, “मैंने अपनी बेटी को समझाया कि पश्चाताप हमें परमेश्वर के साथ फिर से दोस्त बनाता है, और वह केवल सभी के लिए आनंद मनाना  चाहती थी l

माँ के शब्द एक बच्चे के दिमाग के लिए सहज बनाया गया, सुसमाचार की एक अच्छी व्याख्या थी l एक समय परमेश्वर के शत्रु, मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा उससे हमारा मेल हुआ है (रोमियों 5:9-10) lअब हम वास्तव में परमेश्वर के दोस्त हैं l चूँकि हम दोस्ती को तोड़ने वाले थे (पद.8), पश्चाताप बहाली प्रक्रिया को पूरा करने में हमारा हिस्सा है l और छोटी लड़की की प्रतिक्रिया इससे और बेहतर नहीं हो सकती थी l इसलिए कि एक व्यक्ति के पश्चाताप करने पर सम्पूर्ण स्वर्ग ताली बजाता है (लूका 15:10), तो वह अनजाने में उस प्रशंसा को प्रतिध्वनित कर रही थी l

यीशु ने अपने मेल करने के कार्य का समान शब्दों में वर्णन किए l“इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिए अपने प्राण दे” (यूहन्ना 15:13) l हमारे प्रति मित्रता के इस त्यागपूर्ण कार्य के परिणामस्वरूप, अब हम उसके मित्र हो सकते हैं l “मैं तुम्हें दास न कहूँगा . . . परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है” (15:15) l

एक समय परमेश्वर के शत्रु, अब हम परमेश्वर के मित्र हैं l यह एक अभिभूत करनेवाली सोच है l और ताली के लायक l