सादृश्य प्रतिरूप
एक आउटिंग/सैर के दौरान, हमारी मुलाकात एक महिला से हुयी जो मेरे पति के बचपन से ही उसके परिवार को जानती है l उसने ऐलन से लेकर हमारे बेटे, ज़ेवियर तक को देखा l “वह अपने पिता का सादृश्य प्रतिरूप है,” उसने कहा l "वो आँखें l वह मुस्कान l हां l उसके जैसा ही दिखता है l” जब उस महिला ने पिता और पुत्र के बीच इस तरह की मजबूत समानता को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की, उसने उनके व्यक्तितव में भी समानताएं देखीं l फिर भी, हालांकि, वे कई मायनों में एक जैसे हैं, लेकिन मेरा बेटा अपने पिता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है l
केवल एक पुत्र है - यीशु - जो अपने पिता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित करता है l मसीह “अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है” (कुलुस्सियों 1:15) l उसी में और उसके द्वारा और उसी के लिए सारी वस्तुएँ सृजी गयी हैं (पद.16) l “वही सभी वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं” (पद.17) l
हम प्रार्थना और बाइबल अध्ययन में समय लगाकर, देहधारित परमेश्वर – यीशु को देखकर परमेश्वर का चरित्र समझ सकते हैं l वह हमें उसके प्रेम को कार्यरूप में देखने के लिए आमंत्रित करता है कि हम जांचें कि वह किस प्रकार पवित्रशास्त्र में और हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में अन्य लोगों के साथ बातचीत/व्यवहार करता है l अपने जीवन को मसीह को समर्पित करने और पवित्र आत्मा का उपहार प्राप्त करने के बाद, हम अपने प्रेमी पिता को जानने और उस पर भरोसा करने में बढ़ सकते हैं l वह हमें उसके चरित्र को प्रतिबिंबित करने के लिए बदल देता है, ताकि हम उसके लिए जी सकें l
कितना बड़ा आनंद होगा यदि दूसरे कह सकें कि हम बिलकुल यीशु के समान दिखाई देते हैं!
एक SOS(संकट सन्देश) भेजना
जब अलास्का के एक पहाड़ी क्षेत्र में बसने वाले की झोपड़ी में आग लग गई, तो बसने वाला अमेरिका के सबसे ठंडे राज्य में पर्याप्त आश्रय के बिना और कुछ प्रावधानों के साथ ही रह गया l तीन हफ्ते बाद, उस आदमी को आखिरकार बचा लिया गया जब एक विमान ने उड़ान भरी और उस बड़े SOS(संकट सन्देश) को देख लिया जो उसने बर्फ पर लिखकर उसे कालिख से काला कर दिया था l
भजनकार दाऊद निश्चय ही भयानक कठिनाई में था l वह ईर्ष्यालु राजा शाऊल द्वारा पीछा किया जा रहा था जो उसे मारना चाहता था l और इसलिए वह गत नगर भाग गया, जहाँ उसने अपने जीवन को बचाने के लिए पागल होने का नाटक किया (देखें 1 शमूएल 21) l उन घटनाओं में से भजन 34 का उदय हुआ, जहाँ दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना की और शांति को प्राप्त किया (पद.4,6) l परमेश्वर ने उसकी विनती सुनी और उसको छुड़ाया l
क्या आप निराशजनक स्थिति में हैं और मदद के लिए पुकार रहे हैं? आश्वस्त रहें कि परमेश्वर आज भी हमारी निराशजनक प्रार्थनाओं को सुनता है और उनका जवाब देता है l जैसे दाऊद के साथ, वह हमारे संकट के पुकार के प्रति चौकस है और हमारे डर को दूर करता है (पद.4) —और कभी-कभी हमें “हमारे कष्टों से [छुड़ा लेता है]” (पद.6) l
पवित्रशास्त्र हमें “अपना बोझ यहोवा पर डाल” देने के लिए आमंत्रित करता है और “वह [हमें] संभालेगा” (भजन 55:22) l जब हम अपनी कठिन परिस्थितियों को परमेश्वर को दे देते हैं, तो हम विश्वास कर सकते हैं कि वह हमें ज़रूर सहायता देगा l हम उसके सक्षम हाथों में सुरक्षित हैं l
कुछ नया
ताजे पानी की कमी वाले क्षेत्रों में खेती मुश्किल है l इस समस्या को हल करने में मदद करने के लिए सीवॉटर ग्रीनहाउस कंपनी ने सोमालीलैंड, अफ्रीका और इसी तरह के जलवायु वाले अन्य देशों में कुछ नया बनाया है : “कूलिंग हाउस l” कुलिंग हाउस नालीदार कार्डबोर्ड से बने दीवारों पर खारा पानी को टपकाने के लिए सौर पंप का उपयोग करते हैं l जैसे ही पानी प्रत्येक पैनल के नीचे जाता है, वह अपना नमक पीछे छोड़ देता है l शेष बचा हुआ ज्यादादर ताजा पानी संरचना के अंदर वाष्पित हो जाता है, जो नमी वाली जगह बन जाती है जहां फल और सब्जी विकसित हो सकती हैं l
यशायाह नबी के द्वारा, परमेश्वर ने “नई बात” करने की प्रतिज्ञा की जब उसने प्राचीन इस्राएल के लिए “निर्जल देश में नदियाँ” [बहायीं] (यशायाह 43:19) l इस नई चीज़ ने पुरानी चीज़ के साथ फर्क दिखाया जो उसने अपने लोगों को मिस्र की सेना से बचाने के लिए किया था l लाल समुद्र की घटना याद है? परमेश्वर चाहता था कि उसके लोग अतीत को याद करें लेकिन उनके जीवनों में उसके वर्तमान भागीदारी को फीका न होने दें (पद.18) l उसने कहा, “देखो, मैं एक नई बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊँगा” (पद.19) l
जबकि अतीत को देखना परमेश्वर के प्रबंध में हमारे विश्वास को सहारा देता है, अतीत में रहना वर्तमान में ईश्वर की आत्मा के सभी नए कार्यों के प्रति हमें अंधा बना सकता है l हम परमेश्वर को यह दिखाने के लिए कह सकते हैं कि वह वर्तमान में कैसे बढ़ रहा है - अपने लोगों की मदद करके, फिर से बनाकर, और थामकर l यह जागरूकता हमें दूसरों के साथ निकट और दूर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके साथ भागीदार बनाए l
एक आनंददायक उत्सव
मेरे मित्र शेरोन का निधन मेरे मित्र डेव की किशोर बेटी मेलिस्सा की मृत्यु से एक साल पहले हुयी l वे दोनों दुखद कार दुर्घटनाओं में मारे गए थे । एक रात शेरोन और मेलिस्सा दोनों ही मेरे सपने में थे l वे खिलखिलाते और बातें करते हुए एक बड़े उत्सव हॉल में सजावट कर रहे थे और मेरे उस हॉल में प्रवेश करने पर उन्होंने मुझे अनदेखा किया l सफेद टेबल क्लोथ के साथ एक लंबी मेज पर सुनहरी प्लेटें और कटोरे सजे हुए थे l मैंने पूछा कि क्या मैं सजाने में मदद कर सकती हूँ, लेकिन वे मुझे नहीं सुने और काम करते रहे l
लेकिन फिर शेरोन ने कहा, यह पार्टी मेलिस्सा के विवाह का स्वागत समारोह है l
“दूल्हा कौन है?” मैंने पूछा l
दोनों में से किसी ने जवाब नहीं दिया, लेकिन मुस्कुराती हुयीं एक दूसरे को जानबूझकर देखा l अंत में, मुझे समझ में आया – यह यीशु है!
“यीशु दूल्हा है,” उठते समय मैं फुसफुसायी l
मेरा सपना हर्षित उत्सव की बात मन में लाता है जो यीशु में विश्वासी उसके लौटने पर एक दूसरे के साथ साझा करेंगे l यह प्रकाशितवाक्य में एक भव्य भोज के रूप में चित्रित किया है जिसे “मेम्ने के विवाह [का] भोज” संबोधित किया गया है (19:9) l यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, ने जिसने मसीह के पहले आगमन के लिए लोगों को तैयार किया था, उसे “परमेश्वर का मेम्ना . . . जो जगत का पाप उठा ले जाता है” संबोधित किया था (यूहन्ना 1:29) l उसने यीशु को “दूल्हा” और खुद को “दोस्त” (बेस्टमैन/bestman की तरह) भी संदर्भित किया जो उसके लिए इंतजार कर रहा था (3:29) l
उस भोज के दिन और समस्त अनंत काल के लिए हम यीशु, हमारे दूल्हे, और शेरोन और मेलिस्सा और परमेश्वर के सभी लोगों के साथ अटूट स्थायी सहभागिता का आनंद लेंगे l
टिक-टिक करती घड़ी
श्रमिकों का एक समूह एक आइसहाउस(icehouse) में बर्फ जमा कर रहा था, जब उनमें से एक को एहसास हुआ कि उसने खिड़की रहित भवन में अपनी घड़ी खो दी है l उसने और उसके मित्रों ने इसे व्यर्थ में खोजा l
जब उन्होंने हार मान ली, तो एक युवा लड़का, जिसने उन्हें बाहर निकलते देखा था, भवन में अन्दर गया l जल्द ही, वह घड़ी के साथ बाहर आया l यह पूछे जाने पर कि उसे यह कैसे मिला, उसने जवाब दिया : ‘मैं बस बैठ गया और चुप हो गया, और जल्द ही मैं इसकी टिक-टिक सुन सकता था l”
बाइबल चुप रहने के महत्व के बारे में बहुत बात कहती है l और कोई आश्चर्य नहीं, क्योंकि परमेश्वर कभी-कभी धीमी आवाज़ में बोलता है (1 राजा 19:12) l जीवन की व्यस्तता में, उसे सुनना कठिन हो सकता है l लेकिन यदि हम इधर-उधर भागना बंद करदे और उसके साथ और पवित्रशास्त्र में कुछ समय व्यतीत करें, हम अपने विचारों में उसकी धीमी आवाज़ को सुन सकेंगे l
भजन 37: 1-7 हमें विश्वास दिलाता है कि बुरे लोगों की “दुष्ट योजनाओं” से हमें बचाने के लिए, हमें शरण देने के लिए, और हमें वफादार बने रहने में मदद के लिए, हम परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं l लेकिन जब हमारे चारों तरफ अशांति है तो हम यह कैसे कर सकते हैं?
पद 7 सलाह देता है : “यहोवा के सामने चुप रह, और धीरज से उसकी प्रतीक्षा कर l” हम प्रार्थना के बाद कुछ मिनटों तक चुप रहना सीख सकते हैं l या फिर चुपचाप बाइबल पढने और शब्दों को हमारे दिलों में भीगने दें l और फिर, शायद, हम उसकी बुद्धि को शांत और स्थिर तरीके से हमसे टिक-टिक करती हुई घड़ी के समान बात करते हुए सुनेंगे l