राजसी सत्ता का आतिथ्य
स्कॉटलैंड में एक नृत्यसभा के दौरान इंग्लैंड की रानी से मिलने के बाद, सिल्विया और उसके पति को एक सन्देश मिला कि राजपरिवार उनके साथ चाय पीने आना चाहता है l सिल्विया ने शाही मेहमानों की मेजबानी के विषय घबराहट महसूस करते हुए साफ़-सफाई और तैयारी शुरू कर दी l इससे पहले कि वे आएँ, वह मेज़ पर रखने के लिए कुछ फूलों को लाने बाहर गयी, उसका हृदय जोर से धड़क रहा था l फिर उसने महसूस किया कि परमेश्वर उसे स्मरण करा रहा था कि वह राजाओं का राजा है और वह प्रतिदिन उसके साथ है l तुरंत उसे शांति महसूस हुई और उसने सोचा, “आखिरकार, यह तो केवल रानी है!”
सिल्विया सही है l जैसा कि प्रेरित पौलुस ने उल्लेख किया है, परमेश्वर “राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु” है (1 तीमुथियुस 6:15) और जो लोग उसका अनुसरण करते हैं वे “परमेश्वर की संतान” हैं (गलतियों 3:26) l जब हम मसीह के होते हैं, तो हम अब्राहम के उत्तराधिकारी हैं (पद.29) l अब हम विभाजन से सिमित नहीं हैं─जैसे कि जाति, सामाजिक वर्ग, या लिंग─क्योंकि हम “सब मसीह यीशु में एक” हैं (पद.28) l हम राजा के बच्चे हैं l
हालाँकि सिल्विया और उसके पति ने रानी के साथ एक बढ़िया भोजन किया, मुझे कभी भी निकट भविष्य में उनका निमंत्रण मिलने का अनुमान नहीं है l लेकिन मुझे इस बात का स्मरण है कि सभी का सर्वोच्च राजा हर पल मेरे साथ है l और जो लोग यीशु पर पूरा विश्वास करते हैं (पद.27) वे यह जानते हुए कि वह परमेश्वर की संतान हैं एकता में रह सकते हैं l
इस सच्चाई को थामना हमारे आज के जीने के तरीके को कैसे आकार दे सकता है?
झुग्गी झोपड़ी के गीत
दक्षिण अमेरिका के पैराग्वे के एक छोटी सी झुग्गी में l इसके अत्यंत निर्धन ग्रामीण, वहाँ के कचरे के ढेर से वस्तुओं को पुनर्चक्रण करके गुजारा करते हैं l लेकिन इन निराशाजनक परिस्थितियों से कुछ सुंदर उभर कर सामने आया है─एक ऑर्केस्ट्रा(वादक समूह) l
एक वायलिन जिसकी लागत झुग्गी के एक घर से अधिक है, इस ऑर्केस्ट्रा को अपनी कचरा आपूर्ति से अपने वाद्य-यंत्र निर्मित करके, रचनात्मक बनना था l टेलपीस(पिछला भाग) के रूप में मुड़े हुए कांटे के साथ तेल के डिब्बे से वायलिन बनाया जाता है l सैक्सोफोन ड्रेनपाइप्स(निकास नली) से और उसकी चाबी बोतल के ढक्कनों के साथ बनाए गए हैं। ग्नोची रोलर्स(बेलन) से बनी समस्वरण खूटियों(tuning pegs) के साथ सेलो(एक वाद्ययंत्र) को टिन ड्रम से बनाया गया है l इन जुगतों पर बजाया गया मोजार्ट(विशेष प्रकार का संगीत) सुनना एक सुंदर बात है l ऑर्केस्ट्रा अपने युवा सदस्यों के विलक्षणता को ऊँचा करते हुए कई देशों के दौरे कर चुका है l
कचरा भराव क्षेत्र(landfill) से वायलिन l झुग्गियों से संगीत l परमेश्वर जो करता है उसका वह प्रतीक है l जब यशायाह भविष्यवक्ता ईश्वर की नई रचना की कल्पना करता है, तो दरिद्रता-से-सुन्दरता की एक ऐसी ही तस्वीर उभरती है, जिसमें बंजर भूमि खिलते हुए फूलों से भर जाएंगी (यशायाह 35:1-2), मरुभूमि में नदियाँ बहने लगेंगी (पद. 6–7), तलवारें हल के फाल और भाले हँसिया बनेंगी (2:4), और साधनहीन/निर्धन लोग हर्षित गीतों की ध्वनियों पर सम्पूर्ण किये जाएंगे (35:5–6, 10) l
ऑर्केस्ट्रा निदेशक कहते हैं, “दुनिया हमें कचरा भेजती है l” “हम संगीत वापस भेजते हैं l” और जैसा कि वे करते हैं, वे संसार को भविष्य की एक झलक देते हैं, जब परमेश्वर हर आंख से आँसू पोछेगा और गरीबी कभी नहीं रहेगी l
उसकी आवाज़ को जाने
छुट्टियों के बाइबल स्कूल के लिए एक साल, आदित के चर्च ने बाइबल कहानी को चित्रित करने के लिए जीवित जानवरों को लाने का फैसला किया l जब वह मदद करने पहुंचा तो आदित को एक बकरी अंदर लाने के लिए कहा गया l उसे वास्तव में रोमिल(wooly) जानवर को एक रस्सी द्वारा चर्च हॉल में खींचना पड़ा l लेकिन जैसे-जैसे सप्ताह बीतता गया, वह उसके पीछे आने में कम खिलाफ थी l सप्ताह के अंत तक, आदित को अब रस्सी नहीं पकड़नी थी; उसने सिर्फ बकरी को बुलाया और वह उसके पीछे आ गयी, यह जानकार कि वह उस पर भरोसा कर सकती थी l
नए नियम में, यीशु ने अपने आप को एक चरवाहे से तुलना करते हुए कहा कि उसके लोग, जो भेड़ें हैं, उसका अनुसरण करेंगे क्योंकि वे उसकी आवाज जानते हैं (यूहन्ना 10:4) l लेकिन वही भेड़ें किसी अजनबी या चोर से दूर भागेंगी (पद.5) l भेड़ की तरह, हम (परमेश्वर के बच्चे) उसके साथ अपने संबंध के द्वारा अपने चरवाहे की आवाज पहचानते हैं l और जब हम ऐसा करते हैं, हम उसके चरित्र को देखते हैं और उस पर भरोसा करना सीखते हैं l
जब हम परमेश्वर को जानने और उससे प्यार करने में उन्नति करते हैं, तो हम उसकी आवाज़ को पहचानेंगे और बेहतर तरीके से “चोर” से─उन लोगों से जो हमें धोखा देकर उससे दूर ले जाने की कोशिश करते हैं─भागेंगे जो “केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है” (पद.10) l उन झूठे शिक्षकों के विपरीत, हम अपने चरवाहे की आवाज पर सुरक्षित अगुवाई करने के लिए भरोसा कर सकते हैं l
कुछ ज्यादा ही बड़ा
इंग्लैंड के साउथेम्पटन में, अक्टूबर बुक्स(October Books), जो एक बुकस्टोर है, दो सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने उनका स्टॉक थोड़ी आगे सड़क पर स्थानांतरित करने में सहायता की l सहायकों ने फुटपाथ पर लाइन लगाई और किताबों को “मानव वाहक पट्टा(human conveyor belt)” से गुजारा l स्वयंसेवकों को कार्य करते हुए देखकर, स्टोर के एक कर्मचारी ने कहा, “यह . . . लोगों को [मदद] करते हुए देखने का एक वास्तविक मार्मिक अनुभव था . . . वे कुछ ज्यादा ही बड़े का हिस्सा बनना चाहते थे l”
हम भी खुद की अपेक्षा बहुत बड़ी चीज का हिस्सा हो सकते हैं l परमेश्वर हमें अपने प्रेम के संदेश के साथ संसार तक पहुँचने के लिए उपयोग करता है l क्योंकि किसी ने हमारे साथ संदेश साझा किया है, हम किसी अन्य व्यक्ति की ओर मुड़कर इसे आगे बढ़ा सकते हैं l पौलुस ने इसकी तुलना की─परमेश्वर के राज्य का निर्माण से─एक बगीचे को बढाने से l हममें से कुछ लोग बीज बोते हैं जबकि हममें से कुछ लोग बीज को पानी देते हैं l जैसा कि पौलुस ने कहा, हम “परमेश्वर के सहकर्मी” हैं (1 कुरिन्थियों 3:9) l
प्रत्येक कार्य महत्वपूर्ण है, फिर भी सब परमेश्वर की आत्मा की सामर्थ्य में किए जाते हैं l अपनी आत्मा के द्वारा, परमेश्वर लोगों को आध्यात्मिक रूप से पनपने में सक्षम बनाता है जब वे सुनते हैं कि वह उनसे प्यार करता है और अपने पुत्र को उनके स्थान पर मरने के लिए भेजा है ताकि वे अपने पाप से मुक्त हो सकें (यूहन्ना 3:16) l
परमेश्वर आप और मेरे जैसे “स्वयंसेवकों” के द्वारा पृथ्वी पर अपना काम करता है l हालाँकि हम एक समुदाय का हिस्सा हैं जो हमारे द्वारा किए गए किसी भी योगदान से बहुत बड़ा है, हम संसार के साथ उसके प्यार को साझा करने के लिए एक साथ काम करके इसे बढ़ने में मदद कर सकते हैं l
विश्राम करने के लिए कारण
यदि आप लंबे समय तक जीना चाहते हैं, तो छुट्टी लें! मध्यम आयु वर्ग के एक अध्ययन के चालीस साल बाद, पुरुष अधिकारियों में से प्रत्येक को हृदय रोग का खतरा था, फिनलैंड में शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन प्रतिभागियों के साथ आगे का कार्य करते रहे l वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा खोजा, जिसकी वे अपने मूल निष्कर्षों में तलाश नहीं कर रहे थे : उन लोगों में मृत्यु दर कम थी जिन्होंने छुट्टियों के लिए समय निकाला था l
कार्य जीवन का एक आवश्यक हिस्सा है─ एक हिस्सा जिसे परमेश्वर ने उत्पत्ति 3 में हमारे सम्बन्ध खंडित होने से पूर्व हमारे लिए ठहराया l सुलैमान ने परमेश्वर के आदर के लिए काम नहीं करने वाले लोगों द्वारा काम के अनुभव की अर्थहीनता के बारे में लिखा─उसके “”मन लगा लगाकर परिश्रम” और “दुःख और खेद” को पहचाना (सभोपदेशक 2:22–23) l वह कहता है, “यहां तक कि जब वे सक्रिय रूप से काम नहीं कर रहे होते हैं, उनका “मन चैन नहीं पाता” है क्योंकि वे सोच रहे होते हैं कि अभी भी क्या करना बाकी है (पद.23) l
हम भी कभी-कभी ऐसा महसूस करते हैं कि हम “वायु को [पकड़]” रहे हैं (पद.17) और अपने काम को "खत्म" करने में असमर्थता से निराश हैं l लेकिन जब हमें याद आता है कि परमेश्वर हमारे श्रम का हिस्सा है─हमारा उद्देश्य है─हम कड़ी मेहनत कर सकते हैं और आराम करने के लिए समय भी निकाल सकते हैं l हम उसे हमारा प्रदाता होने के लिए भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि वह सभी चीजों का दाता है l सुलैमान स्वीकार करता है कि उसके बिना कौन “खा-पी और सुख भोग सकता है?” (पद.25) l शायद खुद को उस सच्चाई की याद दिलाने के द्वारा, हम उसके लिए कर्मठतापूर्वक काम कर सकते हैं (कुलुस्सियों 3:23) और खुद को आराम का समय भी दे सकते हैं l