Month: जुलाई 2021

परमेश्वर के लिए लालायित

जब रोहन और रीमा सड़क पर पांच मिल दूर चले गये उनकी बिल्ली बघीरा ने भागकर अपनी नाराजगी व्यक्त की । एक दिन रीमा ने सोशल मिडिया पर अपने पुराने घर की वर्तमान तस्वीर देखी । उस तस्वीर में बघीरा थी!

ख़ुशी से, दंपति उसे वापस लाने गये । बघीरा फिर से भाग गयी l अनुमान लगाइए कि वह  कहाँ गयी? इस बार, वह परिवार जिन्होंने उनका घर खरीदा था वे बघीरा को रखने के लिए सहमत हो गए l दंपति अपरिहार्य को रोक नहीं पाए । बघीरा हमेशा “घर” ही लौटती थी l 

नहेम्याह राजा के दरबार शूशन में प्रतिष्ठित स्थान पर कार्य करता था, किन्तु उसका हृदय कहीं और था । उसने अभी-अभी “वह नगर जिसमें मेरे पुरखाओं की कब्रें हैं’ की दुखद स्थिति की खबर सुना था” (नहेम्याह 2:3) l और इसलिए उसने प्रार्थना की “उस वचन की सुधि ले, जो तू ने अपने दास मूसा से कहा था, . . . ‘यदि तुम मेरी ओर फिरो, और मेरी आज्ञाएं मानो, और उन पर चलो, तो चाहे तुम में से निकाले हुए लोग आकाश की छोर में भी हों, तौभी मैं उन को वहां से इकट्ठा कर के उस स्थान में पहुँचाऊँगा, जिसे मैं ने अपने नाम के निवास के लिये चुन लिया है’ ”(1:8-9) l 

वे कहते हैं, जहाँ हृदय है वहाँ घर है । नहेम्याह के विषय में घर के लिए ललायित होना उस भूमि से बंधे होने से अधिक था । यह परमेश्वर के साथ संवाद था जिसके लिए वह लालायित था l यरुशलेम वह स्थान था जिसे मैंने “अपने नाम के निवास के लिये चुन लिया है l”  

वह असंतोष जो हम गहराई से महसूस करते हैं वास्तव में परमेश्वर के लिए लालायित होना है l हम उसके साथ घर में रहने के लिए तड़प रहे हैं ।

यीशु हमें पुनर्स्थापित करता है

यद्यपि अशोक ने कुछ गलत नहीं की थी, उत्पादन-लाइन से उसकी नौकरी छूट गयी l दूसरे विभाग में लापरवाही की वजह से उनके द्वारा निर्मित कारों में समस्या पैदा हो गई । कई दुर्घटनाओं की खबर के बाद, जागरूक ग्राहकों ने उनका ब्रांड खरीदना बंद कर दिया । कंपनी को अपने कर्मचारी कम करनी पड़ी, जिससे अशोक की नौकरी चली गयी l उसकी संपार्श्विक/जमानत क्षति (collateral damage) है, और यह उचित नहीं है । कभी नहीं है ।

इतिहास की पहली जमानत क्षति पहले पाप के तुरंत बाद हुयी । आदम और हव्वा अपने नंगेपन से शर्मिंदा थे, तो प्रभु ने उन्हें अनुग्रह से “चमड़े के अंगरखे” पहनाए (उत्पति 3:21) । यह कल्पना करना दर्दनाक है, लेकिन एक या अधिक जानवर जो बगीचे में हमेशा सुरक्षित रहते थे अब वध किए गए और उनका चमड़ा खींचा गया l 

बहुत कुछ आने वाला था l परमेश्वर ने इस्राएल से कहा, “प्रति दिन तू वर्ष भर का एक निर्दोष भेड़ का बच्चा यहोवा के होमबलि के लिये तैयार करना, यह प्रति भोर को तैयार किया जाए” (यहेजकेल 46:13) । हर l एक l दिन l मनुष्य के पाप के कारण कई हज़ार जानवर बलिदान किए जा चुके हैं l” 

हमारे पापों को ढकने के लिए उनकी मृत्यु आवश्यक थी, जब तक परमेश्वर का मेमना, यीशु, इसे हटाने नहीं आया (यूहन्ना 1:29 ) । इसे “जमानत मरम्मत”कहो। जैसे आदम का पाप हमें मारता है, इसलिये आखिरी आदम (मसीह) की आज्ञाकारिता उन सभी को जो उस पर विश्वास करते है पुनर्स्थापित करता हैं (रोमियों 5:17-19) । जमानत मरम्मत उचित नहीं है——वह यीशु के जीवन की लागत है——पर यह मुफ्त है। विश्वास में यीशु के पास पहुँचों और उस उद्धार को जो वह प्रदान करता है ग्रहण करो । और उसका धर्मी जीवन आपके लिए गिना जायेगा ।

दुःख में आशा

जब कैब ड्राईवर हमें हवाई अड्डे ले गया, उसने हमें अपनी कहानी बतायी । वह 17 साल की उम्र में गरीबी और कष्ट को दूर करने अकेले शहर आया था । अब 11 साल बाद, उसके पास उसका खुद का परिवार है और वह उनके लिए जो उनके पैतृक गांव में अनुपलब्ध था प्रदान करने में सक्षम है । लेकिन उसे दुःख है कि वह अभी भी अपने माता-पिता और भाई-बहनों से अलग है । उसने हमें बताया कि उसकी यात्रा कठिन रही है जो पूरी नहीं होगी जब तक कि वह अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ नहीं जाता ।

इस जिन्दगी में अपने प्रिय जनों से अलग होना कठिन है, पर मृत्यु में किसी प्रियजन को खोना और भी कठिन है और एक नुकसान की भावना उत्पन्न करती है जो तब तक सही नहीं किया जाएगा जब तक हम उनके साथ फिर से जुड़ नहीं जाते । जब थिस्लुनीके के नए विश्वासियों ने इस तरह के नुकसान के बारे में सोचा, तो पौलुस ने लिखा, “हे भाइयो, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञानी रहो; ऐसा न हो कि तुम दूसरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं” (1 थिस्सलुनीकियों 4:13) । उसने समझाया कि यीशु में विश्वासियों के रूप में, हम एक अद्भुत मिलन की उम्मीद में जी सकते है──मसीह की उपस्थिति में हमेशा के लिए एक साथ (पद.17) l 

कुछ अनुभव हमें उतनी ही गहराई से चिह्नित करती है जितनी गहराई से हम अलगाव सहते है, लेकिन यीशु में हमें फिर से मिलने की आशा है । और दुख और हानि के मध्य हम उस स्थायी वायदे में वह आराम पा सकते है जो हमें चाहिए (पद.18) l 

सत्य के साथ झूठ

मैंने अपनी बाइबल मंच पर रखी और प्रतीक्षा कर रहे उत्सुक चेहरों को आँखें गड़ाकर देखा जो उपदेश सुनने के लिए मेरा इंतज़ार कर रहे थे l मैंने प्रार्थना करके तैयारी की थी l मैं क्यों नहीं बोल पा रहा था?

तुम बेकार हो । तुम्हें कभी भी कोई नहीं सुनेगा, खासकर यदि उनको तुम्हारा अतीत पता है । और परमेश्वर कभी तुम्हें उपयोग नहीं करेगा । मेरे हृदय और मन में बैठे हुए, मेरे जीवन पर विभिन्न तरीकों से बोले गए इन शब्दों ने झूठ के खिलाफ एक दशक लंबे युद्ध को सुलगा दिया था जो मैंने आसानी से विश्वास किया था । हालाँकि मुझे पता था कि यह शब्द सही नहीं थे, मैं अपनी असुरक्षा और भय से बच नहीं पा रहा था । तो मैंने अपनी बाइबल खोली l 

नीतिवचन 30:5 की ओर मुड़ते हुए, जोर से पढ़ने से पहले मैंने धीरे से साँस अन्दर खींची और छोड़ी l “परमेश्वर का एक एक वचन ताया हुआ है, ”मैंने पढ़ा, “वह अपने शरणागतों की ढाल ठहरा है ।” मैंने अपनी आँखें बंद की जब शांति ने मुझे अभिभूत किया, और मैंने भीड़ के साथ अपनी गवाही बाँटना शुरू किया ।

हम में से कई लोगों ने नकारात्मक शब्दों या विचारों की पंगु करने वाली शक्ति का अनुभव किया है । हालाँकि, परमेश्वर का शब्द “ताया हुआ,” सिद्ध और बिल्कुल सही है । जब हम अपने मूल्य या परमेश्वर के बच्चों के रूप में अपने उद्देश्य के बारे में आत्मा को कुचलने वाले विचारों पर विश्वास करने के लिए ललचाते हैं, तो परमेश्वर का स्थायी और अचूक सत्य हमारे दिमाग और हमारे दिलों की रक्षा करता है l हम भजनकार के साथ गूंज सकते है, जिसने लिखा : “हे यहोवा, मैं ने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है” (भजन 119:52) l 

हम नकारात्मक-बोल के स्थान पर बाइबल से झूठ का मुकाबला करें जो हमने परमेश्वर, अपने, और दूसरों के विषय स्वीकार किया है l 

परमेश्वर के अनुग्रह में बढ़ना

अंग्रेज प्रचारक चार्ल्स एच. स्पर्जन (1834-1892) ने “पूरी शक्ति” से जीवन जीया l वह 19 साल की उम्र में पास्टर बने──और जल्द ही बड़ी भीड़ को प्रचार करने लगे । वह खुद ही अपने सभी उपदेशों को संपादित करते थे, जो जल्द ही 36 संस्करण बन गए, और उन्होंने अनेक टीकाएँ, प्रार्थना पर पुस्तकें लिखीं, और दूसरे लेखन भी l और वह औसतन एक सप्ताह में 6 किताबें पढ़ते थे! अपने एक उपदेश में स्पर्जन ने कहा, “कुछ न करने का पाप सभी पापों में सबसे बड़ा है, क्योंकि इसमें अधिकाँश अन्य शामिल हैं l . . . भयंकर आलस्य! प्रभु हमें इससे बचाइए!”

चार्ल्स स्पर्जन ने लगन के साथ जीवन जीया, जिसका मतलब था कि उन्होंने परमेश्वर के अनुग्रह में बढ़ने और उसके लिए जीने के लिए “सब प्रकार का यत्न [किया]” (2 पतरस 1:5) l यदि हम मसीह के अनुयायी हैं, परमेश्वर यीशु की तरह और भी उन्नति करने के लिए हमारे मनों में “सब प्रकार का यत्न करके अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ . . . संयम . . . भक्ति . . . [बढ़ाने] (पद.5-7) की इच्छा और योग्यता डालेगा l  

हम में से प्रत्येक के पास विभिन्न प्रेरणा, क्षमता और ऊर्जा स्तर है──हम में से सभी चार्ल्स स्पर्जन की गति के अनुसार जी नहीं सकते या जीने का प्रयास नहीं कर सकते! परन्तु जब हम वह सब जो यीशु ने हमारे लिए किया है समझते हैं, हमारे पास परिश्रमी, विश्वासयोग्य रहन-सहन के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है । और हमें उसके लिए जीने और उसकी सेवा करने के लिए हमारी सामर्थ्य परमेश्वर से प्राप्त श्रोतों द्वारा मिलती है l परमेश्वर अपनी आत्मा के द्वारा हमें हमारे ──बड़े या छोटे──प्रयासों को पूरा करने में सशक्त बनाता है ।