फरवरी 2020 में, जब कोविड-19 संकट शुरू ही हो रहा था, एक अखबार के स्तम्ब लेखक की चिंता ने मुझे प्रभावित किया l क्या हम स्वेचछा से खुद को अलग रखेंगे, उसने सोचा, अपने काम, यात्रा, और खरीदारी की आदतों को बदलेंगे ताकि दूसरे बीमार नहीं होंगे? “यह केवल कोई क्लिनिकल(clinical) संसाधन का एक जांच नहीं है,” उसने लिखा, “लेकिन दूसरों के लिए खुद को अलग करने की हमारी तत्परता l” अचानक, सदाचार की आवश्यकता प्रथम पृष्ठ की खबर बन गई  l 

जबकि हम अपनी आवश्यकता के विषय चिंतित हैं दूसरों की आवश्यकता पर विचार करना कठिन हो सकता है l शुक्र है, हमारे पास आवश्यकता पूरा करने के लिए केवल इच्छाशक्ति नहीं है l हम पवित्र आत्मा से उदासीनता की जगह प्रेम, दुःख का मुकाबला करने के लिए आनंद, हमारी चिंता की जगह शांति, हमारे आवेग को दूर करने के लिए सहनशीलता(धीरज), दूसरो की देखभाल करने के लिए दया, उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भलाई, अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए विश्वासयोग्यता, कठोरता की जगह नम्रता, आत्म-केन्द्रितता से परे संयम देने के लिए कहें (गलातियों 5:22-23) l जबकि हम इन सारी बातों में सिद्ध नहीं होंगे, हमें निरंतर आत्मा का वरदान सद्गुण को तलाशने को बुलाया गया है (इफिसियों 5:18) l 

एक लिखक ने एक बार पवित्रता का वर्णन जो आवश्यक है उसे करना है जब उसे करने की ज़रूरत है की क्षमता के रूप में किया है l और इस प्रकार की पवित्रता प्रतिदिन आवश्यक है, केवल किसी महामारी में नहीं l क्या दूसरों के लिए त्याग करने की क्षमता हममें है? पवित्र आत्मा जिसे करने की ज़रूरत है उसे करने की सामर्थ्य से हमें भर दे l