लहरों पर सवारी करना
जब मेरे पति चट्टानी समुद्र तट पर टहलते हुए क्षितिज की तस्वीरें ले रहे थे, मैं एक बड़ी चट्टान पर बैठे हुए एक और चिकित्सा नाकामयाबी के विषय क्षुब्ध हो रही थी l हालाँकि मेरे घर लौटने पर मेरी समस्याएँ मेरा इंतजार कर रही होंगी, मुझे उस क्षण शांति की आवश्यकता थी l मैं आने वाली लहरों को घूर रही थी जो काली, नुकीली चट्टानों से टकरा रहे थे l लहर के वक्र में एक अंधेरी छाया ने मेरी आंख को अपनी ओर कर लिए l अपने कैमरे पर ज़ूम विकल्प का उपयोग करते हुए, मैंने उस आकार को एक समुद्री कछुआ के रूप में पहचाना जो शांतिपूर्वक लहरों की सवारी कर रहा था l उसके तरणका-पाद(flippers) फैले हुए और शांत थे l अपने चेहरे को लवणयुक्त मंद हवा की ओर करके, मैं मुस्कुरायी l
”स्वर्ग में तेरे(परमेश्वर) अद्भुत काम की . . . प्रशंसा होगी”(भजन 89:5) l हमारे अतुलनीय परमेश्वर शासन करते हुए “समुद्र के गर्व को . . . तोड़ता है; जब उसके तरंग उठते हैं, तब[परमेश्वर] . . . उनको शांत कर देता है” (पद.9) l उसने “जगत और जो कुछ उस में है, उसे . . . स्थिर किया है” (पद.11) l उसने यह सब बनाया, वही सब का मालिक है, और अपनी महिमा और हमारे आनंद के लिए प्रायोजन करता है l
अपने विश्वास की नींव पर खड़े रहकर─हमारे अपरिवर्तनीय पिता का प्यार─हम “तेरे मुख के प्रकाश में [चल सकते हैं]” (पद.15) l परमेश्वर हमारे साथ सामर्थ में शक्तिशाली और अपने बर्ताव में करुणामयी बना रहता है l हम दिन भर उसके नाम में आनन्दित रह सकते हैं (पद.16) l इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमें किन बाधाओं का सामना करना पड़े या कितनी नाकामयाबियों को सहन करना पड़े, परमेश्वर हमें थामता है जब लहरें उठती और गिरती हैं l
बैगनी शॉल
अपने घर से सैकड़ों मील दूर एक कैंसर केंद्र में अपनी माँ के साथ रहकर देख-रेख करनेवाली(care-giver) के रूप में सेवा करते हुए, मैंने लोगों से हमारे लिए प्रार्थना करने के लिए कहा l जैसे-जैसे महीने बीतते गए, अलगाव और अकेलेपन ने मेरी ताकत छीन ली l मैं अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक थकावट से हार मानकर अपनी माँ की देखभाल कैसे कर सकती थी?
एक दिन, एक मित्र ने मुझे एक अप्रत्याशित देखभाल पैकेज भेजा l मेरे दोस्त ने क्रोशिया से काढ़कर एक बैंगनी प्रार्थना शॉल बनाया, एक गर्म अनुस्मारक, कि हमारे लिए प्रतिदिन प्रार्थना करने वाले लोग थे l जब भी मैंने अपने कंधों पर उस नरम शॉल को लपेटा, मैंने परमेश्वर को मुझे अपने लोगों की प्रार्थनाओं के साथ गले लगाते हुए महसूस किया l वर्षों बाद, वह अभी भी उस बैंगनी शाल का उपयोग मुझे आराम देने और मेरे संकल्प को मजबूत करने के लिए करता है l
प्रेरित पौलुस दूसरों के लिए प्रार्थना करने के महत्व और आत्मा की स्फूर्तिदायक शक्ति की पुष्टि की l अपनी यात्रा के दौरान प्रार्थना के समर्थन और प्रोत्साहन के लिए अपने भावुक अनुरोध के माध्यम से, पौलुस ने दर्शाया कि जो लोग दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं वे सेवा में भागीदार बनते हैं (रोमियों 15:30) l विशिष्ट अनुरोधों की पेशकश करते हुए, प्रेरित ने न केवल साथी विश्वासियों के समर्थन पर अपनी निर्भरता दिखाई, बल्कि अपना भरोसा कि परमेश्वर शक्तिशाली रूप से प्रार्थना का उत्तर देता है (पद.31-33) l
हम सब ऐसे दिनों का अनुभव करेंगे जब हम अकेला महसूस करेंगे l लेकिन पौलुस हमें दिखाता है कि प्रार्थना कैसे मांगनी है जब हम दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं l जब हम ईश्वर के लोगों की परहित प्रार्थनाओं में लिपटे रहते हैं, तो चाहे जीवन हमें कहीं भी ले जाए, हम परमेश्वर की सामर्थ्य और आराम का अनुभव कर सकते हैं l
सुरक्षित और शांत
उर्जा से भरपूर शिशु विद्यालय का छात्र, मेरे बेटे जेवियर ने दोपहर के आराम के समय से परहेज किया l शांत रहना अक्सर अनचाहा परिणाम, झपकी, लेकर आया, जो अति-आवश्यक था l इसलिए, वह अपनी सीट पर बैठ कर हिलता-डुलता था, सोफे पर खिसकता था, फर्श पर दौड़ता था, और यहाँ तक कि आराम से बचने के लिए पूरे कमरे में चक्कर मारता था l “माँ, मुझे भूख लगी है . . . मुझे प्यास लगी है . . . मुझे बाथरूम जाना है . . . मुझे दुलार करना है l”
निःस्तब्धता के लाभों को समझते हुए, मैं ज़ेवियर को शांत रहने में मदद करने के लिए मुझसे सटकर लेटने के लिए बुलाती थी l मेरी ओर झुककर, वह सो जाता था l
अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत में, मैंने अपने बेटे के सक्रिय रहने की इच्छा पर विचार किया l व्यस्तता मुझे स्वीकृत, महत्वपूर्ण और नियंत्रण में महसूस कराया, जबकि शोर ने मुझे मेरी कमियों और आजमाइशों पर क्षुब्ध होने से ध्यान हटा दिया l आराम करने के लिए समर्पण ने मेरी कमजोर मानवता की पुष्टि की l इसलिए मैंने शांति और खामोशी से परहेज किया, और शक करने लगी कि परमेश्वर मेरी सहायता के बिना चीजों को नहीं संभाल सकता था l
लेकिन वह हमारा शरणस्थान है, चाहे कितनी भी परेशानियाँ या अनिश्चितताएँ हमें घेरे हों l आगे का रास्ता लंबा, डरावना या अभिभूत करनेवाला लग सकता है, लेकिन उसका प्यार हमें घेर लेता है l वह हमें सुनता है, हमें जवाब देता है और हमारे साथ रहता है . . . अब और हमेशा के लिए अनंत काल तक (भजन 91) l
हम परमेश्वर की शांति को गले लगा सकते हैं और उसके अचल प्रेम और निरंतर उपस्थिति में सहारा ले सकते हैं l हम शांत रहकर उसमें विश्राम पा सकते हैं क्योंकि हम उसकी अपरिवर्तनीय विश्वासयोग्यता में सुरक्षित हैं (पद.4) l
बत्ती जला दें
जब हमदोनों पति-पत्नी ने अपने बेटों से मिलने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक(cross-country move), जाने की तयारी की तो मैं यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि हम अपने व्यस्क बेटों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे l मैंने अनूठा उपहार ढूंढ़ लिया, वायरलेस इंटरनेट से जुड़ा मित्रता लैंप, जो रिमोट से जलाया जा सकता है l जब मैंने अपने बेटों को लैंप दिये, तो मैंने समझाया कि जब मैं अपने लैंप को स्पर्श करुँगी, तो उनके चालू हो जाएंगे - अपने प्यार और निरंतर प्रार्थनाओं की एक दीप्त याद दिलाने के लिए l कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे बीच कितनी बड़ी दूरी है, उनके लैंप पर एक थपथपाहट हमारे घर में भी रोशनी को सक्रीय करेगी l हालाँकि हमें पता था कि हमारी मुलाकात के व्यक्तिगत क्षणों को कुछ भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकते थे, फिर भी हर बार जब हम उन लैम्प्स को जलाते हैं हम यह जानकार प्रोत्साहित होते हैं कि हमें प्यार किया जाता है और हमारे लिए प्रार्थना की जाती है l
परमेश्वर के सभी बच्चों को पवित्र आत्मा द्वारा उज्वल प्रकाश को साझा करनेवाला बनने का सुअवसर है l हमें परमेश्वर की अनंत आशा और शर्तहीन प्रेम का कान्तिमान प्रकाशस्तंभ के रूप में जीने के लिए अभिकल्पित किया गया है l जब हम सुसमाचार साझा कर रहे हैं और यीशु के नाम में दूसरों की सेवा कर रहे हैं, तो हम शानदार प्रकाश बिंदु और जीवित साक्षी बन जाते हैं l हर एक अच्छा काम, दयालु मुस्कान, प्रोत्साहन के कोमल शब्द, और हार्दिक प्रार्थना परमेश्वर की ईमानदारी और उसके शर्तहीन और जीवन को बदलने वाला प्यार की एक उज्जवलित याद दिलाती है (मत्ती 5:14-16) ।
जहाँ भी परमेश्वर हमारी अगुवाई करता है, और जिस भी प्रकार से हम उसकी सेवा करते हैं, हम उसके द्वारा दूसरों को उसकी ज्योति चमकाने में मदद करने के लिए उपयोग किये जा सकते हैं l जब परमेश्वर, अपनी आत्मा द्वारा, सच्ची रौशनी प्रदान करता है, हम उसकी ज्योति और उसकी उपस्थिति का प्रेम प्रतिबिंबित कर सकते हैं l
सादृश्य प्रतिरूप
एक आउटिंग/सैर के दौरान, हमारी मुलाकात एक महिला से हुयी जो मेरे पति के बचपन से ही उसके परिवार को जानती है l उसने ऐलन से लेकर हमारे बेटे, ज़ेवियर तक को देखा l “वह अपने पिता का सादृश्य प्रतिरूप है,” उसने कहा l "वो आँखें l वह मुस्कान l हां l उसके जैसा ही दिखता है l” जब उस महिला ने पिता और पुत्र के बीच इस तरह की मजबूत समानता को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की, उसने उनके व्यक्तितव में भी समानताएं देखीं l फिर भी, हालांकि, वे कई मायनों में एक जैसे हैं, लेकिन मेरा बेटा अपने पिता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है l
केवल एक पुत्र है - यीशु - जो अपने पिता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित करता है l मसीह “अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है” (कुलुस्सियों 1:15) l उसी में और उसके द्वारा और उसी के लिए सारी वस्तुएँ सृजी गयी हैं (पद.16) l “वही सभी वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं” (पद.17) l
हम प्रार्थना और बाइबल अध्ययन में समय लगाकर, देहधारित परमेश्वर – यीशु को देखकर परमेश्वर का चरित्र समझ सकते हैं l वह हमें उसके प्रेम को कार्यरूप में देखने के लिए आमंत्रित करता है कि हम जांचें कि वह किस प्रकार पवित्रशास्त्र में और हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में अन्य लोगों के साथ बातचीत/व्यवहार करता है l अपने जीवन को मसीह को समर्पित करने और पवित्र आत्मा का उपहार प्राप्त करने के बाद, हम अपने प्रेमी पिता को जानने और उस पर भरोसा करने में बढ़ सकते हैं l वह हमें उसके चरित्र को प्रतिबिंबित करने के लिए बदल देता है, ताकि हम उसके लिए जी सकें l
कितना बड़ा आनंद होगा यदि दूसरे कह सकें कि हम बिलकुल यीशु के समान दिखाई देते हैं!
अटूट विश्वास
जब डॉक्टरों ने उनके पहले बच्चे को मनोरोग/उन्नति विकार(autism), से ग्रस्त बताया, उस युवा जोड़े ने दुखित होते हुए एक ज्ञान-सम्बन्धी निशक्त बच्चे के लिए जीवन भर की देखभाल का सामना किया l अपनी पुस्तक अनब्रोकन फ़ेथ(Unbroken Faith) में, अपने प्यारे बेटे के भविष्य के लिए अपने सपनों और उम्मीदों को समायोजित करने के लिए संघर्ष करना स्वीकार करती है l फिर भी इस पीड़ादायक प्रक्रिया में, उन्होंने सीखा कि ईश्वर उनके क्रोध, शंकाओं और आशंकाओं को संभाल सकता है l अब, उनके बेटे के व्यस्क होने के साथ, डायना अपने अनुभवों का उपयोग विशेष जरूरतों वाले बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित करने के लिए करती है l वह दूसरों को ईश्वर के अटूट वादों, असीम शक्ति, और प्रेममयी विश्वास के बारे में बताती है l वह लोगों को विश्वास दिलाती है कि जब हम किसी सपना, आशा, जीवन के एक मौसम के विनाश का अनुभव करते हैं, वह हमें दुखित होने की अनुमति देता है l
यशायाह 26 में, भविष्यवक्ता घोषणा करता है कि परमेश्वर के लोग प्रभु पर हमेशा भरोसा कर सकते है, “क्योंकि प्रभु . . . सनातन चट्टान है” (पद.4) l वह हमें हर स्थिति में अलौकिक शांति के साथ थामे रहने में सक्षम है (पद.12) l उसके अपरिवर्तनीय चरित्र पर ध्यान केंद्रित करना और परेशानी के समय उसको पुकारना हमारी आशा में नया प्राण भर देता है (पद.15) l
जब हम कोई हानि, निराशा, या कठिन परिस्थिति का सामना करते हैं, तो परमेश्वर हमें उसके साथ ईमानदार होने के लिए आमंत्रित करता है l वह हमारी निरंतर बदलती भावनाओं और हमारे सवालों को संभाल सकता है l वह हमारे साथ रहता है और स्थायी आशा के साथ हमारी आत्माओं को ताज़ा करता है l जब हम महसूस करते हैं कि हमारा जीवन बिखर रहा है, तब भी परमेश्वर हमारे विश्वास को अटूट बना सकता है l
उपासना की जीवनशैली
जब मैं एक मसीही सम्मेलन केंद्र में नाश्ते की बुफे लाइन में इंतजार कर रही थी, महिलाओं का एक समूह भोजन कक्ष में प्रवेश किया । मैंने मुस्कुराते हुए एक महिला को नमस्ते कहा, जो मेरी पीछे वाली पंक्ति में कदम रखी । मेरा अभिवादन वापस करते हुए उसने कहा, “मैं आपको जानती हूँ ।“ हमने अपनी प्लेटों में अंडे की भुज्जी ली और यह पता लगाने की कोशिश की कि हम कहाँ पर मिले थे । लेकिन मुझे काफी यकीन था कि उसने मुझे कोई और समझने की गलती की थी l
जब हम दोपहर के भोजन के लिए लौटे, तो उस महिला ने मुझसे संपर्क किया । “क्या आप एक सफेद कार चलाती हैं?”
मैंने कन्धा उचकाया । “मैं यह किया करती थी l कुछ साल पहले ।“
वह हँसी । “हम प्राथमिक विद्यालय के निकट लगभग हर सुबह एक ही ट्रैफिक लाइट पर रुकते थे,” उसने कहा । "आप हमेशा खुशी से गाते हुए अपने हाथों को उठाती थी l मुझे लगा कि आप ईश्वर की आराधना करती होंगी l वह मुझ में आपके साथ शामिल होने की इच्छा जागृत की, कठिन दिनों में भी l”
परमेश्वर की प्रशंसा करते हुए, हमने एक साथ प्रार्थना की, गले मिले, और दोपहर के भोजन का आनंद लिया ।
मेरे नए मित्र ने पुष्टि की कि लोग नोटिस करते हैं कि यीशु के अनुयायी कैसे व्यवहार करते हैं, उस समय भी जब हम सोचते हैं कि कोई नहीं देख रहा है । जब हम आनंदित उपासना की जीवन शैली को अपनाते हैं, हम अपने सृष्टिकर्ता के समक्ष कभी भी और कहीं भी आ सकते हैं । उसके धीरजवंत प्रेम और विश्वासयोग्यता की प्रशंसा करते हुए, हम उसके साथ अंतरंग संवाद का आनंद ले सकते हैं और उसकी अनवरत देखभाल (भजन 100) के लिए उसका धन्यवाद कर सकते हैं । चाहे हम अपनी कारों में भजन गाते हों, सार्वजनिक रूप से प्रार्थना करते हों, या ईश्वर के प्रेम का प्रचार करते हों, हम दूसरों को "उसके नाम को धन्य” कहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं (पद.4) । परमेश्वर की उपासना करना रविवार की सुबह की घटना से अधिक है ।
तड़क-भड़क नहीं, केवल महिमा/प्रताप
वर्षों से मेरे बेटे, ज़ेवियर, के हाथ से बनायी गयी क्रिसमस की सजावट और दादी द्वारा उसे भेजे गए वार्षिक बेमेल खिलौने और सस्ती भड़कीली वस्तुओं को देखते हुए मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं क्यों अपनी सजावट से संतुष्ट नहीं थी l मैंने हमेशा प्रत्येक सजावट की रचनात्मकता और स्मृति को बहुमूल्य मानी थी जिसका हर एक सजावट प्रतिक था l तो, क्यों खुदरा दुकानों की छुट्टी का प्रदर्शन/डिस्प्ले पूरी तरह से मेल खाने वाले बल्बों, झिलमिलाती सजावटें और साटन रिबन के साथ सजी एक पेड़ को पाने की इच्छा मुझमें उत्पन्न कर रहा था?
जब मैं खुद को अपनी सादगीपूर्ण सजावट से दूर करना शुरू किया, मैंने एक लाल, दिल के आकार की सजावट को एक सरल वाक्यांश के साथ चित्रित देखा, जिस पर लिखा था - यीशु, मेरा उद्धारकर्ता । मैं यह कैसे भूल सकती थी कि मेरा परिवार और मसीह में मेरी आशाएं ही क्रिसमस मनाने के कारण हैं? हमारा साधारण ट्री स्टोर के सामने सजे पेड़ों के समान नहीं था, लेकिन हर सजावट के पीछे के प्यार ने इसे सुंदर बना दिया ।
हमारे साधारण ट्री की तरह, उद्धारकर्ता/Messiah संसार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा था (यशायाह 53:2) । यीशु “जाना [गया] और त्यागा [गया]” (पद.3) l फिर भी, प्यार के एक अद्भुत प्रदर्शन में, वह “हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया” (पद.5) l हम शांति का आनंद ले सकें इसी कारण उस पर ताड़ना पड़ी (पद.5) l इससे अधिक खूबसूरत कुछ भी नहीं है ।
हमारी अपूर्ण सजावट और हमारे आदर्श उद्धारकर्ता के लिए नयी कृतज्ञता के साथ, मैंने तड़क-भड़क की लालसा बंद कर दी और परमेश्वर की महिमामय प्रेम के लिए उसकी प्रशंसा की । जगमगाती सजावट कभी भी उसके बलिदानी उपहार – यीशु - की सुंदरता से मेल नहीं खा सकते थे l
एक ही दल में
गंभीर चोट से ठीक होने के बाद वापस फुटबॉल के मैदान में लौटते समय, टीम का एक साथी जो कि उसी स्थिति/position को खेलता है, धैर्यपूर्वक बेंच पर लौट गया l हालाँकि यह फुटबॉल खिलाड़ी भी उसी स्थिति/position के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा था, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का समर्थन करने का फैसला किया और अपनी भूमिकाओं में आश्वस्त रहे । एक रिपोर्टर ने देखा कि दोनों एथलीटों का "मसीह में अपने विश्वास में अनोखा रिश्ता" है जो एक-दूसरे के लिए चल रही प्रार्थनाओं के द्वारा दिखाया गया । जब अन्य लोग देख रहे थे, वे यह याद करके कि वे एक ही टीम में थे - केवल खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि यीशु में विश्वासियों के रूप में उसका प्रतिनिधि होकर - उन्होंने परमेश्वर को आदर दिया l
प्रेरित पौलुस विश्वासियों को "ज्योति की संतान” के रूप में जीने की याद दिलाता है जो यीशु की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:5–6) । मसीह द्वारा दिए गए उद्धार में हमारी सुरक्षित आशा के साथ, हम ईर्ष्या, असुरक्षा, भय, या डाह से बाहर निकलने के लिए किसी भी प्रलोभन से बच सकते हैं । इसके बजाय, हम "एक दूसरे को शांति [दे सकते हैं] और एक दूसरे की उन्नति का कारण [बन सकते हैं]” (पद.11) l हम आध्यात्मिक अगुओं का सम्मान कर सकते हैं जो परमेश्वर का आदर करते हैं और "मेलमिलाप से [रह सकते हैं]” जब हम अपने साझा लक्ष्य को पूरा करने के लिए सेवा करते हैं - लोगों को सुसमाचार के बारे में बताते हुए और दूसरों को यीशु के लिए जीने के लिए प्रोत्साहित करते हुए (पद.12–15) ।
जब हम एक ही टीम में सेवा करते हैं, तो हम पौलुस की आज्ञा को ध्यान में रख सकते हैं : “सदा आनंदित रहो l निरंतर प्रार्थना में लगे रहो l हर बात में धन्यवाद करो; क्योंकि तुम्हारे लिए मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है” (पद.16-18) l