Month: सितम्बर 2020

वादा निभाने वाला

लीना से किए गए वादों की गंभीरता से घबराया हुआ, जॉन ने अपनी शादी की कसमों को दोहराते हुए खुद को लड़खड़ाते हुए पाया । उसने सोचा, विश्वास किये बिना कि वादों को पूरा करना संभव है मैं ये वादे कैसे कर सकता हूं? उसने विवाह समारोह को पूरा किया, लेकिन उसकी प्रतिबद्धताओं का वजन बना रहा । स्वागत समारोह(reception) के बाद, जॉन अपनी पत्नी को चैपल/चर्च में ले गया, जहाँ उसने प्रार्थना की - दो घंटे से अधिक समय तक - कि परमेश्वर उसे लीना को प्यार करने और उसकी देखभाल करने के उसके वादे को निभाने में मदद करेगा ।

जॉन की शादी के दिन का खौफ उसके मानवीय भंगुरता की मान्यता पर आधारित थी । लेकिन परमेश्वर, की ऐसी कोई सीमा नहीं है जिसने अब्राहम की संतानों (गलतियों 3:16) के माध्यम से राष्ट्रों को आशीष देने का वादा किया था l

अपने यहूदी मसीही पाठकों को दृढ़ता और धैर्य से यीशु में अपने विश्वास में बने रहने के लिए चुनौती देने के लिए, इब्रानियों के लेखक ने अब्राहम को दी गयी परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ याद दिलायी, कुलपिता की धीरज से प्रतीक्षा और उन वादों की पूर्णता जो की गयी थी (इब्रानियों 6:13-15) l अब्राहम और सारा की वरिष्ठ नागरिकों के रूप में स्थिति, अब्राहम को "कई संतान" (पद.14) देने के परमेश्वर के वादे को पूरा करने में कोई बाधा नहीं थी ।

क्या कमजोर, निर्बल और मानवीय होने के बावजूद आप परमेश्वर पर भरोसा करने की चुनौती महसूस करते हैं? क्या आप अपनी वचनबद्धताओं, अपने संकल्पों और वादों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? 2 कुरिन्थियों 12: 9 में, परमेश्‍वर हमारी मदद करने का वादा करता है : “मेरा अनुग्रह तेरे लिए बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है l” छत्तीस से अधिक वर्षों तक परमेश्वर ने जॉन और लीना को अपने वादों के प्रति समर्पित रहने में मदद की है । उसकी मदद प्राप्त करने के लिए उस पर भरोसा क्यों नहीं?

प्रेम के ताले

मैं कई हजार तालों को देखकर हैरान हुई, जिनमें से कईयों पर प्रेमियों के नाम के प्रथमाक्षर खुदे हुए थे, जो पेरिस के पोंट देस आर्ट्स(Pont des Arts) पुल के हर एक कल्पनीय भाग से जुड़े हुए थे l सीन नदी पर यह पैदल पुल प्यार के इन प्रतीकों के पटा पड़ा था, जो प्रेमियों के “हमेशा” की प्रतिबद्धता की घोषणा थी l 2014 में, प्यार के तालों का अनुमान पचास टन लगाया गया था जो कि बहुत अधिक था और इसने पुल के एक हिस्से को ध्वस्त भी कर दिया था, जिससे तालों को हटाने की ज़रूरत पड़ी l

इतने सारे प्रेम के तालों की मौजूदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि इंसान होने के कारण  हम आश्वासन चाहते हैं कि प्यार सुरक्षित है l पुराना नियम की एक किताब, श्रेष्ठगीत में, दो प्रेमियों के बीच एक संवाद को दर्शाया गया है, स्त्री अपने प्रिय से उसे "नगीने के समान अपने हृदय पर लगा [ने], और ताबीज के समान अपनी बाँह पर [बाँधने] (गीत 8: 6) की इच्छा व्यक्त कर सुरक्षित प्यार की अभिलाषा करती है । उसकी लालसा उसके प्रेम में महफूज़ और सुरक्षित होना था जैसे एक मुहर हृदय पर लगी हो या उसकी ऊँगली में एक अंगूठी l 

रोमांटिक/अद्भुत प्रेम की लालसा जो श्रेष्ठगीत में व्यक्त किया गया है इफिसियों में नए नियम के सत्य की ओर इशारा करती है कि हम परमेश्वर की आत्मा की "मुहर" (1:13) से चिह्नित किये गए हैं। जबकि मानव प्रेम चंचल हो सकता है, और एक पुल से ताले को हटाया जा सकता है, मसीह की आत्मा का हममें निवास परमेश्वर के कभी न खत्म होने वाले, अपने प्रत्येक बच्चे के लिए प्रतिबद्ध प्रेम का प्रदर्शन करने वाली एक स्थायी मुहर है ।

अत्यधिक पापी कभी नहीं

“अगर मैं किसी बाइबिल को छूती, तो मेरे हाथों में आग लग जाती,” मेरे कॉलेज के अंग्रेजी के प्रोफेसर ने कहा । मेरा दिल बैठ गया । उस सुबह हम जो उपन्यास पढ़ रहे थे, उसमें बाइबल के  एक पद का सन्दर्भ दिया गया था, और जब मैंने इसे देखने के लिए अपनी बाइबल निकाली, तो उसने देखा और टिप्पणी की । मेरे प्रोफेसर को लगता था कि वह क्षमा प्राप्त करने के लिए बहुत पापी थी l फिर भी मैं उसे परमेश्वर के प्यार के बारे में बताने के लिए बहुत दृढ़ नहीं थी - और कि बाइबल बताती है कि हम हमेशा परमेश्वर से क्षमा मांग सकते हैं ।

नहेमायाह में पश्चाताप और क्षमा का एक उदाहरण है । इस्राएलियों को उनके पाप के कारण निर्वासित किया गया था, लेकिन अब उन्हें यरूशलेम लौटने की अनुमति दी गई थी । जब वे “बस गए,” तो एज्रा शास्त्री ने उन्हें व्यवस्था पढ़कर सुनाया (नहेमायाह 7:73–8:3) । उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया, यह याद करते हुए कि उनके पाप के बावजूद परमेश्वर ने उनको  “नहीं त्यागा” या “दूर नहीं किया” (9:17,19 Hindi-C.L.)। जब उन्होंने पुकारा, तो उसने “उनकी पुकार सुनी”; और करुणा और दया में, वह उनके साथ धीरज धरता रहा (27–31) ।

उसी तरह, परमेश्वर हमारे साथ धैर्यवान है । यदि हम अपने पाप को कबूल करना चाहते हैं और उसकी ओर मुड़ना चाहते हैं l काश मैं वापस जाकर अपने प्रोफेसर को बता सकती कि, उसके अतीत से कोई फर्क नहीं पड़ता, यीशु उससे प्यार करता है और चाहता है कि वह उसके परिवार का हिस्सा बने । वह आपके और मेरे बारे में ऐसा ही महसूस करता है । हम क्षमा मांगते हुए उससे संपर्क कर सकते हैं — और वह दे देगा!

परमेश्वर द्वारा प्रशस्त सृमितियाँ

जब मेरे बड़े बेटे को एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा, तो मैंने उसे अपने पिता की बेरोजगारी के वर्ष के दौरान परमेश्वर की निरंतर देखभाल और प्रावधान के बारे में याद दिलाया । मैंने उस समय को याद किया जब परमेश्वर ने हमारे परिवार को मजबूत किया और हमें शांति दी, जबकि मेरी माँ अधिश्वेतरक्तता/ल्युकेमिया(leukemia) से अपनी लड़ाई हार गई । पवित्रशास्त्र में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता की कहानियों को उजागर करते हुए, मैंने पुष्टि की कि वह अपना वचन रखने में भला था । मैं अपने बेटे को हमारे परिवार की ईश्वर-प्रशस्त स्मृति पथ पर ले गयी, उसे उन तरीकों के बारे में याद दिलाती रही, जब वह हमारे घाटी और पर्वतीय क्षणों में विश्वसयोग्य रहा l चाहे हम संघर्ष कर रहे थे या जश्न मना रहे थे, परमेश्वर की उपस्थिति, प्यार और अनुग्रह पर्याप्त साबित हुए ।

हालाँकि मैं इस विश्वास को मजबूत करने की रणनीति को मेरा होने का दावा करना चाहता हूं, लेकिन परमेश्वर ने भविष्य की पीढ़ियों के विश्वास को प्रेरित करने के लिए कहानियों को साझा करने की आदत को अभिकल्पित किया है । जैसा कि इस्राएलियों को याद था कि उन्होंने अतीत में परमेश्वर को करते देखा था, उसने भरोसे के रास्ते के पत्थरों को उनकी दिव्य स्मृति वाली गलियों में लगाया l

इस्राएलियों ने परमेश्वर को उसके वादों के प्रति सच्चा देखा था जब उन्होंने उसका पालन किया था (व्यवस्थाविवरण 4:3–6) । उसने हमेशा उनकी प्रार्थनाओं को सुना और उत्तर दिया (पद.7) । युवा पीढ़ियों के साथ आनन्द और स्मरण करते हुए (पद.9), इस्राएलियों ने एकमात्र सच्चे परमेश्वर द्वारा उच्चारित एवं संरक्षित पवित्र शब्दों को साझा किया (पद.10) l

जब हम अपने महान ईश्वर की महिमा, दया, और अंतरंग प्रेम के बारे में बताते हैं, हमारे दृढ़ विश्वास और दूसरों का विश्वास उसकी स्थायी विश्वसनीयता की पुष्टि से मजबूत किया जा सकता है ।

जोखिम भरा एक चक्करदार मार्ग

यह तो समय की बर्बादी है, हेमा ने सोचा । उसकी बीमा एजेंट फिर से मिलने के लिए जोर दे रही थी । हेमा को पता था कि यह बिक्री का एक और उबाऊ समय होगा, लेकिन उसने इसे अपने विश्वास के बारे में बात करने के लिए एक अवसर की तलाश में उपयोग करने का फैसला किया ।

यह देखते हुए कि एजेंट की भौहों पर टैटू था, उसने संकोच के साथ पूछा कि क्यों और पता चला कि महिला ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसे लगा कि यह उसकी किस्मत खोलेगा । हेमा का सवाल वित्त के बारे में एक नियमित बातचीत से एक जोखिम भरा चक्कर की ओर था, लेकिन इसने भाग्य और विश्वास के बारे में एक बातचीत का दरवाजा खोल दिया, जिससे उसे इस बारे में बात करने का मौका मिला कि वह क्यों यीशु पर निर्भर है । वह "व्यर्थ" घंटा एक दिव्य नियुक्ति बन गयी ।

यीशु ने भी एक जोखिम भरा चक्करदार मार्ग लिया l यहूदिया से गलील की यात्रा करते हुए, वह अपना मार्ग बदलकर एक सामरी से बातचीत करने गया, जो एक यहूदी के लिए अकल्पनीय है । इससे भी बदतर, वह एक व्यभिचारी महिला थी जिससे अन्य सामरी लोग भी बचते थे l फिर भी उसने अपना वार्तालाप समाप्त किया, जिसके कारण बहुतों का उद्धार हुआ (यूहन्ना 4:1-26, 39-42) l

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिल रहे हैं जिसे आप वास्तव में नहीं देखना चाहते हैं? क्या आपका सामना एक ऐसे पड़ोसी से होता है जिससे आप आमतौर पर बचते हैं? बाइबल हमें हमेशा तैयार रहने की याद दिलाती है – ”समय और असमय” – सुसमाचार साझा कर (2 तीमुथियुस 4: 2) । "जोखिम भरा चक्करदार मार्ग" लेने पर विचार करें । कौन जानता है, परमेश्वर आपको आज उसके बारे में किसी से बात करने का एक दिव्य अवसर दे रहा हो!