बुद्धिमत्ता से निराई
मेरे नाती-पोते मेरे पिछवाड़े में चारों ओर दौड़ लगा रहे हैं l खेल खेल रहे हैं? नहीं, घासपात निकाल रहे हैं l "उन्हें जड़ से खींचकर निकाल रहे हैं!” मुझे एक भारी लूट(घासपात) दिखाते हुए, सबसे छोटी ने कहा l जब हम घासपात निकल रहे थे उसका आनंद उस दिन यह था कि हम घासपात के जड़ निकालने में कितना आनंद ले रहे थे─हर एक परेशान करने वाले कष्टकारी वस्तु को निकाल देना l हालांकि, खुशी से पहले, उनके पीछे लग जाने का विकल्प l
व्यक्तिगत पाप को दूर करने के लिए साभिप्राय निराई करना भी पहला कदम है l इसलिए, दाऊद ने प्रार्थना की : “हे परमेश्वर, मुझे जाँचकर जान ले” . . . और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं” (भजन 139:23-24) l
कितना बुद्धिमान दृष्टिकोण, परमेश्वर से अपने पापों को दिखाने के लिए कहते हुए उनको खोजना l वह जो सबके ऊपर है हमारे बारे में सब कुछ जानता है l “हे यहोवा, तू ने मुझे जाँचकर जान लिया है,” भजनकार लिखता है l “तू मेरा उठाना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है” (पद.1-2) l
“यह ज्ञान,” दाऊद आगे कहता है, “मेरे लिए बहुत कठिन है” (पद.6) l किसी पाप के जड़ पकने से पूर्व, इसलिए, परमेश्वर हमें खतरे के बारे में सचेत कर सकता है l वह हमारे “”भूदृश्य(landscape)” को जानता है l इसलिए जब एक गुप्त पापी रवैया जड़ लेने की कोशिश करता है, तो वह इसे सबसे पहले जान जाता है और इंगित करता है l
“मैं तेरी आत्मा से भागकर किधर जाऊँ,” दाऊद ने लिखा l “तेरे सामने से किधर भागूँ?” (पद.7) l हम अपने उद्धारकर्ता का उच्च भूमि पर निकट से अनुसरण करें!
गॉट योर नोज़(Got your nose!)
“मूर्तियों की नाक क्यों टूटी हुई हैं?” यह पहला सवाल है जो आगंतुक ब्रुकलिन संग्रहालय में मिस्र की कला के अध्यक्ष, एडवर्ड से पूछते हैं l
एडवर्ड इसे सामान्य टूट-फुट पर दोष नहीं दे सकता हैं; यहां तक कि दो आयामी चित्रित आकृतियों के नाक भी गायब हैं l वे अनुमान लगाते हैं कि इस तरह का विनाश जानबूझकर किया गया है l दुश्मनों का इरादा मिस्र के देवताओं को मारना था l ऐसा लगता है जैसे वे उनके साथ “गोट योर नोज़”(एक खेल) खेल रहे थे l आक्रमणकारी सेनाओं ने इन मूर्तियों के नाक तोड़ डाले जिससे वे सांस नहीं ले सकते थे l
सचमुच?बस इतने की ज़रूरत थी? इस तरह के देवताओं के साथ, फिरौन को पता होना चाहिए था कि वह मुसीबत में था l हाँ, उसके पास एक सेना और एक पूरे राष्ट्र की राज्यनिष्ठा थी l इब्री मूसा नामक डरपोक भगोड़े के नेतृत्व में थके हुए दास थे l लेकिन इस्राएल के पास जीवित परमेश्वर था, और फिरौन के देवता झूठा दावा करनेवाले थे l दस विपत्तियों के बाद, उनके काल्पनिक जीवन समाप्त हो गए l
इस्राएल ने अपनी जीत का जश्न अखमीरी रोटी के पर्व के साथ मनाया, जब उन्होंने एक हफ्ते तक बिना खमीर की रोटी खाई (निर्गमन 12:17; 13:7–9)l खमीर पाप का प्रतीक है, और परमेश्वर चाहता था कि उसके लोग याद रखें कि उनका बचाया हुआ जीवन पूरी तरह से उसका है l
हमारा पिता मूर्तियों से कहता है, “तुम हार गए,” और अपने बच्चों से, “तुम्हें जीवन मिल गया l” उस परमेश्वर की सेवा करो जो तुम्हें सांस देता है, और उसके प्रेमी बाहों में विश्राम करो l
परमेश्वर के साथ युद्ध का सामना
अमेरिकी सेना के सैनिक डेसमंड डॉस के वीर कर्मों को 2016 की फिल्म हैक्सॉ रिज(Hacksaw Ridge) में चित्रित किया गया है l जबकि डॉस के दृढ़ विश्वास ने उसे मानव जीवन की हत्या करने की अनुमति नहीं दी, उन्होंने सेना के एक चिकित्सक के रूप में खुद के जीवन के जोखिम के बावजूद जीवन को सुरक्षित करने के लिए खुद को समर्पित किया l 12 अक्टूबर, 1945 को डॉस मेडल ऑफ ऑनर समारोह में पढ़े गए उद्धरणों में ये शब्द शामिल थे : “प्राइवेट फर्स्ट क्लास डॉस ने सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया और बहुत से घायल लोगों के साथ गोलाबारी प्रभाव-क्षेत्र में बने रहकर, उन्हें एक-एक करके उठाकर किलाबंदी के ढलान के किनारे लाते गए . . . . l उन्होंने एक तोपची ऑफिसर(artillery officer) की मदद करने के लिए दृढ़तापूर्वक शत्रु की गोलाबारी और छोटे हथियारों की गोलीबारी का सामना किया l
भजन 11 में, दाऊद की यह धारणा कि उसका भरोसा परमेश्वर में था, उसे दुश्मनों का सामना करने से ज्यादा भागने के सुझाओं का विरोध करने पर विवश किया (पद.2-3) l पाँच सरल शब्दों में उसका विश्वास कथन समाविष्ट था : “मेरा भरोसा परमेश्वर पर है” (पद.1) l वह अच्छी तरह जड़वत धारणा उसके आचरण का मार्गदर्शन करनेवाली थी l
पद. 4-7 में दाऊद के शब्दों ने परमेश्वर की महानता को बढ़ाया l हां, जीवन कभी-कभी एक युद्ध भूमि की तरह हो सकता है, और विरोधी गोलाबारी हमें आश्रय के लिए तितर-बितर कर सकती है जब हम पर स्वास्थ्य की चुनौतियाँ या वित्तीय, संबंधपरक और आध्यात्मिक तनाव बमबारी करते हैं l तो हमें क्या करना चाहिए? स्वीकार करें कि परमेश्वर संसार का राजा है (पद.4); परिशुद्धता के साथ न्याय करने की उसकी अद्भुत क्षमता का आनंद लें (पद.5-6); और क्या सही, उचित और न्यायसंगत है की उसकी ख़ुशी में विश्राम करें (पद.7) l हम आश्रय के लिए परमेश्वर की ओर तेजी से दौड़ सकते हैं!
मुझे देखिये
“दादी माँ, मेरी परियों की राजकुमारी का नृत्य देखिये!” हमारे केबिन के आँगन में चारोंओर दौड़ लगाती हुयी मेरी तीन साल की नातिन ने उल्लासित होकर पुकारा l उसका “नाचना” मुस्कराहट ला दिया; और उसके बड़े भाई की निराशा, “वह नाच नहीं रही है, केवल दौड़ रही है,” ने छुट्टियों में परिवार के साथ रहना उसके आनंद को ख़त्म न कर सका l
प्रथम खजूर का रविवार उतार चढ़ाव का दिन था l जब यीशु एक गधे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया, भीड़ उल्लासित होकर चिल्लाई, “होशाना!” . . . धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है (मत्ती 21:9) l फिर भी भीड़ में अनेक लोग उन्हें रोम से छुड़ाने के लिए एक मुक्तिदाता(Messiah) की आशा कर रहे थे, एक उद्धारकर्ता नहीं जो उसी सप्ताह उनके पापों के लिए मरने वाला था l
बाद में उसी दिन, महायाजकों के डर के बावजूद जिन्होंने यीशु के अधिकार पर प्रश्न किया, मंदिर में बच्चों ने चिल्लाते हुए अपने आनंद को प्रगट किया, “दाऊद के संतान को होशाना” (पद.15), शायद कूदते और खजूर की डालियाँ हिलाते हुए जब वे आँगन के चारों ओर दौड़ रहे थे l वे उसकी उपासना करने से खुद को रोक न सके, यीशु ने क्रोधित अगुओं से कहा, बालकों और दूध पिते बच्चों के मुंह से [परमेश्वर ने अपनी] अपार स्तुति कराई” (पद.16) l वे उद्धारकर्ता की उपस्थिति में थे!
यीशु कौन है वह हमें भी देखने के लिए बुलाता है l जब हम आनंद की बहुतायत के साथ एक बच्चे की तरह ऐसा करते हैं, हम उसकी उपस्थिति का आनंद लेने से खुद को रोक नहीं पाते l