Month: अप्रैल 2022

आयु मात्र एक संख्या है

तरुणावस्था किसी के लिए भी उपलब्धियाँ प्राप्त करने में रुकावट नहीं बनना चाहिए l और यह निश्चित रूप से ग्यारह वर्ष की मिकेला को भी नहीं रोक सका l मिकेला ने शिकंजी का ठेला  शुरू की अपेक्षा, शिकंजी का बड़े स्तर पर व्यापार आरम्भ किया। मी एंड द बीज़ लेमनेड (Me & the Bees Lemonade) का व्यापार उसकी दादी की बनायी एक व्यंजन विधि से आरम्भ हुयी और आख़िरकार टेलीविज़न शो शार्क टैंक(Shark Tank) में निवेशकों से $60,000 का निवेश अर्जित किया l उसने श्रृंखला(chain) के पचपन स्टोर्स पर अपनी शिकंजी बेचने के लिए एक बड़े किराना बेचनेवाले के साथ एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए l 

मिकेला की प्रबल प्रेरणा और सपने हमें पौलुस द्वारा तीमुथियुस को कहे गए शब्दों की ओर इशारा करते हैं : कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए”(1 तीमोथियुस 4:12)।

तीमुथियुस, यद्यपि मिकेला की तरह छोटा नहीं था, फिर भी अपनी कलीसिया के अधिकतर लोगों से काफी छोटा था । और उसे इस विषय में चिंता थी कि लोग उसकी अवमानना कर रहे हैं l साथ ही, पौलुस के साथ रहने के बाद भी, कुछ लोगों की सोच थी कि तीमुथियुस उनकी अगुवाई करने के लिए परिपक्व नहीं था l अपनी प्रामाणिकताएँ दिखाने के द्वारा स्वयं को साबित करने के लिए कहने के बजाय, पौलुस ने तीमुथियुस को आध्यात्मिक परिपक्वता का प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित किया, अपने शब्दों के उपयोग द्वारा, अपना जीवन जीने के द्वारा, अपनी मंडली से प्यार करने के द्वारा, अपने विश्वास के प्रयोग द्वारा, और यौन शुद्ध बने रहने के द्वारा (पद.12) l कोई भी उसे एक शिक्षक और पास्टर के रूप में बदनाम नहीं कर सकता था यदि वह एक ईश्वरीय उदाहरण के साथ इसका समर्थन करता था l 

हम किसी भी आयु में दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं। हम इसे दूसरों के लिए एक मसीह-केन्द्रित उदाहरण स्थापित करने के द्वारा करते हैं जब परमेश्वर हमें वह प्रदान करता है जिसकी हमें ज़रूरत है l वह हमारे जीवन को सुसमाचार

सुरक्षा की और खींचना

एक छोटी बच्ची एक छोटे उथले नाले में उतरी जिस समय उसके पिता उसे देख रहे थे l उसके रबर के जूते घुटनों तक थे l जब वह नाले के बहाव की ओर गयी, जल गहरा हो गया जब तक कि वह उसके जूते के ऊपर तक नहीं पहुँच गया l जब वह अगला कदम बढ़ा न सकी, वह चिल्लायी, “डैडी, मैं फंस गई हूं!” तीन डग पर उसके पिता उसके पास थे, और उसे खींचकर घासदार किनारे पर ला रहे थे l वह हंसी जब जूतों को झटकते समय पानी भूमि पर गिरने लगा l 

जब परमेश्वर ने भजनकार दाऊद को उसके शत्रुओं से बचाया, वह एक क्षण लेकर बैठने, “अपने जूते उतारने” और चैन को अपने प्राण के भीतर बहने दिया। उसने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक गीत लिखा, “मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, और अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा,” उसने कहा (2 शमुएल 22:4)। उसने परमेश्वर की स्तुति अपनी चट्टान, गढ़, ढाल, और शरणस्थान के रूप में किया (पद 2-3), और फिर परमेश्वर के प्रतिउत्तर को काव्य रूप में व्यक्त करता चला : पृथ्वी हिल गयी और डोल उठी l परमेश्वर स्वर्ग को झुकाकर नीचे उतर आया l उसके सम्मुख के तेज से आग के कोयले दहक उठे l यहोवा गरजा, और मुझे गहरे जल में से खींचकर बाहर निकाला” (पद 8,10,13-15,17) l

हो सकता है कि आज आप अपने चारों तरफ विरोध का अहसास कर रहे हैं। हो सकता है कि आप पाप में फंसे हैं जो आपको आत्मिक रूप से आगे बढ़ना कठिन बना रहा है l याद करें कि कैसे अतीत में परमेश्वर ने आपकी मदद की है, और तब उसकी प्रशंसा करते हुए उससे वही काम दुबारा करने के लिए कहे! आपको अपने राज्य में लाकर बचाने के लिए उसको विशिष्ट रूप से धन्यवाद दें (कुलुस्सियों 1:13)।

धूल-धूसरित अहसास करना

जब रवि ने हमारी साप्ताहिक सेवा समूह मुलाकात में बताया कि वह “धूल-धूसरित” महसूस कर रहा था, तो मैं जान लिया कि यह उम्रवृद्धि और ख़राब स्वास्थ्य से जुड़ी भौतिक चुनौतियों का सन्दर्भ देने का उसका तरीका था l रवि और उसकी पत्नी के लिए, दोनों जो साठ के उत्तरार्ध में हैं, 2020 में डॉक्टरों से मुलाकात, सर्जिकल प्रक्रियाएँ, और घर को अस्पताल के कमरे के रूप में बदलना जिससे घर पर ही इलाज मिल सके शामिल था l वे दोनों जीवन के प्रमुख पड़ाव की दूसरी ओर थे और उसका आभास कर रहे थे l 

शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक रूप से─अपर्याप्तता, अधूरापन, और कमजोरी का एहसास करने से पहले किसी को भी लम्बे समय तक जीने की ज़रूरत नहीं है l परमेश्वर अपने पुत्र यीशु के व्यक्तित्व में, हमारी पापमय दुनिया में प्रवेश किया और मानवीय अस्तित्व के दायित्वों का एहसास करनेवालों की देखभाल करता है (भजन 103:13) l आगे दाऊद लिखता है, “वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी(धूल) है” (पद.14) l शब्द मिट्टी(धूल) हमें वापस उत्पत्ति में ले जाती है : “तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी(धूल)  से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया” (2:7) l 

क्या आप इन दिनों धूसरित(dusty) महसूस कर रहे हैं? सांसारिक जीवन की वास्तविकताओं में आपका स्वागत है। हालाँकि, याद रखें, जब हम सबसे अधिक कमज़ोर महसूस करते हैं, हम अकेले नहीं छोड़े गए हैं l हमारा करुणामय परमेश्वर “जानता” और “याद” रखता है। वह आप और मुझ जैसे पृथ्वी के लोगों को क्षमा देने के लिए अपने पुत्र को भेजकर अपना प्रेम प्रदर्शित किया l जीवन हमारे सामने कुछ भी लेकर आए, हम उस पर भरोसा रखें l

क्या मायने रखता है

मेरे मित्र ने याद किया कि कैसे एक सह-विश्वासी व सहयोगी ने उससे स्पष्ट रूप से पूछा कि वह किस राजनीतिक दल से संबंध रखती है। प्रश्न को पूछने का उनका कारण यह अनुमान लगाना था कि क्या वह उनके साथ वर्तमान में अपने समुदाय को विभाजित करनेवाले किसी भी मुद्दे पर सहमत हैं l दोनों पक्षों के बीच सामान्य आधार खोजने के प्रयास में, उसने बस उत्तर दिया, “इसलिए कि हम दोनों विश्वासी हैं, इसलिए मैं निसंदेह ही मसीह में अपनी एकता पर ध्यान देना पसंद करूंगी l”

पौलुस के दिनों में भी लोग विभाजित थे, यद्यपि विभिन्न मुद्दों पर l रोम में मसीहियों के बीच किन खाद्य पदार्थों को खाने की अनुमति थी और किन दिनों को पवित्र माना जाता था, जैसे विषयों पर असहमति थी l जिस भी मत पर वे थे, उसके विषय “अपने मन में पूरी तरह आश्वस्त” होने के बावजूद, पौलुस उन्हें उनके सामान्य आधार की याद दिलाता है : यीशु के लिए जीना (रोमियों 14:5-9) l एक दूसरे पर फैसला सुनाने के स्थान पर, उसने उन्हें “मेल-मिलाप और एक दूसरे का सुधार” करने के लिए उत्साहित किया (पद.19) l 

ऐसे युग में जब अनेक देश, कलीसिया, और समुदाय बड़े और छोटे मुद्दों पर विभाजित हैं, हम अपने जीवन को मसीह के साथ अनंत काल तक सुरक्षित करने के लिए क्रूस पर मसीह के कार्य के एक करने वाली सच्चाई की ओर एक दुसरे को इंगित कर सकते हैं l पौलुस की ताकीद कि हमें अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण के द्वारा “परमेश्वर का काम [नहीं बिगड़ना है] (पद.20) जैसे कि 2,000 वर्ष पूर्व था l एक दूसरे का न्याय करने की अपेक्षा, हम प्रेम के साथ आचरण कर सकते हैं और ऐसा जीवन जी सकते हैं जिससे हमारे भाई और बहन को आदर मिले।

पृथ्वी दिवस पर आभार

पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जानेवाला एक वार्षिक आयोजन है। हाल के वर्षों में, लगभग 200 देशों में एक अरब से अधिक लोगों ने शैक्षिक और सेवा गतिविधियों में हिस्सा लिया है l प्रति वर्ष, पृथ्वी दिवस हमारे अद्भुत ग्रह की देखभाल के महत्व की ताकीद है l परंतु पर्यावरण की देखभाल के लिए अधिदेश इस वार्षिक आयोजन से कहीं अधिक पुरानी है─यह पूरी तरह से पृथ्वी की सृष्टि तक जाती है l 

उत्पत्ति में, हम सीखते हैं कि परमेश्वर ने सारी सृष्टि को रचा और पृथ्वी को मनुष्यों के रहने के लिए बनाया l उसने न केवल पर्वतों के शिखर और हरे मैदान बनाए, परमेश्वर ने अदन का बगीचा भी बनाया, एक सुंदर स्थान जो वहां रहनेवालों के लिए भोजन, आश्रय, और सुन्दरता प्रदान करता था (उत्पत्ति 2:8-9)।

जीवन के श्वास को अपनी सबसे महत्वपूर्ण रचना, मानव में, फूंखने के बाद, परमेश्वर ने उन्हें इस बगीचे में रख दिया (पद. 8, 22) और उन्हें “उसमें काम [करने] और उसकी रक्षा [करने]”  की जिम्मेदारी दी (पद.15)। आदम और हव्वा को बाग से निकाल दिये जाने के बाद, परमेश्वर की सृष्टि की देखभाल और कठिन हो गई (3:17-19 ), परंतु आज के दिन तक परमेश्वर खुद ही हमारे इस ग्रह की और उसके प्राणियों की देखभाल करता है (भजन संहिता 65:9-3) और हमसे भी ऐसा ही करने को कहता है (नीतिवचन 12:10)।

चाहे हम घनी आबादी वाले शहरों में या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, परमेश्वर ने जो क्षेत्र हमें सौंपे हैं हम सभी के पास उनकी देखभाल करने के तरीके हैं l और जब हम पृथ्वी की देखभाल करते हैं, तो यह इस सुंदर ग्रह के लिए हमारा उसको आभार व्यक्त करना हो।