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Articles by जेम्स बैंक्स

क्रिसमस का तारा

"यदि आपको वह तारा मिल जाए, तो आप हमेशा अपने घर का रास्ता खोज सकते हैं।" ये मेरे पिता के शब्द थे जब उन्होंने मुझे बचपन में उत्तर तारा(North Star) का पता लगाना सिखाया था। पिताजी ने युद्ध के दौरान सशस्त्र बलों में सेवा की थी, और ऐसे क्षण भी आए जब उनका जीवन रात के आकाश को देख अपना रास्ता ढूंढ़ने पर निर्भर था। इसलिए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मुझे कई नक्षत्रों के नाम और स्थान मालूम हों, लेकिन पोलारिस(Polaris/Pole Star/North Star) को ढूंढने में सक्षम होना सबसे अधिक महत्वपूर्ण था। उसके स्थान को जानने का मतलब था कि मैं जहां भी था दिशा का ज्ञान प्राप्त कर सकता था और यह जान सकता था कि मुझे कहां होना चाहिए था।

 

पवित्रशास्त्र एक और अत्यंत महत्वपूर्ण तारे के बारे में बताता है। “पूर्व के ज्योतिषी,” विद्वान लोग (वर्तमान के ईरान और इराक से घिरे क्षेत्र से) उस व्यक्ति के जन्म के संकेतों को आकाश में देख रहे थे जो अपने लोगों के लिए परमेश्वर का राजा बनने वाला था। वे यह पूछते हुए यरूशलेम आए “यहूदियों का राजा जिसका जन्म हुआ है, कहाँ है? क्योंकि हमने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं” (मत्ती 2:1-2)। 

 

खगोलशास्त्रियों को यह पता नहीं कि बेथलहम का तारा क्यों प्रकट हुआ, लेकिन बाइबल बताती है  कि परमेश्वर ने इसे दुनिया को यीशु—“भोर का चमकता हुआ तारा” (प्रकाशितवाक्य 22:16) की ओर  इंगित करने के लिए बनाया था। मसीह हमें हमारे पापों से बचाने और हमें वापस परमेश्वर की ओर मार्गदर्शन करने के लिए आया। उसका अनुसरण करें, और आपको आपके घर का रास्ता मिल जाएगा।

पूर्वधारणा और परमेश्वर का प्रेम

“तुम वह नहीं हो जिसकी मैंने उम्मीद की थी । मैंने सोचा था कि मैं तुमसे नफरत करूंगा, लेकिन मैं नहीं करता।" युवक के शब्द कठोर लग रहे थे, लेकिन वे वास्तव में दयालु होने का एक प्रयास था। मैं विदेश में उनके देश में पढ़ रहा था, एक ऐसा देश जिसका दशकों पहले मेरे देश के साथ युद्ध हुआ था। हम कक्षा में एक सामूहिक चर्चा में एक साथ भाग ले रहे थे, और मैंने देखा कि वह बहुत पृथक लग रहा था। जब मैंने पूछा कि क्या मैंने उसे किसी तरह नाराज किया है, तो उसने जवाब दिया, "बिल्कुल नहीं। और यही बात है। उस युद्ध में मेरे दादाजी मारे गये थे इसलिए मुझे आपके लोगों और आपके देश से नफरत करता था। लेकिन अब मैं देखता हूं कि हमारे बीच कितनी समानताएं हैं, और यह मुझे आश्चर्यचकित करता है। मैं यह नहीं देख सकता कि हम दोस्त क्यों नहीं बन सकते।"

 

पूर्वधारणा मानव जाति जैसा ही पुराना है । दो हज़ार साल पहले, जब नतनएल ने पहली बार यीशु के नासरत में रहने के बारे में सुना, तो उसकी पूर्वधारणा स्पष्ट हो गयी : उसने पूछा, “क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?” (यूहन्ना 1:46) । नतनएल यीशु की तरह गलील के क्षेत्र में रहता था। संभवतः उसने सोचा था कि परमेश्वर का मसीहा किसी अन्य स्थान से आएगा; यहाँ तक कि अन्य गलीली लोगों ने भी नासरत को नीची दृष्टि से देखा क्योंकि यह एक साधारण छोटा सा गाँव लग रहा था।

 

इतना तो स्पष्ट है, नतनएल के प्रतिक्रिया ने यीशु को उससे प्रेम करने से नहीं रोका, और जब वह यीशु का शिष्य बना, वह बदल गया। नतनएल ने बाद में घोषणा किया “तू परमेश्‍वर का पुत्र हे;” (पद.49)। ऐसा कोई पूर्वधारणा नहीं है जो परमेश्वर के परिवर्तनकारी प्रेम के विरुद्ध खड़ा हो सके।

बर्बादी का सर्वनाश

“कल चिड़िया के बच्चे उड़ निकलेंगे!” हमारे आंगन में टांगी गई एक टोकरी में चिड़िया के परिवार के प्रगति को देख मेरी पत्नी केरी, बहुत ही उत्सुक थी।  जब चिड़िया अपने बच्चों के लिए भोजन लेकर आती है तो मेरी पत्नी प्रत्येक दिन उसकी तस्वीरें खींचती है।

अगली सुबह मेरी पत्नी चिड़िया के परिवार को देखने के लिए जल्दी उठी। जब उसने चिड़िया के बच्चों को देखने के लिए घोंसले पर से हरियाली हटाया तो चिड़िया के बच्चों की आंखों की बजाए उसे साँप की आंखें दिखाई पड़ी। सांप दीवार पर से होता हुआ घोंसले में गया और चिड़िया के सब बच्चे खा गया।

यह देख केरी का हृदय टूट गया। मैं शहर से बाहर था तो उसने एक मित्र को बुलाकर सांप को बाहर निकलवाया। परंतु क्षति हो चुकी थी। 

वचन एक और साँप के बारे में बताता है जिसने अपने मार्ग में विनाश छोड़ दिया। अदन की वाटिका में साँप ने उस पेड़ के बारे में हव्वा को धोखा दिया जिसके फल खाने के प्रति परमेश्वर ने उसे चेतावनी दी थी। “तुम निश्‍चय न मरोगे!" उसने झूठ बोला “वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।”(उत्पत्ति 3:4-5)।

हव्वा और आदम की परमेश्वर के प्रति अवज्ञा के परिणामस्वरूप पाप और मृत्यु दुनिया में आया, और "पुराने साँप, जो शैतान है" द्वारा दिया गया धोखा आज भी जारी है (प्रकाशितवाक्य 20:2)। लेकिन यीशु "शैतान के कामों का नाश" करने के लिए आये (1 यूहन्ना 3:8), और उसके माध्यम से हमारे परमेश्वर के साथ रिश्ता पुनर्स्थापित होता है। एक दिन, वह "सब कुछ नया" कर देगा (प्रकाशितवाक्य 21:5)।

परमेश्वर के अप्रत्याशित तरीके

पासवान ने अपने उपदेश को तिरछी नज़र से देखा, पन्नों को अपने चेहरे के नज़दीक रखा ताकि वह शब्दों को देख सके। वह केवल पास ही की चीजें देख सकता था।  और बहुत ही ध्यानपूर्वक चुने गए प्रत्येक वाक्यांश को एक बेहद  ही अप्रभावित और नीरस ढंग से पढ़ता था। लेकिन जोनाथन एडवर्ड्स के उपदेश के माध्यम से परमेश्वर की आत्मा ने प्रथम महान पुनरुद्धार जागृति की आग को भड़काने और हजारों लोगों को मसीह में विश्वास लाने का काम किया I

परमेश्वर अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अक्सर अप्रत्याशित चीज़ों का उपयोग करता है। क्रूस पर हमारे लिए यीशु की प्रेमपूर्ण मृत्यु के द्वारा भटकी हुई मानव जाति को अपने निकट लाने की उसकी योजना के बारे में लिखते हुए, पौलुस ने यह निष्कर्ष निकाला, “परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है कि ज्ञानवानों को लज्जित करें; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे” (1 कुरिन्थियों 1:27)। दुनिया को उम्मीद थी कि दिव्य ज्ञान हमारे जैसा दिखेगा और अथक शक्ति के साथ आएगा। परन्तु इसके विपरीत, यीशु हमें हमारे पापों से बचाने के लिए विनम्रतापूर्वक और धीरे से आए और इस प्रकार हमारे लिए "परमेश्वर की ओर से ज्ञान - अर्थात हमारी धार्मिकता, पवित्रता और छुटकारा" बन गया (पद 30)।

शाश्वत और सर्वज्ञानी परमेश्वर एक मानव शिशु बन कर आया, जो बड़ा होकर वयस्क होगा, पीड़ा सहेगा, मरेगा और हमें प्रेम से अपने शरण स्थान (घर) का मार्ग दिखाने के लिए पुनर्जीवित किया जाएगा। वह [परमेश्वर] उन महान चीजों को पूरा करने के लिए साधारण साधनों और विनम्र लोगों का उपयोग करना पसंद करता है जिन्हें हम अपनी सामर्थ्य से कभी हासिल नहीं कर सकते। यदि हम इच्छुक हों, तो वह हमारा उपयोग भी कर सकता है।

ये सब विपत्तियाँ मेरे ऊपर आ पड़ी हैं

“आज सुबह मेरे मन में विचार आया कि मेरा मूल्य बहुत अधिक है; और इस समय मुझे नहीं पता कि मेरे पास एक डॉलर भी है।”” अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति यूलिसिस एस. ग्रांट ने ये शब्द उस दिन कहे थे, जब एक बिजनेस पार्टनर ने उनके जीवनभर की बचत को ठग लिया था। कई महीनों के बाद पता चला कि ग्रांट को लाइलाज कैंसर है। अपने परिवार के लिए प्रबंध करने के बारे में चिंतित होकर, उन्होंने अपने उन संस्मरणों को जिनको उन्होंने अपनी मृत्यु से एक सप्ताह पहले पूरा किया था,प्रकाशित करने के लिए लेखक मार्क ट्वेन की ओर से मिले एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

बाइबल हमें एक और व्यक्ति के बारे में बताती है जिसने गम्भीर कठिनाइयों का सामना किया था। याकूब ने विश्वास कर लिया था कि उसके पुत्र यूसुफ को किसी “जंगली पशु” के द्वारा “फाड़” डाला गया था (उत्पत्ति 37:33)। बाद में उसके पुत्र शिमोन को पराए देश में बंधुआ बना लिया गया, और याकूब को इस बात का डर था कि उसका पुत्र बिन्यामीन भी उससे ले लिया जाएगा। इनसे बहुत अधिक परेशान होकर ,वह चिल्ला उठा, “ये सब विपत्तियाँ मेरे ऊपर आ पड़ी हैं!” (42:36)।

परन्तु ऐसा नहीं था। याकूब को मालूम नहीं था कि उसका पुत्र यूसुफ अभी भी जीवित है और परमेश्वर उसके परिवार को बहाल करने के लिए “पर्दे के पीछे” से काम कर रहा है। उनकी कहानी उदाहरण के साथ इस बात की व्याख्या करती है कि भले ही हम अपनी परिस्थितियों में उसका हाथ न देख पाएँ, पर उस समय भी परमेश्वर पर भरोसा किया जा सकता है। 

ग्रांट के संस्मरण एक बड़ी सफलता साबित हुए और उनके परिवार की अच्छी देखभाल हुई। यद्यपि वह इसे देखने के लिए जीवित नहीं रहे, परन्तु उनकी पत्नी ने यह देखा। हमारी दृष्टि सीमित है, परन्तु परमेश्वर की नहीं। और हमारी आशा के रूप में यीशु के साथ, “यदि परमेश्‍वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?” (रोमियों 8:31) आइए हम आज उस पर अपना भरोसा रखें।

प्रोत्साहन का उपहार

“आपकी मधुमक्खियाँ जानेवाली हैं!” मेरी पत्नी मुझे बतायी जो कोई भी मधुमक्खी पालक सुनना पसंद नहीं करता l मैं बाहर जाकर हज़ारों मधुमक्खियों को अपने छत्ते से निकलकर ऊँचे चीड़ पर जाते देखा जो फिर लौटने वाली नहीं थीं l

मैंने संकेत थोड़ी देर से पढ़ी कि मधुमक्खियाँ झुण्ड बनाकर छत्ता छोड़ने वाली थीं; आंधी ने मेरे निरीक्षणों को बाधित कर दिया था l जिस सुबह तूफ़ान थमा, मधुमक्खियाँ जा चुकी थीं l छत्ता नया और स्वस्थ था, और मधुमक्खियाँ वास्तव में एक नयी शुरुआत करने के लिए छत्ते को विभाजित कर रही थीं l एक अनुभवी मधुमक्खी पालक ने मेरी निराशा को देखकर ख़ुशी से बोला, “अपने आप पर कठोर मत बनो l” “यह किसी के साथ भी हो सकता है!”

प्रोत्साहन एक सुखद उपहार है l जब दाऊद निराश हुआ, क्योंकि शाऊल उसको मारने हेतु उसका पीछा कर रहा था, तब शाऊल का पुत्र योनातान ने दाऊद को उत्साहित किया l योनातान ने कहा, “मत डर; क्योंकि तू मेरे पिता शाऊल के हाथ में न पड़ेगा; और तू इस्राएल का राजा होगा, और मैं तेरे नीचे हूँगा; और इस बात को मेरा पिता शाऊल जानता है” (1 शमुएल 23:17) l

ये आश्चर्यजनक रूप से निःस्वार्थ शब्द हैं जो सिंहासन के सीध में खड़े किसी व्यक्ति के हैं l यह संभव है कि योनातान ने पहचाना कि परमेश्वर दाऊद के साथ था, इसलिए उसने विश्वास के विनम्र हृदय से बात की l

हमारे चारों ओर ऐसे लोग हैं जिन्हें उत्साहवर्धन चाहिए l परमेश्वर उनकी सहायता करने में हमारी मदद करेगा जब हम उसके सामने स्वयं को दीन करते हैं और उससे हमारे द्वारा उन्हें प्रेम करने के लिए कहते हैं l

परिणामों से परे आशा

क्या आपने गुस्से में कभी कुछ ऐसा किया है जिसके लिए बाद में आपको पछतावा हुआ? जब मेरा बेटा नशे की लत से जूझ रहा था, मैंने उसके पसंद के प्रतिक्रिया में कुछ कड़वी बातें बोला। मेरे गुस्से ने उसे केवल और अधिक हतोत्साहित कर दिया। लेकिन अंत में वह विश्वासियों से मिला जिन्होंने उस से जीवन और आशा की बातें कीं, और कुछ समय में वह स्वतन्त्र हो गया। 

यहाँ तक कि मूसा जैसे विश्‍वास में अनुकरणीय व्यक्‍ति ने भी कुछ ऐसा किया जिसे उसने बाद में पछताया। जब इस्राएल के लोग मरुभूमि में थे और पानी की कमी थी, तब उन्होंने कटु होकर कुड़कुड़ाया। इसलिए परमेश्वर ने मूसा और हारून को विशेष निर्देश दिए: “ ...उस चट्टान से बातें कर, तब वह अपना जल देगी;...” (गिनती 20:8) लेकिन मूसा ने क्रोध में प्रतिक्रिया व्यक्त किया, चमत्कार के लिए परमेश्वर के बजाय खुद को और हारून को श्रेय दिया: “हे बलवा करनेवालों, सुनो; क्या हमको इस चट्टान में से तुम्हारे लिये जल निकालना होगा?” (पद 10). फिर उसने सीधे परमेश्वर का अवज्ञा किया और “तब मूसा ने हाथ उठाकर लाठी चट्टान पर दो बार मारी;” (पद 11)।

भले ही पानी बहा, लेकिन इसका दुखद परिणाम हुआ। न मूसा और न ही हारून को उस देश में प्रवेश करने का अनुमति मिला जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया था। परन्तु वह फिर भी दयालु थे, उन्होंने मूसा को इसे दूर से देखने का अनुमति दीया (27:12-13)। 

मूसा की तरह, परमेश्वर अभी भी उसके प्रति हमारी अनाज्ञाकारिता के रेगिस्तान में हमसे दयापूर्वक मिलता है। यीशु के मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा, वह हमें क्षमा और आशा प्रदान करता है। भले ही हम कहीं रहे हो या हमने कुछ किया हो, यदि हम उसकी ओर मुड़ें, तो वह हमें जीवन की तरफ अगुआई करेगा।

एक साल में बाइबिल

मेरे सामने के दरवाजे के बाहर जीवन की सुंदरता और उसकी संक्षिप्तता की याद देखने को मिलती है। पिछले वसंत में, मेरी पत्नी ने वहां मूनफ्लॉवर बेलें लगाईं थीं   उनके बड़े और गोल सफेद फूलों के खिलने के कारण उसका नाम मूनफ्लॉवर दिया गया है जो एक पूरे चांद जैसा दिखाई देता है। प्रत्येक फूल एक रात के लिए खिलता है और फिर अगली सुबह तेज धूप में मुरझा जाता है, और फिर कभी नहीं खिलता। लेकिन पौधा हरा भरा रहता है, और हर शाम यह ताजे फूलों से भर जाता है। हर दिन आते जाते हम इसे देखना पसंद करते हैं  और सोचते हैं कि जब हम लौटेंगे तो कौन सी नई सुंदरता हमारा स्वागत करेगी।

ये नाज़ुक फूल पवित्र शास्त्र के एक  सच की याद दिलाते हैं। प्रेरित पतरस ने भविष्यद्वक्ता यशायाह के शब्दों को याद करते हुए लिखा, तुमने नाशमान नहीं, परन्तु अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। क्योंकि, सब लोग घास के समान हैं, और उनकी सारी शोभा घास के फूल के समान हैघास सूख जाती है और फूल झड़ जाते हैं1”(पतरस 1:23–25। लेकिन वह हमें विश्वास दिलाता है कि परमेश्वर अपने वादों को हमेशा के लिए पूरा करता है! (पद 25)।

एक बगीचे में फूलों की तरह, अनंत काल की तुलना में पृथ्वी पर हमारा जीवन संक्षिप्त छोटा है। लेकिन परमेश्वर ने हमारी संक्षिप्तता में सुंदरता बोली है। यीशु के सुसमाचार के द्वारा, हम परमेश्वर के साथ एक नई शुरुआत करते हैं और उनकी प्रेमपूर्ण उपस्थिति में असीमित बहुतायत के जीवन के उसके वादे पर भरोसा करते हैं। जब पृथ्वी के सूर्य और चंद्रमा केवल एक यादगार स्मृति होगे तब भी हम उसकी स्तुति करेंगे।

आशा जो पकडे रखती है

"मुझे पता है कि पिताजी घर आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने मुझे फूल भेजे हैं।" ये मेरी सात साल की बहन के शब्द थे जब पिताजी युद्ध के दौरान कार्रवाई में गायब थे। इससे पहले कि पिताजी अपने मिशन के लिए रवाना होते, उन्होंने मेरी बहन के जन्मदिन के लिए पहले से फूलों का ऑर्डर दिया, और जब वे गायब थे तब वे आ गए। लेकिन वह सही थी: पिताजी घर लौट आए - एक कठिन युद्ध की स्थिति के बाद। और दशकों बाद भी वह फूलदान रखती है जिसमें फूलों को हमेशा आशा रखने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में रखा जाता है।

कभी-कभी टूटे हुए, पापी संसार में आशा को थामे रहना आसान नहीं होता है। पिताजी हमेशा घर नहीं आते और बच्चों की इच्छा कभी-कभी अधूरी रह जाती है। लेकिन प्रभु सबसे कठिन परिस्थितियों में आशा देता है। युद्ध के एक अन्य समय में, भविष्यवक्ता हबक्कूक ने यहूदा पर बाबेल के आक्रमण की भविष्यवाणी की थी (हबक्कूक 1:6; 2 राजा 24 देखें) लेकिन फिर भी पुष्टि की कि परमेश्वर हमेशा अच्छा है (हबक्कूक 1:12-13)। अतीत में अपने लोगों के लिए परमेश्वर की दया को याद करते हुए, हबक्कूक ने घोषणा की: “चाहे अंजीर के वृक्ष में अंजीर न लगें, और न दाखलताओं में दाखें लगें, चाहे जलपाई के पेड़ सूख जाएं, और खेतों में कुछ अन्न न उपजे, और बाड़े में भेड़ें न हों। और थानों में गाय-बैल न हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित रहूंगा, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के कारण मगन हूं" (3:17-18)।

कुछ टीकाकारों का मानना है कि हबक्कूक के नाम का अर्थ "चिपकना" है। हम परीक्षाओं में भी अपनी परम आशा और आनन्द के रूप में परमेश्वर से लिपटे रह सकते हैं क्योंकि वह हमें थामे रहता है और कभी जाने नहीं देगा।