साहसी प्रेम
चार पास्टर “नायक/वीर” के रूप में नहीं जाने जाते थे l लेकिन 1943 में फरवरी की एक सर्द रात, जब उनके परिवहन जहाज, एस एस डोरचेस्टर( S S Dorchester), को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ग्रीनलैंड के तट से दूर टारपीडो से उड़ा दिया गया, चारों ने सैकड़ों घबराए हुए सैनिकों को ढाढ़स बंधाने के लिए अपना सम्पूर्ण प्रयास लगा दिया l एक बचे हुए व्यक्ति ने कहा कि डूबते जहाज और भीड़भाड़ वाली जीवन नौकाओं में कूदते हुए घायल लोगों के बीच, इन चार पास्टरों ने कोलाहल को “साहस के प्रचार” से शांत कर दिया l
जब लाइफ जैकेट ख़त्म हो गए, तो प्रत्येक ने अपना उतारकर एक भयभीत युवक को दे दिया l उन्होंने जहाज के साथ डूब जाने का निश्चय किया था ताकि दूसरे लोग जीवित रह सकें l एक बचे हुए व्यक्ति ने कहा, “यह सबसे अच्छी चीज थी जिसे मैंने देखा है या स्वर्ग के इस ओर देखने की उम्मीद करता हूँ l”
डूबते जहाज में बाहों को जोड़कर इन पास्टरों ने ऊंची आवाज़ में प्रार्थना करते हुए, उन लोगों को दिलासा दी जो उनके साथ डूब रहे थे l
वीरता उनकी गाथा का प्रतीक है l हालाँकि, प्यार उस उपहार को परिभाषित करता है जो उन चारों ने पेश किया l पौलुस ने सभी विश्वासियों से ऐसे ही प्रेम का वकालत करता था जिसमें आंधी के झोंकों से उछाली जा रही कुरिन्थुस की कलीसिया शामिल है l संघर्ष, भ्रष्टाचार और पाप से गन्दी/धुंधली, पौलुस ने उनसे “जागते [रहने], विश्वास में स्थिर [रहने] पुरुषार्थ [करने], बलवंत [होने] का आग्रह किया (1 कुरिन्थियों 16:13) l उसके बाद आगे कहा, “जो कुछ करते हो प्रेम से करो” (पद.14) l
यह विशेष रूप से एक संकट के दौरान, यीशु में प्रत्येक विश्वासी के लिए एक असली आदेश है l जीवन में, जब उथल-पुथल का खतरा होता है, तो हमारी सबसे साहसी प्रतिक्रिया मसीह को दर्शाती है─दूसरों को उसका प्यार देना l
सुरक्षित उस पार
पापुआ न्यू गिनी में, कैंडास जनजाति ने अपनी भाषा में मुद्रित नया नियम बाइबल के आगमन का उत्साह के साथ इंतजार किया l हालाँकि, गाँव तक पहुँचने के लिए, किताबों को लाने वाले लोगों को छोटी नावों में समुद्र की यात्रा करनी पड़ी l
किसने उन्हें विशाल समुद्र की यात्रा करने का साहस दिया? उनकी नाविकविद्या, जी हाँ l लेकिन वे यह भी जानते थे कि समुद्र को किसने रचा है l वह ही है जो हमारे जीवन के अशांत तरंगों और गहरे जल के पार हममें से हर का मार्गदर्शन करता है l
जैसा कि दाऊद ने लिखा है, “मैं तेरे आत्मा से भागकर कहाँ जाऊँ?” (भजन 139:7) l “यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहाँ है . . . यदि मैं . . . समुद्र के पार जा बसूं, तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा” (पद.8-10) l
ये शब्द कैंडास जनजाति के साथ गहराई से प्रतिध्वनित होंगे, जो एक द्वीप राष्ट्र पर रहते हैं जिनके उष्णकटिबंधीय(tropical) तटों, घने वर्षावनों(rainforests) और बीहड़ पहाड़ों को “अंतिम अज्ञात/The Last Unknown” कहा जाता है l फिर भी वहां के और हर जगह के विश्वासी जानते हैं कि कोई भी जगह या समस्या परमेश्वर के लिए बहुत दूरस्थ नहीं है l भजन 139:12 कहता है, “अंधकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिए अंधियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं l”
इसलिए, प्रचण्ड आंधी से, हमारा परमेश्वर बोलता है, “शांत रह, थम जा!” और आंधी थम गई और बड़ा चैन हो गया (मरकुस 4:39) l इसलिए, आज जीवन के गहरे या अशांत आंधी से मत डरिये l हमारा परमेश्वर हमें सुरक्षित रूप से उस पार ले चलेगा l
परमेश्वर के साथ बेहतर
अपने कॉलेज वॉलीबॉल टीम में, मेरी पोती ने एक जीत दिलानेवाला सिद्धांत सीखा l जब बॉल उसके सामने आती थी, तो चाहे कुछ भी हो, वह बॉल की स्थिति और गति को बेहतर बना देती थी l वह ऐसा खेलती थी जिससे उसके टीम के साथी बेहतर स्थिति में होते थे─बगैर नखरे, दोष, या बहाने के l हमेशा स्थिति को बेहतर बनाएँ l
जब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और तीन इब्री मित्रों को कैद में ले लिया तो दानिय्येल की प्रतिक्रिया ऐसी ही थी l हालाँकि, उन्हें गैर इब्री नाम दिए गए थे और दुश्मन के महल में तीन साल का “प्रशिक्षण” लेने की आज्ञा दी गयी, दानिय्येल ने क्रोध नहीं किया l इसके बजाय, उसने राजा के पोष्टिक भोजन और दाखमधु को खाकर परमेश्वर की दृष्टि में खुद को अपवित्र न करने की अनुमति मांगी l जैसा कि इस पेचीदा बाइबल कहानी में दिखाया गया है कि दस दिनों तक सब्जी और पानी के अलावा कुछ नहीं खाने के बाद (दानिय्येल 1:12), दानिय्येल और उसके दोस्तों के “मुँह राजा के भोजन के खानेवाले सब जवानों से अधिक अच्छे और चिकने दिखाई पड़े” (पद.15)) l
एक और बार, नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और महल के सभी बुद्धिमान लोगों को मारने की धमकी दी, यदि वे राजा के परेशान करने वाले सपने को नहीं दोहरा सकते और उसका मतलब नहीं बता सकते l फिर से, दानिय्येल घबराया नहीं, लेकिन “स्वर्ग के परमेश्वर” से कृपा मांगी, और भेद दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया (2:19) l जैसे दानिय्येल ने परमेश्वर के विषय घोषणा की, “बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं” (पद.20) l अपने सम्पूर्ण कैद के दौरान, दानिय्येल ने सामना किये गए संघर्षों के बावजूद परमेश्वर से सर्वश्रेष्ठ माँगा l हमारी अपनी परेशानियों में, हम उसके उदाहरण का अनुसरण करें, जिससे स्थिति को परमेश्वर तक ले जाकर बेहतर बनाया जा सके l
प्रशंसा में आनंद की प्राप्ति
जब प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक सी.एस. लुईस ने पहली बार यीशु को अपना जीवन दिया, तो उन्होंने शुरू में परमेश्वर की प्रशंसा करने का विरोध किया l वास्तव में, उन्होंने इसे “एक बाधा” कहा l उनका संघर्ष “उस सुझाव में था कि यह स्वयं परमेश्वर की मांग थी l” लुईस ने आखिर में महसूस किया कि “यह आराधना की जाने की प्रक्रिया में है कि परमेश्वर” अपने लोगों तक “अपनी उपस्थिति का संचार करता है l” उसके बाद हम, “परमेश्वर के साथ पूर्ण प्रेम में, वह चमक जो आइना बिखेरता है” से “जो आइना प्राप्त करता है उस चमक से अधिक” उसमें वह आनंद पाते हैं जो अलग नहीं किया जा सकता है l
नबी हबक्कूक सदियों पहले इस निष्कर्ष पर पहुंचा था l बुराई के विषय जो यहूदा के लोगों पर लक्षित थे परमेश्वर से शिकायत करने के बाद, हबक्कूक ने देखा कि उसकी प्रशंसा करने से आनंद मिलता है─परमेश्वर जो करता है उसमें नहीं, लेकिन इसमें कि वह कौन है l इस प्रकार, एक राष्ट्रीय या विश्व संकट में भी, परमेश्वर फिर भी महान है l जैसा कि नबी ने घोषणा की :
“क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियाँ न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनंदित और मगन रहूँगा” (हबक्कूक 3:17-18) l उसने आगे कहा, “और अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूँगा l”
जैसा कि सी.एस. लुईस ने महसूस किया, "पूरी दुनियाँ प्रशंसा से गूंजती है l” इसी तरह हबक्कूक ने हमेशा परमेश्वर की स्तुति करने हेतु आत्मसमर्पण कर दिया, उसमें भरपूर आनंद प्राप्त किया जिसकी “गति अनंत काल से एक सी है l”
बुद्धिमत्ता से निराई
मेरे नाती-पोते मेरे पिछवाड़े में चारों ओर दौड़ लगा रहे हैं l खेल खेल रहे हैं? नहीं, घासपात निकाल रहे हैं l "उन्हें जड़ से खींचकर निकाल रहे हैं!” मुझे एक भारी लूट(घासपात) दिखाते हुए, सबसे छोटी ने कहा l जब हम घासपात निकल रहे थे उसका आनंद उस दिन यह था कि हम घासपात के जड़ निकालने में कितना आनंद ले रहे थे─हर एक परेशान करने वाले कष्टकारी वस्तु को निकाल देना l हालांकि, खुशी से पहले, उनके पीछे लग जाने का विकल्प l
व्यक्तिगत पाप को दूर करने के लिए साभिप्राय निराई करना भी पहला कदम है l इसलिए, दाऊद ने प्रार्थना की : “हे परमेश्वर, मुझे जाँचकर जान ले” . . . और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं” (भजन 139:23-24) l
कितना बुद्धिमान दृष्टिकोण, परमेश्वर से अपने पापों को दिखाने के लिए कहते हुए उनको खोजना l वह जो सबके ऊपर है हमारे बारे में सब कुछ जानता है l “हे यहोवा, तू ने मुझे जाँचकर जान लिया है,” भजनकार लिखता है l “तू मेरा उठाना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है” (पद.1-2) l
“यह ज्ञान,” दाऊद आगे कहता है, “मेरे लिए बहुत कठिन है” (पद.6) l किसी पाप के जड़ पकने से पूर्व, इसलिए, परमेश्वर हमें खतरे के बारे में सचेत कर सकता है l वह हमारे “”भूदृश्य(landscape)” को जानता है l इसलिए जब एक गुप्त पापी रवैया जड़ लेने की कोशिश करता है, तो वह इसे सबसे पहले जान जाता है और इंगित करता है l
“मैं तेरी आत्मा से भागकर किधर जाऊँ,” दाऊद ने लिखा l “तेरे सामने से किधर भागूँ?” (पद.7) l हम अपने उद्धारकर्ता का उच्च भूमि पर निकट से अनुसरण करें!
कभी हार न माने
“समय गुजरता गया l युद्ध आरम्भ हो गया l” इसी प्रकार दक्षिण सूडान के केलिको लोगों के बिशप सेमी निगो ने बाइबल को अपनी भाषा में पाने के लिए अपने चर्च के लंबे संघर्ष में देरी का वर्णन किया l एक शब्द भी, वास्तव में, केलिको भाषा में मुद्रित नहीं किया गया था l दशकों पहले, बिशप निगो के दादा ने साहसपूर्वक एक बाइबल अनुवाद परियोजना शुरू की थी, लेकिन युद्ध और अशांति प्रयास को रोकते रहे l फिर भी, उत्तरी युगांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में उनके शरणार्थी शिविरों पर बार-बार हमले के बावजूद, बिशप और साथी विश्वासियों ने परियोजना को जीवित रखा l
उनकी दृढ़ता का परिणाम दिखाई दिया l लगभग तीन दशकों के बाद, केलिको में नया नियम बाइबल शरणार्थियों को एक उत्साहपूर्ण उत्सव में दिया गया l “केलिको की प्रेरणा शब्दों से परे है,” एक परियोजना सलाहकार ने कहा l
केलिको की प्रतिबद्धता उस दृढ़ता को दर्शाती है जो परमेश्वर ने यहोशू से पूछी थी l जैसा कि परमेश्वर ने उससे कहा था, “व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिए कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा” (यहोशु 1:8) l समान दृढ़ता के साथ, केलिको लोगों ने पवित्रशास्त्र के अनुवाद को जारी रखा l अब, “जब आप उन्हें शिविरों में देखते हैं, वे मुस्कुराते हुए दिखाई देते हैं,” एक अनुवादक ने कहा l बाइबल को सुनना और समझना “उन्हें आशा देता है l” केलिको लोगों की तरह, हम कभी भी पवित्रशास्त्र की शक्ति और ज्ञान की मांग को स्थगित नहीं कर सकते l
गीत गाना याद रखें
नैन्सी गुस्तफ़सन, एक सेवानिवृत्त ओपेरा गायिका, उस समय तबाह हो गई जब उसने अपनी माँ से मिलने गयी और मनोभ्रंश(dementia) से उन्हें क्षीण होते हुए देखी l उसकी माँ अब उसे नहीं पहचानती थी और मुश्किल से बात कर पाती थी l कई महीनों तक उनसे मुलाकात करने के बाद, नैन्सी को एक विचार आया l उसने उनके सामने गाना शुरू कर दिया l उसकी माँ की आँखें संगीतमयी ध्वनियों पर झूम उठीं, और उन्होंने भी गाना शुरू कर दिया - बीस मिनट तक! तब नैन्सी की माँ हँसी, और मज़ाक में कहा जाए तो वे “गुस्तफ़सन परिवार के गायक” थे l नाटकीय परीवर्तन ने संगीत की शक्ति का सुझाव दिया, जैसा कि खोई यादों को जगाने के लिए कुछ चिकित्सक निष्कर्ष निकालते हैं l “पुराने पसंदीदा” गीत गाने को भी मूड को ताज़ा करते हुए, गिरावट, आकास्मिक कक्ष में जाना कम करते हुए, और शामक औषधि(sedative drugs) की आवश्यकता को कम करते हुए देखा गया है l
एक म्यूजिक-मेमोरी लिंक(music-memory link) पर अधिक शोध चल रहा है l फिर भी, जैसा कि बाइबल प्रगट करती है, गाने से मिलने वाला आनंद ईश्वर की ओर से एक उपहार है - और यह वास्तविक है l “याह की स्तुति करो क्योंकि अपने परमेश्वर का भजन गाना अच्छा है, क्योंकि वह मनभावना है, उसकी स्तुति करनी मनभावनी है” (भजन 147:1) l
सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र में, वास्तव में, परमेश्वर के लोगों से उसकी प्रशंसा के गीतों में अपनी आवाज उठाने का आग्रह किया जाता है l “यहोवा का भजन गाओ क्योंकि उसने प्रतापमय काम किये हैं” (यशायाह 12:5) l “उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है l बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे” (भजन 40:3) l हमारा गाना हमें प्रेरित करता है लेकिन सुनने वालों को भी l काश हम सभी याद रखें : हमारा परमेश्वर महान है और प्रशंसा के योग्य है l
खोए हुए को पुनः प्राप्त करना
फोन की दुकान पर, युवा पास्टर ने बुरी खबर के लिए खुद को दृढ किया l उसका स्मार्ट फोन, गलती से हमारी बाइबल कक्षा के दौरान गिर गया, यह पूरा नुकसान था, ठीक? वास्तव में, नहीं l स्टोर के क्लर्क ने पास्टर के सभी डेटा को पुनःप्राप्त कर दिया, जिसमें उसके बाइबल वीडियो और फ़ोटो भी शामिल थे l उसने “हर एक फोटो जो मैंने कभी डिलीट की थी को भी पुनःप्राप्त कर लिया,” उसने कहा l स्टोर ने “मेरे टूटे हुए फोन को एक नए फोन से बदल दिया l” जैसा कि उसने कहा, “मैंने सब कुछ पुनःप्राप्त कर लिया जो मैंने खोया था और उससे भी अधिक प्राप्त कियाl”
दाऊद ने एक बार शातिर अमालेकियों के हमले के बाद अपने स्वयं के वसूली मिशन का नेतृत्व किया l पलिश्ती शासकों द्वारा अस्वीकार किये जाने के बाद, दाऊद और उसकी सेना ने पाया कि अमालेकियों ने छापा मारा था और उनके नगर सिकलग को जला दिया था “उसमें की स्त्री आदि छोटे बड़े जितने थे” सभी को बंधक बनाकर ले गए थे –उनकी पत्नियों और बच्चों को मिलाकर (1 शमूएल 30:2,3) l “तब दाऊद और वे लोग जो उसके साथ थे चिल्लाकर इतना रोए कि फिर उनमें रोने की शक्ति न रही” (पद.4) l सैनिक अपने अगुए दाऊद से इतने कडवे थे कि उन्होंने “उस पर पथराव करने” (पद.6) की चर्चा कर रहे थे l
“परन्तु दाऊद ने अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बाँधा” (पद.6) l जैसा कि परमेश्वर ने वादा किया था, दाऊद ने अमालेकियों का पीछा किया “और जो कुछ अमालेकी ले गए थे वह सब दाऊद ने छुड़ाया . . . “वरन् उनके क्या छोटे, क्या बड़े, क्या बेटे, क्या बेटियाँ, क्या लूट का माल, सब कुछ जो अमालेकी ले गए थे, उस में से कोई वस्तु न रही जो उनको न मिली हो; क्योंकि दाऊद सब का सब लौटा लाया” (पद.18-19) l जब हम आत्मिक हमलों का सामना करते हैं, जो हमारी आशा को भी “लूट” लेते हैं, काश हम परमेश्वर में नये सिरे से सामर्थ्य प्राप्त करें l जीवन की हर चुनौती में वह हमारे साथ रहेगा l
अंततः स्वतंत्र
इससे पहले कि ब्रिटिश पत्रकार जॉन मैकार्थी जो लेबनान के भीषण गृहयुद्ध के दौरान पाँच साल तक के लिए बंधक थे, उस आदमी से मिलते जिसने उनकी रिहाई के लिए बातचीत की, बीस लम्बे वर्ष बीत गए l अंततः जब मैकार्थी यू.एन. के दूत जियानडोमेनिको पिको से मिले, तो मैकार्थी ने कहा, “मेरी स्वतंत्रता के लिए धन्यवाद!” उनके हार्दिक शब्दों में बहुत वजन था क्योंकि पिको ने मैकार्थी और अन्य लोगों की सुरक्षित स्वतंत्रता के लिए खतरनाक बातचीत के दौरान अपनी जान जोखिम में डाली थी l
हम विश्वासो लोग कड़े संघर्ष से प्राप्त की गयी स्वतंत्रता से खुद को सम्बद्ध कर सकते हैं l यीशु ने अपना जीवन त्याग दिया - एक रोमी क्रूस पर मृत्यु सहन करके – सभी लोगों के लिए आत्मिक स्वतंत्रता निश्चित करने के लिए जिसमें हम सब शामिल हैं l अब उसके बच्चों के रूप में, हम जानते हैं कि “मसीह ने स्वतंत्रता के लिए हमें स्वतंत्र किया है,” प्रेरित पौलुस दृढ़तापूर्वक घोषणा करता है (गलातियों 5:1) l
यूहन्ना का सुसमाचार भी मसीह में स्वतंत्रता की शिक्षा देता है, ध्यान देते हुए, “यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे” (यूहन्ना 8:36) l
लेकिन किन तरीकों में स्वतंत्र? यीशु में, हम न केवल पाप और हम पर उसकी पकड़ से, बल्कि दोष, लज्जा, चिंता, शैतान के झूठ, अंधविश्वास, झूठी शिक्षा और अनन्त मृत्यु से भी स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं l अब बंधक न होकर, हमारे पास दुश्मनों को प्यार दिखाने, दयालुता में चलने, आशा के साथ जीने और अपने पड़ोसियों से प्यार करने की स्वतंत्रता है l जब हम पवित्र आत्मा की अगुवाई का अनुसरण करते हैं, तो हम क्षमा कर सकते हैं जैसे हमें क्षमा किया गया है l
इन सब के लिए, आज परमेश्वर को धन्यवाद दें l तो आइये प्यार करें कि दूसरों को भी उसकी स्वतंत्रता की सामर्थ्य का पता चल जाएगा l