वह समझ गया
पास्टर वाट्सन जोन्स को साइकिल चलाना सीखना याद है l उसके पिता छोटे वाट्सन के साथ चल रहे थे जब उसने कुछ लड़कियों को पोर्च पर बैठे देखा l “डैडी, मैं समझ गया!” उसने कहा l उसने नहीं समझा था l उसने बहुत देर से पहचाना कि उसके पिता के स्थिर पकड़ के बिना उसने संतुलन करना नहीं सीखा था l जैसा कि उसकी सोच थी वह बड़ा नहीं हुआ था l
हमारे स्वर्गिक पिता हमारे लिए इच्छा रखते हैं कि हम बड़े हो जाएँ और “एक सिद्ध मनुष्य . . . बन जाएँ और मसीह के पूरे डील-डौल तक . . . बढ़ जाएँ” (इफिसियों 4:13) l लेकिन आध्यात्मिक परिपक्वता प्राकृतिक परिपक्वता से अलग है l माता-पिता अपने बच्चों को आत्मनिर्भर होने के लिए बढाते हैं, उस समय तक जब उनकी आवश्यकता नहीं होती l हमारे दिव्य पिता हमें प्रतिदिन और अधिक उसपर निर्भर होने के लिए हमारी परवरिश करता है l
पतरस अपनी पत्री को इस प्रतिज्ञा के साथ आरम्भ करता है कि “हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शांति तुम में बढती जाए” (2 पतरस 1:2; 3:18) l परिपक्व मसीही यीशु की अपनी ज़रूरत को सदैव महसूस करते हैं l
वाट्सन चेतावनी देते हैं, “हममें से कुछ लोग जीवन के हैंडल से यीशु के हाथों को हटाने में व्यस्त है l” जैसे कि हमें थामने के लिए, हमें उठाने के लिए, और जब हम लड़खड़ाते और विफल होते हैं, तब हमें उसके मजबूत हाथों की ज़रूरत नहीं है l हम मसीह पर अपनी निर्भरता से आगे नहीं बढ़ सकते हैं l हम उसके विषय अपने कृपा और ज्ञान की गहराई में केवल अपने जड़ों को डूबो कर बढ़ते हैं l
परमेश्वर का विशेष खज़ाना
एक विशाल सिह्हासन कक्ष की लाल्पना करें l सिंहासन पर बैठा हुआ एक महान रजा है l वह सभी प्रकार के परिचारकों से घिरा हुआ है, और प्रत्येक अपने सर्वोत्तम व्यवहार के साथ है l अब एक ऐसे बॉक्स/डिब्बे की कल्पना करें जो राजा के पाँवों के पास है l समय-समय पर राजा नीचे झुककर उस डिब्बे की सामग्री को अपने हाथों से टटोलता है l और डिब्बे में क्या है? मणि, सोना और रत्न विशेषकर राजा की रुचि अनुसार l इस बॉक्स में राजा का खज़ाना है, एक संग्रह जो उसे बहुत ख़ुशी देती है l क्या आप उस छवि को अपने मन की आँखों में देख सकते हैं?
इस खजाने के लिए इब्री शब्द सेगुलाह(segulah) है, और इसका अर्थ है “विशेष संपत्ति l” यह शब्द पुराने नियम के निर्गमन 19:5; व्यवस्थाविवरण 7:6, और भजन 135:4 में मिलता है, जहाँ यह इस्राएल राष्ट्र का सन्दर्भ देता है l किन्तु वही शब्द चित्र नए नियम में प्रेरित पतरस के कलम द्वारा लिखा गया है l वह “परमेश्वर की प्रजा” का वर्णन कर रहा है, जिन पर “दया हुयी है” (पद.10), जो इस्राएल राष्ट्र के अलावा एक संग्रह है l दूसरे शब्दों में, वह उन लोगों के बारे में बात कर रहा है जो यीशु पर विश्वास करते हैं, यहूदी और गैरयहूदी दोनों l और वह लिखता है, “पर तुम . . . (परमेश्वर की) निज प्रजा हो” (पद.9) l
कल्पना करें! स्वर्ग का महान और शक्तिशाली राजा आपको अपने विशेष खज़ाना में शामिल किया है l उसने आपको पाप और मृत्यु की पकड़ से बचाया है l वह आपको अपना मानता है l राजा के शब्द है, “यह मुझे पसंद है l यह मेरा है l”
परमेश्वर की बातें
बारना समूह द्वारा 2018 में किये गए एक अध्ययन में पाया गया कि अधिकाँश अमरीकी परमेश्वर के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं l केवल सात फीसदी अमरीकी लोगों का कहना है कि वे नियमित रूप से आध्यात्मिक मामलों के बारे में बात करते हैं – और अमेरिका में यीशु में व्यवहारिक विश्वासीउतने भिन्न नहीं है l केवल तेरह फीसदी नियमित रूप से चर्च जानेवाले कहते हैं कि वे सप्ताह में एक बार आध्यात्मिक बातचीत करते हैं l
शायद यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आध्यात्मिक बातचीत गिरावट पर है l परमेश्वर के बारे में बात करना खतरनाक हो सकता है l चाहे एक ध्रुवीकृत(polarized) राजनितिक माहौल के कारण, क्योंकि असहमति किसी सम्बन्ध में दरार पैदा कर सकती है, या क्योंकि एक आध्यात्मिक बातचीत से आपको अपने जीवन में बदलाव की आवश्यकता का अहसास हो सकता है – ये उच्च स्तर की बातचीत की तरह महसूस हो सकते हैं l
लेकिन परमेश्वर के लोगों को दिए गए निर्देशों में, इस्राएली, व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में, परमेश्वर के बारे में बात करना रोजमर्रा की ज़िन्दगी का एक सामान्य, स्वभाविक हिस्सा हो सकता है l परमेश्वर के लोगों को उनके शब्दों को याद करना और उन्हें उन जगहों पर प्रदर्शित करना था जहाँ वे अक्सर देखे जाते थे l व्यवस्था में कहा गया है कि अपने बच्चों के साथ जीवन के लिए परमेश्वर के निर्देशों के बारे में बात करें “घर में बैठे मार्ग पर चलते, लेटते-उठते” (11:19) l
परमेश्वर हमें बातचीत करने के लिए बुलाता है l एक मौका ले लें, आत्मा पर भरोसा करें, और अपनी छोटी सी बात को और गहरा करने की कोशिश करें l परमेश्वर हमारे समुदायों को आशीष देगा क्योंकि हम उसके शब्दों के बारे में बात करते हैं और उनका अभ्यास करते हैं l
एक का अनुमोदन
जब प्रसिद्द संगीतकार गुइसेप्पी वर्डी (1813-1901) युवा थे, तो अनुमोदन की भूख ने उन्हें सफलता की ओर खींचा l वोरेन विएर्स्बी ने उनके बारे में लिखा : “जब वर्डी ने फ्लोरेंस में अपना पहला opera(संगीत-नाटक) तैयार किया, तो संगीतकार खुद अँधेरे में खड़े थे और दर्शकों में एक आदमी के चेहरे पर अपनी नज़र गड़ाए रखे थे – महान रोस्सिनी l यह वर्डी के लिए मायने नहीं रखता था कि हॉल के लोग उसकी तारीफ कर रहे थे या उसका मज़ाक बना रहे थे; वह केवल मास्टर संगीतकार की मंजूरी की मुस्कान का अनुमोदन चाहते थे l”
हम किसका अनुमोदन चाहते हैं? माता-पिता का? मालिक/बॉस का? प्रेम रूचि का? पौलुस के लिए, केवल एक ही उत्तर था l उसने लिखा, “जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं, और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं” (1 थिस्सलुनीकियों 2:4) l
परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करने का क्या अर्थ है? कम से कम दो बातें शामिल हैं : दूसरों की वाहवाही की इच्छा से मुहं फेर लेना और उसकी आत्मा को हमें मसीह की तरह बनाने की अनुमति देना – वह जो हमें प्रेम करता था और हमारे लिए खुद को दे दिया l जब हम अपने भीतर और हमारे द्वारा उसके सिद्ध उद्देश्यों के प्रति समर्पित होते हैं, हम एक दिन की बाट जोह सकते हैं जब हम उसके अनुमोदन की मुस्कान का अनुभव करेंगे – जो सबसे अधिक मायने रखता है l
बड़ा भाई
लेखक हेनरी नावेन रूस के सैंट पीटर्सबर्ग के एक संग्रहालय में अपनी यात्रा को याद करते हैं, जहाँ उन्होंने उड़ाऊ पुत्र के रेम्ब्रांट के चित्रण पर चिंतन करते हुए घंटों बिताए l जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, पास की खिड़की से प्राकृतिक प्रकाश में बदलाव ने नोवें को इस धारणा के साथ छोड़ दिया कि वह कई अलग-अलग चित्रों को देख रहा था जैसे कि प्रकाश के परिवर्तन थे l प्रत्येक एक टूटे हुए बेटे के लिए एक पिता के प्यार के बारे में कुछ बताने की कोशिश कर रहा था l
नोवेन का वर्णन है कि कैसे लगभग चार बजे, पेंटिंग में तीन आकृतियाँ “आगे की ओर” उभर आयीं l पहला बड़ा बेटा था, जिसने अपने पिता की इच्छा में उड़ाऊ छोटे भाई की राजसी वापसी को नापसंद किया l आख़िरकार, क्या उसने परिवार के धन के एक बड़े हिस्से को व्यर्थ खर्च करके, उनके लिए पीड़ा और शर्मिन्दिगी नहीं था? (लूका 15:28-30) l
अन्य दो आकृतियों ने नोवें को उन धार्मिक अगुओं की याद दिलाई जो यीशु के बताए हुए दृष्टान्त में मौजूद थे l वे लोग थे जो पापियों के बारे में पृष्ठभूमि में बुदबुदाते थे जिन्हें यीशु आकर्षित कर रहा था (पद.1-2) l
नोवेन ने खुद को उन सभी में देखा – अपने सबसे छोटे बेटे के बर्बाद जीवन में, बड़े भाई और धार्मिक नेताओं की निंदा करने में, और एक पिता के दिल में जो किसी के लिए और सभी के लिए काफी बड़ा है l
हमारे बारे में क्या है? क्या हम खुद को रेब्रांत की पेंटिंग में कहीं भी देख सकते हैं? किसी तरह, यीशु द्वारा बतायी गयी हर कहानी हमारे बारे में है l