माह: अगस्त 2020

निर्बलों को बचाओ

आप क्या चुनेंगे - स्विट्जरलैंड में छुट्टी या प्राग में बच्चों को खतरे से बचाना? निकोलस विंटन, जो एक साधारण आदमी था, ने  बाद वाला चुना l 1938 में चेकोस्लोवाकिया और जर्मनी के बीच युद्ध क्षितिज पर लग रहा था l निकोलस ने प्राग में शरणार्थी शिविरों का दौरा करने के बाद, जहां कई यहूदी नागरिक भयानक परिस्थितियों में रहते थे, उसने मदद करने की योजना बनाने के लिए विवश हुआ l उसने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से पहले ब्रिटिश परिवारों द्वारा देखभाल के लिए प्राग से ग्रेट ब्रिटेन तक सुरक्षित रूप से सैकड़ों बच्चों को पहुंचाने के लिए धन जुटाया l

उसके कार्यों ने भजन 82 में उन लोगों के बारे में उदाहरण प्रस्तुत किया जो “कंगाल और निर्धन का न्याय [चुकाते] है” (पद.3) l इस भजन का लेखक आसफ,  अपने लोगों को इस कारण के लिए प्रवीण बनाना चाहते थे : “कंगाल और निर्धन को बचा लो; दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ” (पद.4) l जैसे बच्चों को बचाने के लिए निकोलस ने अथक प्रयास किया,  भजनकार ने उन लोगों के लिए बोला जो खुद के लिए नहीं बोल सकते थे - गरीब और विधवा जिन्हें न्याय और सुरक्षा की आवश्यकता थी l

आज हम हर जगह देखते हैं कि हम युद्ध, तूफान और अन्य कठिनाइयों के कारण लोगों को जरूरत को देखते हैं l हालाँकि हम हर समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं,  हम प्रार्थनापूर्वक विचार कर सकते हैं कि हम उन परिस्थितियों में मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं जो परमेश्वर हमारे जीवन में लाता है l

आत्मिक ड्राइविंग(चालन)

जब हम अपने ड्राइविंग स्कूल के प्रशिक्षक से ड्राइव करना सीख रहे थे, तो प्रशिक्षक हमेशा कहा करते थे कि हम सड़क को बारीकी से देखें, खतरों की पहचान करें, यह अनुमान लगाने के लिए कि खतरे क्या हो सकते हैं, तय करें कि हम कैसे प्रतिक्रिया करेंगे, और फिर, यदि आवश्यक हो, तो उस योजना को निष्पादित करें l यह दुर्घटनाओं से बचने के लिए जानबूझकर की जाने वाली रणनीति थी l

मैं सोचता हूँ कि यह विचार हमारे आध्यात्मिक जीवन में कैसे स्थानांतरित हो सकता है l  इफिसियों 5 में, पौलुस ने इफिसियों के विश्वासियों से कहा, ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो : निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमान के समान चलो” (पद.15) l पौलुस जानता था कि कुछ ख़तरनाक बाधाएँ इफिसियों को पटरी से उतार दे सकते थे - यीशु में उनके नए जीवन के साथ जीवन के पुराने तरीकों का संघर्ष (पद.8, 10-11) l इसलिए उसने उन्नति कर रही कलीसिया को ध्यान देने का निर्देश दिया l

अनुवादित शब्द “ध्यान से देखो, कि कैसी चलते हो” का शाब्दिक अर्थ है “देखें कि आप कैसे चलते हैं l” दूसरे शब्दों में, चारों ओर देखो l खतरों पर ध्यान दें,  और मतवालापन और निरंकुश जीवन (पद.18) जैसे व्यक्तिगत खतरों से बचें l इसके बजाय, प्रेरित ने कहा, हम अपने जीवन के लिए परमेश्वर की इच्छा को खोज सकते हैं (पद.17), जबकि, साथी विश्वासियों के साथ,  हम गाते हैं और उसे(परमेश्वर को) धन्यवाद देते हैं पद.19-20) l

कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम किस खतरे का सामना करते हैं - और यहां तक ​​कि जब हम ठोकर खाते हैं - हम मसीह में अपने नए जीवन का अनुभव कर सकते हैं जब हम उसकी असीम सामर्थ्य और अनुग्रह पर निर्भरता में उन्नति करते हैं l

खुबसूरत इनाम

अमेरिका में एक शिक्षक डोनेलन, हमेशा एक पाठक(Reader) थी,  लेकिन एक दिन इसका पूरा लाभ मिला l वह अपनी लंबी बीमा पॉलिसी की समीक्षा कर रही थी जब पृष्ठ 7 पर उसे एक अद्भुत इनाम मिला l उनके “It Pays to Read(पढ़ने से मिलता है)” प्रतियोगिता के हिस्से के रूप में,  कंपनी पहले व्यक्ति को उस अनुबंध को इतनी दूर तक पढ़ने के लिए $ 10,000 (लगभग 72 लाख) दे रही थी l  उन्होंने बच्चों की साक्षरता के लिए उसके क्षेत्र के स्कूलों को हजारों डॉलर का दान दिया l वह कहती है,  “मैं हमेशा वह व्यक्ति रही हूं जो अनुबंध(contract) पढ़ती है l मैं सबसे ज्यादा किसी के बाबत हैरान थी!”

भजनकार चाहता था कि उसकी आँखें परमेश्वर के बारे में “अद्भुत बातें” देखने के लिए खुल जाएँ (भजन 119:18) l उसके पास एक समझ ज़रूर थी कि परमेश्वर चाहता है कि वह जाना जाए, और इसलिए वह उसके(परमेश्वर) साथ गहरी निकटता की चाह रखता था l उसकी इच्छा यह देखने की अधिक थी कि परमेश्वर कौन है,  उसने पहले से क्या दिया है,  और उसका अनुसरण और अधिक निकटता से कैसे करें (पद.24,98) l उसने लिखा, "आहा! मैं तेरी व्यवस्था से कैसी प्रीति रखता हूँ” (पद.97) l

हमारे पास भी परमेश्वर, उसके चरित्र और उसके प्रावधानों के बारे में विचार करने और उसके बारे में जानने के लिए समय निकालने का विशेषाधिकार है – उसके विषय में जानना और उसके निकटता में उन्नति करना l परमेश्वर चाहता है कि वह हमें निर्देश दे, मार्गदर्शित करे, और वह कौन है के प्रति हमारे हृदयों को खोल दे l जब हम उसे खोजते हैं,  तो वह हमें अधिक आश्चर्यचकित करता है कि वह कौन है और उसकी उपस्थिति का आनंद क्या है!

मैं यहाँ कैसे पहुंचा?

तारा एयर कनाडा जेट विमान के अन्दर घोर अँधेरे में जागी l अभी भी अपनी सीट बेल्ट पहनी हुई, वह सो गई थी जबकि अन्य यात्री बाहर निकल गए और विमान को खड़ा कर दिया गया था l किसी ने उसे क्यों नहीं जगाया?  वह यहां कैसे पहुंची?  उसने अपने दिमाग के जालों को हटाया और याद करने की कोशिश की l

क्या आपने खुद को ऐसी जगह पाया है जिसकी आपने कभी उम्मीद नहीं की थी?  आप इस बीमारी से ग्रस्त होने के लिए बहुत छोटे हैं,  और यह लाइलाज है l आपकी अंतिम समीक्षा उत्कृष्ट थी;  आपके पद को क्यों समाप्त किया जा रहा है?  आप अपनी शादी के सबसे अच्छे वर्षों का आनंद ले रहे थे l अब आप एक अंशकालिक नौकरी के साथ एकल अभिभावक के रूप में फिर से शुरुआत कर रहे हैं l

मैं यहाँ कैसे पहुंचा?  अय्यूब ने “राख पर” (अय्यूब 2:8) बैठ कर सोचा होगा l कुछ ही समय में, उसने पूरी तौर से अपने बच्चों,  अपने धन और अपने स्वास्थ्य को खो दिया था l वह अनुमान नहीं लगा सकता था कि वह यहाँ कैसे पहुंचा;  वह सिर्फ इतना जानता था कि उसे याद रखना है l

अय्यूब ने अपने सृष्टिकर्ता को याद किया और कि वह कितना अच्छा था l उसने अपनी पत्नी से कहा, “क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दुःख न लें? अय्यूब को याद था कि वह इस अच्छे परमेश्वर पर विश्वासयोग्य होने के लिए उस पर भरोसा कर सकता था l और उसने खेद प्रगट किया l वह स्वर्ग पर चिल्लाया l और वह आशा में विलाप किया, “मुझे निश्चय है कि मेरा छुड़ानेवाला जीवित है,” और कि “मैं शरीर में होकर [उसका] दर्शन करूँगा” (19:25-26) l अय्यूब आशा को थामे रहा जब उसने याद किया कि कहानी किस प्रकार शुरू हुई और कैसे समाप्त होती है l

मछली पकड़ना मना है

प्रलय उत्तरजीवी(Holocaust Surviver) कोरी टेन बूम को क्षमा का महत्व पता था l अपनी किताब में,  वह कहती है कि उसकी पसंदीदा मानसिक तस्वीर समुद्र में फेंके गए पापों की थी l  “जब हम अपने पापों को मान लेते हैं, परमेश्वर उनको गहरे समुद्र में फेंक देता है, पाप  हमेशा के लिए चले गए . . . मेरा मानना ​​है कि उसके बाद परमेश्वर एक संकेत लगा देता है जो कहता है कि वहाँ मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है l”

वह एक महत्वपूर्ण सत्य की ओर इशारा करता है जो यीशु में विश्वासी कभी-कभी समझ नहीं पाते हैं - जब परमेश्वर हमारे अधर्म को क्षमा कर देता है,  तो हम पूरी तरह से क्षमा कर दिए जाते हैं! हमें अपने शर्मनाक कामों को उखाड़ते नहीं रहना है,  गंदी भावनाओं के कीचड़ में लोटना l इसके बदले हम उसके अनुग्रह और क्षमा को स्वीकार कर सकते हैं, स्वतंत्रता में उसका अनुसरण करते जाएँ l 

हम भजन 130  में “मछली पकड़ना मना है” के विचार को देखते हैं l भजनकार घोषणा करता है कि यद्यपि परमेश्वर न्यायी है, वह पश्चाताप करने वालों के पाप को क्षमा करता है : “परन्तु तू क्षमा करनेवाला है” (पद.4) l जब कि भजनकार परमेश्वर में अपना भरोसा रखते हुए उसकी प्रतीक्षा करता है (पद.5), वह विश्वास में बोलता है कि “इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा” (पद.8) l उस पर विशवास करनेवाले “पूरा छुटकारा” प्राप्त करेंगे (पद.7) l   

जब हम शर्म और अयोग्यता की भावनाओं में फंस जाते हैं,  तो हम अपने पूरे दिल से परमेश्वर  की सेवा नहीं कर सकते l इसके बजाय,  हम अपने अतीत से प्रतिबंधित होते हैं l यदि आप अपने द्वारा किए गए गलत कार्य से निरुपाय महसूस करते हैं,  तो परमेश्वर से क्षमा याचना और नए जीवन के उपहार में पूरी तरह से विश्वास करने में आपकी सहायता करने के लिए कहें l उसने आपके पापों को समुद्र में डाल दिया है!