कोई ग़लतफ़हमी नहीं
एलेक्सा, सिरी और अन्य आवाज़ सहायक हमारे घरों में स्मार्ट उपकरणों में अन्तःस्थापित हैं, जिनको कभी-कभी ग़लतफ़हमी हो जाती है कि हम क्या कह रहे हैं l एक छह साल की लड़की ने अपने परिवार के नए उपकरण से बिस्कुट और गुड़ियाघर के बारे में बात की l बाद में उसकी माँ ने एक ई-मेल प्राप्त किया जिसमें कहा गया था कि सात पौंड बिस्कुट और 170 डॉलर का गुड़िया घर का एक ऑर्डर उसके घर पर पहुँच रहा था l लन्दन में एक बोलने वाले तोता ने, जिसके मालिक ने कुछ भी ऑनलाइन कभी नहीं ख़रीदा था, किसी तरह गोल्डन उपहार डिब्बों का एक पैकेज उनको बताए बगैर ऑर्डर कर दिया l एक व्यक्ति ने अपने उपकरण से “लिविंग रूम की बत्ती जलाने को कहा,” और उसने उत्तर दिया, “कोई भी पुडिंग रूम नहीं है l”
जब हम परमेश्वर से बात करते हैं तो परमेश्वर की ओर से ऐसी ग़लतफ़हमी नहीं होती है l वह कभी भी भ्रांत नहीं है, क्योंकि वह हमारे हृदयों को हमसे बेहतर जानता है l आत्मा हमारे हृदयों को टटोलता है और परमेश्वर की इच्छा को समझता भी है l प्रेरित पौलुस ने रोम की कलीसिया से कहा कि परमेश्वर हमें परिपक्व करने और हमें अपने पुत्र के समान बनाने के अपने भले उद्देश्य को पूरा करेगा (रोमियों 8:28) l यहाँ तक कि “हमारी दुर्बलता” के कारण हम नहीं जानते कि हमारी उन्नति के लिए हमें क्या चाहिए, आत्मा हमारे लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार प्रार्थना करता है (पद.26-27) l
परमेश्वर के सामने खुद को कैसे अभिव्यक्त करें के विषय समस्या है? समझ नहीं है कि क्या या कैसे प्रार्थना करें? अपने हृदय से जो आप बोल सकते हैं वह बोलें l आत्मा समझकर परमेश्वर का उद्देश्य पूरा करेगा l
सत्य, झूठ, और निगरानी
2018 के बेसबॉल के मौसम के दौरान, एक कोच डगआउट(मैदान के बाहर दोनों टीमों के लिए एक स्थान) के किनारे बैठे एक छोटे लड़के को एक बेसबॉल देना चाहता था l लेकिन जब कोच ने उसकी ओर बॉल उछाला, तो उसकी जगह पर एक व्यक्ति ने उसको पकड़ लिया l इस घटना का विडियो वायरल हो गया l समाचार ब्यूरो और सोशल मीडिया इस मनुष्य की “भावशून्यता” के साथ कठोरता से पेश आए l दर्शक को छोड़कर दूसरे पूरी कहानी को नहीं जानते थे l इसके पहले, इस व्यक्ति ने उस छोटे बच्चे की मदद एक फ़ाउल बॉल पकड़ने में की थी; और वे दोनों उनकी ओर आने वाले कोई भी अतिरिक्त बॉल पकड़ने की साझेदारी करने के लिए सहमत हुए थे l दुर्भाग्यवश, सच्ची कहानी को उभरने में चौबीस घंटे लगे l भीड़ ने उस निर्दोष आदमी को दोषी ठहरा कर पहले ही हानि कर लिया था l
कई बार, हम सोचते हैं कि हमारे पास सभी तथ्य हैं जबकि हमारे पास केवल अंश होते हैं l हमारी आधुनिक गोटचा(gotcha-पकड़ लिया) संस्कृति में, नाटकीय विडियो के टुकड़ों और उत्तेजित ट्वीट्स में, पूरी कहानी सुने बगैर लोगों को दोषी ठहराना आसान है l हालाँकि, पवित्रशास्त्र हमें चेतावनी देता है, “झूठी बात न फैलाना” (निर्गमन 23:1) l हम दोष लगाने से पहले सच्चाई की पुष्टि करने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिससे यह सुनिश्चित हो जाए कि हम झूठ में शामिल नहीं हो रहे हैं l जब भी सतर्कता वाली आत्मा गिरफ्त में ले ले, जब भी भावावेश सुलगता हो और निर्णय की लहरें उठने लगे तो हमें सतर्क रहना है l हमें “अन्यायी साक्षी होकर दुष्ट का साथ न” देने में खुद को सुरक्षित करना होगा (पद.2) l
यीशु के विश्वासी के रूप में, परमेश्वर हमें झूठ को फैलाने से रोकने में मदद करे l वह हमारी बुद्धिमत्ता को प्रदर्शित करने की आवश्यकता का प्रबंध करे और हमारे शब्द वास्तव में सच्चे हैं की पुष्टि करे l
एक अनापेक्षित अतिथि
जैक एक अकेला व्यक्ति था l जब वह शहर के सड़कों पर चलता था, वह प्रतिकूल नज़र को महसूस कर सकता था l लेकिन उसके बाद उसके जीवन ने एक करवट लिया l धर्म पिताओं में से एक, सिकंदरिया का क्लेमेंट, कहते हैं कि जैक एक बहुत ही प्रमुख मसीही अगुआ बना और कैसरिया में चर्च का पास्टर बना l जी हाँ, हम जक्कई के विषय बात कर रहे हैं, कर अधिकारी जो यीशु को देखने के लिए एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया था (लूका 19:1-10) l
किसने उसे पेड़ पर चढ़ने के लिए प्रेरित किया? कर अधिकारियों को देशद्रोही समझा जाता था क्योंकि रोमी साम्राज्य की सेवा करने के कारण वह अपने ही लोगों पर भारी कर लगाया करते थे l इसके बावजूद ऐसों को स्वीकार करने के लिए यीशु के पास एक ख्याति थी l जक्कई शायद सोचा होगा कि क्या यीशु उसे भी स्वीकार करेगा l कद में नाटा होने के कारण, हालाँकि, वह भीड़ के ऊपर देखने में असमर्थ था (पद.3) l शायद उसे देखने के लिए वह एक पेड़ पर गया l
और यीशु भी जक्कई को ढूंढ़ रहा था l जब मसीह पेड़ के निकट पहुँचा जहाँ पर वह चढ़ा हुआ था, उसने ऊपर देखा और कहा, “जक्कई, झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है” (पद.5) l यीशु ने इस बात को बिलकुल अनिवार्य माना की वह इस परित्यक्त के घर पर अतिथि हो l इसकी कल्पना कीजिये! संसार का उद्धारकर्ता सामाजिक रूप से तिरस्कृत के साथ समय व्यतीत करना चाहता है l
चाहे हमारे हृदय, सम्बन्ध, अथवा जीवन जिसे दुरुस्ती की ज़रूरत है, जक्कई की तरह हमारे पास आशा हो सकती है l यीशु हमें तिरस्कृत नहीं करेगा जब हम उसकी ओर मुड़ते हैं l जो खो, और टूट गया है उसे वह पुनर्स्थापित कर सकता है और हमारे जीवनों को नया अर्थ और उद्देश्य दे सकता है l
यीशु में अटूट
लूई जैम्पेरिनी का सैन्य विमान युद्ध के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें आठ लोगों की मृत्यु हो गयी l “लूई” और दो अन्य लोग जीवन बेड़ा पर कठिनाई से चढ़ने में सफल रहे l दो महीने तक समुद्र में इधर उधर बहते रहे, शार्कों से बचते रहे, तूफानों को पार करने की कोशिश करते रहे, शत्रु की गोलियों से बचते रहे, और कच्ची मछली और चिड़ियों को पकड़कर खाते रहे l अंततः वे बहकर एक द्वीप पर पहुँच गए और तुरंत गिरफ्तार कर लिए गए l दो वर्षों तक लूई को पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और उसने युद्ध बंदी के रूप में निर्दयता से काम किया l उसकी असाधारण कहानी अन्ब्रोकन(Unbroken) पुस्तक में बताई गई है l
यिर्मयाह बाइबल अटूट चरित्रों में से एक है l उसने शत्रु के षड्यंत्रों को सहा (यिर्मयाह 11:18), उसे कोड़े मारे गए और काठ में जकड़ दिया गया (20:2), उसे पीटा गया और काल कोठरी में डाल दिया गया (37:15-16), और उसे एक दलदल वाले गड़हे में रस्सियों से उतार दिया गया (38:6) l वह इसलिए बच गया क्योंकि परमेश्वर ने उसके साथ रहने और उसे बचाने का वादा किया था (1:8) l परमेश्वर हमारे साथ भी समान वादा करता है : “मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूँगा” (इब्रानियों 13:5) l परमेश्वर ने यिर्मयाह को या हम को परेशानी से बचाने की प्रतिज्ञा नहीं की है, लेकिन उसने परेशानियों में से होकर ले जाने की प्रतिज्ञा की है l
लूई ने परमेश्वर की सुरक्षा को पहचाना, और युद्ध के बाद अपना जीवन यीशु को दे दिया l उसने उसे कैद करनेवालों को क्षमा कर दिया और कुछ को मसीह के लिए जीत लिया l लूई ने समझ लिया कि यद्यपि हम समस्याओं से भाग नहीं सकते, मुझे उन्हें अकेले सहने की ज़रूरत नहीं है l जब हम यीशु के साथ उनका सामना करते हैं, हम अटूट हो जाते हैं l
मसीह का सुखद सुगंध
मैं एक गाँव के प्रचारक को जानता था जिसके दो पोते मेरे सबसे अच्छे मित्र थे l हम उनके साथ शहर जाते थे और इधर-उधर उनका अनुसरण करते थे जब वे खरीददारी करते थे और अपने परिचितों के साथ बातचीत करते थे l वह उन सभों को नाम से जानते थे और उनकी कहानियाँ भी जानते थे l वह यहाँ-वहाँ ठहरकर किसी बीमार बच्चे के बारे में या किसी मुश्किल विवाह के बारे में पूछते, और प्रोत्साहन के कुछ शब्द कहते l वे पवित्रशास्त्र को साझा करते थे और यदि वे ठीक समझते थे तो प्रार्थना करते थे l मैं उस व्यक्ति को भूल नहीं सकता l वह कुछ विशेष थे l वह अपना विश्वास किसी पर थोपते नहीं थे, लेकिन उसे हमेशा पीछे छोड़ते थे l
पौलुस के अनुसार वह वृद्ध प्रचारक अपने चारों ओर “मसीह का सुगंध” रखते थे (2 कुरिन्थियों 2:15) l परमेश्वर ने उन्हें [मसीह] के ज्ञान की सुगंध” फैलाने में उपयोग किया (पद.14) l अब वह परमेश्वर के पास हैं, लेकिन खुशबू लोमेटा में अभी भी ठहरा हुआ है l
सी. एस. ल्युईस ने लिखा, “कोई साधारण लोग नहीं हैं l आपने कभी केवल मनुष्य से बात नहीं की है l” एक और तरीके से समझें, प्रत्येक मानव संपर्क में अनंत प्रभाव है l हर दिन हमारे पास एक विश्वासयोग्य और विनम्र जीवन के शांत साक्षी के द्वारा या एक थके हुए आत्मा को प्रोत्साहित करने वाले शब्दों के द्वारा हमारे आस-पास के लोगों के जीवन में बदलाव करने के अवसर हैं l कभी भी दूसरों पर होने वाले मसीह के समान जीवन के प्रभाव को कम न आंकें l